Why Is Eggplant Not Good For Pregnancy In Hindi: बैंगन एक न्यूट्रिशियस सब्जी है। इसमें कई तरह के पोषक तत्व होते हैं, जैसे विटामिन-के, पोटैशियम, फोसफोरस, फोलेट और फाइबर आदि। सामान्यतः माना जाता है कि गर्भवती महिला बैंगन का सेवन कर सकती है। इससे गर्भ में पल हरे भ्रूण का विकास बेहतर तरीके से होता है, बर्थ डिफेक्ट से बचाव होता है। लेकिन, आयुर्वेद की मानें, तो बैंगन गर्भवती महिला के लिए बिल्कुल फायदेमंद नहीं है। इसके उलट, गर्भावस्था में बैंगन का सेवन करना मां और गर्भ में पल रहे शिशु के लिए नुकसानदायक हो सकता है। सवाल है, ऐसा क्यों? आखिर आयुर्वेद के अनुसार गर्भावस्था में बैंगन का सेवन क्यों नहीं करना चाहिए? आइए, इस बारे में दिल्ली नगर निगम के चीफ मेडिकल ऑफिसर (आयुर्वेद) डॉ आर. पी. पाराशर से जानते हैं।
गर्भवती महिलाओं को बैंगन क्यों नहीं खाना चाहिए?- Why Is Eggplant Not Good For Pregnancy In Hindi
गर्भवती महिलाओं को अपनी डाइट का बहुत खास ख्याल रखना चाहिए। क्योंकि सेहत के साथ जरा सी भी लापरवाही बरतना गर्भ में पल रहे शिशु और मां की सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। बहरहाल, गर्भावस्था में कई महिलाएं बैंगने खाने से बचती हैं। आयुर्वेद के अनुसार बैंगन ऊष्ण वीर्य युक्त होता है अर्थात गर्म तासीर का होता है। आयुर्वेद में भी गर्भावस्था में बैंगन खाना नुकसानदायक माना जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा मात्रा में फाइटोहार्मोंस होते हैं। फाइटोहार्मोंस प्री-मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम और एमेनोरिया के लिए इलाज में उपयोगी होता है। इसका मतलब है कि अगर गर्भवती महिला काफी ज्यादा मात्रा में बैंगन का सेवन करती है, तो इसकी वजह से गर्भावस्था में महिला को ब्लीडिंग हो सकती है। गर्भावस्था में पीरियड्स होना सुरक्षित नहीं है। इससे बच्चे की सेहत को नुकसान हो सकता है। यहां तक कि गर्भवती महिला में कॉम्प्लीकेशंस भी बढ़ सकते हैं।
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गर्भावस्था में बैंगन खाने के नुकसान- Side Effects Of Eating Eggplant During Pregnancy In Hindi
एसिडिटी बढ़ सकती है
गर्भावस्था में महिला को एसिडिटी की प्रॉब्लम काफी ज्यादा होती है। आयुर्वेद की मानें, तो बैंगन में कुछ ऐसे तत्व होते हैं, जिसकी वजह से गर्भवती को नुकसान हो सकता है। बैंगन में मौजूद सोलेनाइन नामक तत्व विषाक्त होता है जिससे एसिडिटी बढ़ सकती है। यह कंडीशन प्रेग्नेंट महिला के लिए सही नहीं है। अगर लंबे समय तक महिला को एसिडिटी बनी रहती है, तो इसकी वजह से उसकी असहजता बढ़ सकती है, जो बच्चे की सेहत पर नेगेटिव असर डाल सकता है। बैंगन खाने से एलर्जी हो सकती है, उल्टियां लग सकती हैं और गैस भी बन सकती है।
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प्री-मैच्योर डिलीवरी हो सकती है
कोई भी महिला यह नहीं चाहती है कि उसकी प्री-मैच्योर डिलीवरी हो। ऐसा होना महिला और शिशु दोनों के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। प्री-मैच्यारे डिलीवरी होने पर बच्चे को स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या हो सकती है, जैसे आंखों की रोशनी कमजोर हो सकती है, संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, बच्चे की इम्यूनिटी कमजोर हो सकती आदि। बैंगन खाने से प्री-मैच्योर डिलीवरी का रिस्क बढ़ सकता है। वास्तव में, बैंगन ऐसी मिट्टी में उगाया जाता है, जो टॉक्सोप्लासमोसिस से भरपूर है। अगर बैंगन को पकाने से पहले उसे अच्छी तरह धोया न जाए, तो मिट्टी के कण बैंगन में रह जाते हैं। यह मिट्टी गर्भवती महिला के स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल सही नहीं है।
जेस्टेशन डायबिटीज का रिस्क बढ़ सकता है
बैंगन का ग्लाइसेमि इंडेक्स स्तर मॉडरेट होता है। अगर किसी महिला को जेस्टेशनल डायबिटीज है, तो उन्हें लो-ग्लोइसेमिक इंडेक्स से युक्त चीजों को सेवन अधिक करना चाहिए। बैंगन का ग्लाइसेमिक इंडेस्क जेस्टेशनल डायबिटीज से पीड़ित महिला के लिए सही नहीं है। इससे उनका ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है। यह बच्चे और मां, दोनों के लिए सही नहीं है।
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