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आयुर्वेद के अनुसार प्रेग्नेंसी में क्या नहीं खाना चाहिए? जानें डॉक्टर से

Food to Avoid During Pregnancy According to Ayurveda: आयुर्वेद के अनुसार, प्रेग्नेंसी में कुछ चीजों का सेवन करने से होने वाली मां और गर्भस्थ शिशु को नुकसान पहुंच सकता है। आइए जानते हैं इसके बारे में...
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आयुर्वेद के अनुसार प्रेग्नेंसी में क्या नहीं खाना चाहिए? जानें डॉक्टर से


Food to Avoid During Pregnancy According to Ayurveda : प्रेग्नेंसी का दौर बहुत नाजुक होता है। आयुर्वेद में प्रेग्नेंसी को हर महिला के लिए विशेष समय माना गया है। इस दौरान महिलाओं को शरीर और मन दोनों ही काफी संवेदनशील होते हैं। प्रेग्नेंसी में सही खान-पान और जीवनशैली का पालन करना बेहद जरूरी माना जाता है। प्रेग्नेंसी में यदि मां का खानपान सही हो, तभी गर्भस्थ शिशु का विकास सही तरीके से हो पाता है। यही कारण है प्रेग्नेंसी के दौरान आयुर्वेद में कुछ खास चीजों को खाने की मनाही है।

ऐसा कहा जाता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं इन चीजों का सेवन करें, तो यह होने वाली मां और गर्भस्थ शिशु को नुकसान पहुंचा सकती है। आज इस लेख में हम इसी विषय पर बात करने वाले हैं। इस विषय पर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए ओनलीमायहेल्थ की टीम ने दिल्ली के राजौरी गार्डन में प्रैक्टिस कर रहीं आयुर्वेदिक डॉ. चंचल शर्मा से बात की।

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1. उष्ण प्रकृति वाले खाद्य पदार्थ

डॉ. चंचल शर्मा का कहना है कि प्रेग्नेंसी में उष्ण प्रकृति वाले खाद्य पदार्थ यानी की जिन खाद्य पदार्थों की तासीर गर्म होती है, उसका सेवन करने से बचना चाहिए। प्रेग्नेंसी में उष्ण प्रकृति वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने से गर्भपात का कारण बन सकता है। विशेषकर प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में तिल का तेल, अजवाइन, मसालेदार भोजन और मांसाहारी खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए।

2. चना दाल

प्रेग्नेंसी के दौरान चना और उड़द की दाल का सेवन नहीं करना चाहिए। चना और उड़द की दाल में प्यूरिन पाया जाता है। इन दालों का सेवन करने से पेट में दर्द, एसिडिटी और गैस की समस्या हो सकती है। जिन महिलाओं को पहले ही गैस और एसिडिटी की समस्या है, उन्हें प्रेग्नेंसी के दौरान इन दालों का सेवन करने से समस्याएं और भी बढ़ सकती है।

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3. बैंगन

बैंगन को सब्जियों का राजा कहा जाता है, लेकिन आयुर्वेद में प्रेग्नेंसी के दौरान बैंगन का सेवन करने की मनाही होती है। बैंगन में मौजूद सोलेनाइन नामक तत्व होता है। इसका सेवन करने से पेट में एलर्जी, उल्टी और गैस भी हो सकती है। इतना ही नहीं, प्रेग्नेंसी में बैंगन का सेवन करने से गर्भपात का भी खतरा बढ़ता है।

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4. कैफीन

चाय, कॉफी और कोल्ड ड्रिंक में कैफीन पाया जाता है। प्रेग्नेंसी के दौरान कैफीन का सेवन करने से गर्भस्थ शिशु के विकास पर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं। आयुर्वेद में इनसे पूरी तरह बचने की सलाह दी जाती है। प्रेग्नेंसी के दौरान कैफीन का सेवन करने से ब्लड प्रेशर, हार्ट प्रॉब्लम का खतरा बढ़ता है। इतना ही नहीं, कैफीन का सेवन पेशाब की आवृत्ति को भी बढ़ाता है, जिससे शरीर पानी की कमी हो सकती है।

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5. त्रिफला

आयुर्वेद के अनुसार, प्रेग्नेंसी में त्रिफला, त्रिफला चूर्ण और त्रिफला युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से भी बचना चाहिए। त्रिफला की तासीर गर्म होती है। गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्थ गर्भपात के खतरे को बढ़ाते हैं। इसके अलावा, स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को भी त्रिफला का सेवन न करने की सलाह दी जाती है। आयुर्वेदिक डॉक्टर का कहना है कि स्तनपान कराने वाली महिलाएं त्रिफला का सेवन करें, तो इसकी वजह से नवजात शिशु को दस्त और पाचन संबंधी अन्य समस्याएं हो सकती हैं।

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इन चीजों के अलावा आयुर्वेद में प्रेग्नेंसी के दौरान अधपका मांस, अधपकी सब्जियां, कच्चे अंकुरित अनाज और कच्चे पपीते का सेवन करने की मनाही है। इन चीजों से संक्रमण का खतरा हो सकता है, जो गर्भवती महिला और शिशु दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है।

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निष्कर्ष

प्रेग्नेंसी में सही आहार का चयन करना बेहद जरूरी है। आयुर्वेद के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को ऐसे खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए, जो उनके शरीर में असंतुलन पैदा कर सके। 

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