गर्भवती महिलाओं को कई तरह के पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इसमें सभी तीह के पोषक तत्व शामिल होते हैं, जैसे विटामिन्स, मिनरल्स, प्रोटीन आदि। अगर इनमें किसी भी चीज की कमी हो जाए, तो इससे गर्भ में पल रहे शिशु के ग्रोथ पर निगेटिव असर पड़ सकता है। इससे पहले कि हम यह जानें कि गर्भवती महिला के लिए प्रोटीन इतना जरूरी क्यों है? यह जान लेते हैं कि आखिर प्रोटीन हमारे लिए इतना अहम क्यों है? आपको शायद यह बात पता हो कि हमारे शरीर में पानी के बाद सबसे ज्यादा मात्रा में प्रोटीन ही पाया जाता है। तरह-तरह के प्रोटीन हमारे शरीर में मौजूद होते हैं और सबकी अपनी-अपनी भूमिका होती है। यह हमारे सेल्स को बनाने का का करते हैं। प्रोटीन हमारे मसल्स, स्किन और ब्लड में मौजूद होते हैं। तो फिर प्रोटीन प्रेग्नेंसी में इतना महत्वपूर्ण क्यों है? आइए, वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से जानते हैं।
गर्भवती महिलाओं के लिए प्रोटीन इतना जरूरी क्यों है?- Why Protein Is Important In Pregnancy In Hindi
शिशु के ग्रोथ के लिए जरूरी है प्रोटीन
शिशु की सही ग्रोथ हो, इसके लिए बहुत जरूरी है कि गर्भवती महिला अपनी डाइट में प्रोटीन का इनटेक पर्याप्त रखे। असल में, प्रोटीन की सही मात्रा लेने से शिशु की ग्रोथ बेहतर होती है और प्लेसेंटा पर भी प्रोटीन का पॉजिटिव असर पड़ता है। यही नहीं, प्रोटीन की मदद से टिश्यूज और ब्लड वॉल्यूम को भी एक्सपैंशन मिलता है यानी विस्तार में सहायक साबित होते हैं।
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प्रोटीन की मदद से मसल्स फंक्शन में सुधार होता है
प्रेग्नेंसी में मसल्स का बहुत अहम योगदान होता है। खासकर, एब्डोमिनल मसल्स, पल्विक फ्लोर मसल्स और बैक मसल्स। अगर इनमें से एक हिस्से की मसल कमजोर होती है, तो गर्भ में भ्रूण को कैरी करना महिला के लिए मुश्किल हो सकता है। वहीं, प्रोटीन की मदद से शरीर के हर हिस्से में मौजूद मसल्स सुचारू ढंग से फंक्शन करते हैं, जिससे प्रेग्नेंसी की जर्नी सहज हो जाती है। आपको बता दें कि प्रेग्नेंसी के दौरान अक्सर पेल्विक फ्लोर मसल्स कमजोर हो जाती हैं। इसलिए, प्रेग्नेंसी की शुरुआती दिनों में ही इसकी केयर करना आवश्यक हो जाता है।
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ऑक्सीजन सप्लाई बेहतर होती है
यह बात हम सभी जानते हैं कि बॉडी में ऑक्सीजन सप्लाई के लिए हीमोग्लोबिन की आवश्यकता होती है। हीमाग्लोबिन की कमी की आपूर्ति के लिए बॉडी में पर्याप्त मात्रा में आयरन की जरूरत होती है। लेकिन, आपको बता दें कि हीमोग्लोबिन प्रोडक्शन के लिए प्रोटीन का योगदान अहम होता है। जब प्रेग्नेंसी की अवस्था में प्रोटीन की मात्रा पर्याप्त रहती है, तो हीमोग्लोबिन का प्रोडक्शन सही रहता है, जिससे बॉडी में ऑक्सीजन ट्रांसफर सही तरह से हो पाता है। नतीजतन, बच्चे की ग्रोथ भी बेहतर तरीके से होती है।
प्रोटीन जन्म के समय बच्चे का वजन संतुलित रखता है
अगर गर्भावस्था में महिला पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन लेती है, तो जन्म के समय उनके शिशु का बॉडी वेट भी संतुलित रहता है। दरअसल, प्रोटीन की वजह से कई तरह के जोखिम भी कम होते हैं, जैसे प्री-मैच्योर बर्थ और प्रीक्लैंप्सिया। ध्यान रखें कि प्रीक्लैंप्सिया उस अवस्था को कहते हैं जब गर्भावस्था के दौरान महिला का ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है। किसी भी प्रेग्नेंट महिला के लिए हाई ब्लड प्रेशर होना सही नहीं है। इससे बच्चे और मां की जान को जोखिम हो सकता है।
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