इमली का खट्टा स्वाद हर किसी को पसंद होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इमली के गूदे की तरह ही इसके बीज भी सेहत के लिए बेहद लाभकारी होते हैं। आयुर्वेदिक मान्यता के अनुसार, इन बीजों का नियमित और संतुलित सेवन पुरुषों के यौन स्वास्थ्य, पाचन शक्ति और इम्यूनिटी को भी बेहतर बनाता है। मॉडर्न लाइफस्टाइल, तनाव और अनियमित खानपान के कारण पुरुषों में थकान, कमजोरी, जोड़ों का दर्द और फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याएं आम होती जा रही हैं। ऐसे में इमली के बीज एक नेचुरल और किफायती विकल्प के रूप में सामने आते हैं, जो बिना किसी साइड इफेक्ट के शरीर को भीतर से मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं।
इमली के बीज पुरुषों के लिए किसी टॉनिक से कम नहीं हैं। इस लेख में हम नोएडा के सेक्टर-12 में स्थित, अर्चित आयुर्वेदिक क्लिनिक के डॉ. अनंत त्रिपाठी (Dr. Anant Tripathi of Archit Ayurvedic Clinic, Sector 12, Noida) से जानेंगे, आयुर्वेद के अनुसार इमली के बीज के पुरुषों के लिए फायदे और सेवन का सही तरीका क्या है?
पुरुषों के लिए इमली के बीज के फायदे - Benefits of Tamarind Seeds for Men
अर्चित आयुर्वेदिक क्लिनिक के डॉ. अनंत त्रिपाठी बताते हैं कि इमली के बीज का स्वाद कसैला और हल्का मीठा माना गया है, जबकि गुण में यह गुरु (भारी) और स्निग्ध (चिकना) है। यह कफ और वात को संतुलित करता है, पाचन शक्ति को दुरुस्त करता है और धातुओं (शरीर के सात ऊतक) को पोषण देता है।
1. शारीरिक ताकत और स्टैमिना बढ़ाए
आयुर्वेद के अनुसार, इमली के बीज बल्य होते हैं यानी शरीर की ताकत बढ़ाने वाले। आयुर्वेदाचार्य की सलाह अनुसार, इसके नियमित सेवन से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और थकान जल्दी नहीं लगती।
2. फर्टिलिटी में सुधार
इमली के बीज शुक्रल (वीर्यवर्धक) गुणों से युक्त होते हैं। यह वीर्य की मात्रा और क्वालिटी दोनों को बेहतर बनाने में सहायक है, जिससे पुरुषों की प्रजनन क्षमता यानी फर्टिलिटी बढ़ सकती है।
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3. जोड़ों और हड्डियों की मजबूती
इमली के बीज में मौजूद कैल्शियम और मैग्नीशियम हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं, इसके वातनाशक गुण जोड़ों के दर्द और सूजन में राहत दे सकते हैं।
4. पाचन में सुधार
आयुर्वेद में इमली के बीज को अग्निदीपन माना गया है, यानी यह भूख और पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है। यह गैस, अपच और कब्ज की समस्या में राहत दे सकता है।
5. इम्यूनिटी बढ़ाए
बीज में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और मिनरल्स शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं, जिससे इंफेक्शन का खतरा कम होता है।
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6. ब्लड शुगर कंट्रोल
इमली के बीज का पाउडर डायबिटीज के रोगियों में ब्लड शुगर को संतुलित रखने में सहायक माना गया है, जो पुरुषों में बढ़ते डायबिटीज के मामलों में फायदेमंद हो सकता है।
सेवन के तरीके
- सूखे इमली के बीज को भूनकर उसका छिलका उतार लें और पीसकर पाउडर बना लें। इसका सेवन आयुर्वेदाचार्य की सलाह अनुसार दूध या पानी के साथ करें।
- बीज को रातभर पानी में भिगो दें, सुबह इसका छिलका हटाकर बीज को चबा लें।
- इमली के बीज का पाउडर शहद के साथ मिलाकर लेने से पुरुषों की ताकत और पाचन क्षमता में सुधार होता है।
सावधानियां
- इमली के बीजों का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से पेट में भारीपन या गैस हो सकती है।
- जिन लोगों को किडनी से जुड़ी समस्या है, उन्हें डॉक्टर से सलाह लेकर ही सेवन करना चाहिए।
- शुगर के मरीज मात्रा कंट्रोल रखें। ऐसा इसलिए, क्योंकि ज्यादा सेवन से ब्लड शुगर पर असर हो सकता है।
निष्कर्ष
इमली के बीज एक सस्ता, आसान और नेचुरल उपाय है, जो पुरुषों की कई स्वास्थ्य समस्याओं में फायदा पहुंचा सकता है। आयुर्वेद में इसे बल्य, अग्निदीपन और वातनाशक माना गया है, जो ताकत, पाचन और जोड़ों की सेहत के लिए फायदेमंद है।
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FAQ
क्या इमली का बीज टेस्टोस्टेरोन बढ़ाता है?
इमली का बीज सीधे तौर पर टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने में सहायक नहीं होता है। हालांकि, इमली के बीज में एंटीऑक्सीडेंट्स और पोषक तत्व पाए जाते हैं जो संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। आयुर्वेदिक मान्यताओं में इसे पाचन और यौन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना गया है, लेकिन टेस्टोस्टेरोन पर इसका सीधा प्रभाव स्पष्ट रूप से सिद्ध नहीं हुआ है।इमली के बीज कितने दिन खाने चाहिए?
इमली के बीजों का सेवन सीमित मात्रा और सही विधि से करना चाहिए। इसकी मात्रा और समय व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति, उम्र और जरूरत पर निर्भर करती है। ज्यादा मात्रा में सेवन पाचन संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। नियमित सेवन से पहले आयुर्वेदिक विशेषज्ञ या डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है, ताकि यह आपके शरीर के अनुसार सुरक्षित और प्रभावी हो।स्टैमिना कम होने के क्या कारण हैं?
स्टैमिना कम होने के कई कारण हो सकते हैं। अनहेल्दी डाइट, नींद की कमी, फिजिकल एक्टिविटी की कमी, तनाव, धूम्रपान और ज्यादा शराब के सेवन से ऐसा हो सकता है। इसके अलावा, एनीमिया, थायराइड की समस्या, हार्ट डिजीज या डायबिटीज जैसी स्वास्थ्य समस्याएं भी स्टैमिना को प्रभावित कर सकती हैं। मानसिक थकान और डिप्रेशन भी एनर्जी लेवल को घटा देते हैं। इसके अलावा उम्र बढ़ने के साथ भी स्टैमिना कम हो सकता है।