आजकल की तेज-तर्रार जिंदगी में लोग अपनी सेहत को लेकर पहले से ज्यादा जागरूक हो रहे हैं। एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने के लिए कई लोग नियमित रूप से एक्सरसाइज का हिस्सा बन रहे हैं, जिनमें रनिंग और साइकिलिंग प्रमुख हैं। ये दोनों फिजिकल एक्टिविटीज न केवल शरीर को फिट रखने में मदद करती हैं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद साबित होती हैं। रनिंग और साइकिलिंग के अपने-अपने फायदे हैं। जहां रनिंग पूरे शरीर की मांसपेशियों पर काम करती है और तेजी से कैलोरी बर्न करने में मदद करती है, वहीं साइकिलिंग एक कम-प्रभाव वाली एक्सरसाइज है, जो जोड़ों पर दबाव कम डालती है और दिल की सेहत को बेहतर बनाती है। इस लेख में आईएसएसए (अंतर्राष्ट्रीय खेल विज्ञान संघ) से प्रमाणित फिटनेस ट्रेनर संदीप कुमार से जानेंगे, स्टेमिना बढ़ाने के लिए रनिंग या साइकिलिंग क्या करना ज्यादा अच्छा है।
दौड़ने का पुरुषों के स्टेमिना पर असर
दौड़ने के फायदे अनगिनत हैं, खासकर जब बात आती है पुरुषों की स्टेमिना बढ़ाने की। दौड़ना न केवल हार्ट हेल्थ को बेहतर बनाता है, बल्कि यह शरीर के अन्य हिस्सों जैसे पैरों, जांघों और पेट की मांसपेशियों को भी मजबूत करता है। दौड़ने से शरीर में एंड्योरेंस (Endurance) की क्षमता बढ़ती है, जिससे आप लंबी अवधि तक फिजिकल एक्टिविटी को बरकरार रख सकते हैं। यह वजन कम करने और कैलोरी बर्न करने के लिए भी परफेक्ट है। ऐसा इसलिए, क्योंकि दौड़ते समय शरीर की अधिकांश मांसपेशियां सक्रिय यानी एक्टिव होती हैं।
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इसके अलावा, दौड़ने से कार्डियोवैस्कुलर फिटनेस भी बढ़ती है, जिससे दिल की सेहत में सुधार होता है और शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। पुरुषों के लिए, दौड़ना शारीरिक क्षमता को बढ़ाने का बेहतरीन तरीका है।
साइकिलिंग का पुरुषों के स्टेमिना पर असर
साइकिलिंग भी पुरुषों के लिए स्टेमिना बढ़ाने का एक प्रभावी तरीका है। यह एक दिल और फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाती है। साइकिलिंग से पूरे शरीर की मांसपेशियों की एक्सरसाइज होती है, खासकर पैरों की मांसपेशियों की। साइकिलिंग से न केवल सहनशक्ति यानी स्टेमिना बढ़ता है, बल्कि यह एनर्जी लेवल को भी बेहतर बनाती है।
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साइकिलिंग के दौरान शरीर में कैलोरी बर्न होती है, जो वजन घटाने के लिए सहायक है। इस एक्सरसाइज को नियमित रूप से करने से शरीर में ताकत और स्टेमिना की वृद्धि होती है। इसके अलावा, साइकिलिंग से स्ट्रेस कम होता है और मानसिक शांति मिलती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह एक कम प्रभाव वाली एक्सरसाइज है, जिससे जोड़ों पर अधिक दबाव नहीं पड़ता।
कौन सा बेहतर है - दौड़ना या साइकिलिंग
यह सवाल पुरुषों के लिए हमेशा उलझन में डालने वाला होता है कि रनिंग यानी दौड़ना या साइकिलिंग क्या ज्यादा बेहतर है? दोनों ही एक्सरसाइज में अपनी अलग-अलग विशेषताएं हैं और इनका चुनाव व्यक्तिगत स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। हालांकि, स्टडी में दोनों को ही लगभग बराबर माना गया है।
अगर आपका लक्ष्य स्टेमिना बढ़ाना है, तो दौड़ना एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। दौड़ने से कार्डियो की क्षमता बढ़ती है, जो आपके स्टेमिना में सुधार लाती है।
वहीं साइकिलिंग कम प्रभाव वाली एक्सरसाइज है, जो जोड़ों पर दबाव नहीं डालती। यह उन पुरुषों के लिए आदर्श है जिन्हें चोट की समस्या हो या जोड़ों में दर्द की शिकायत हो।
निष्कर्ष
दौड़ना और साइकिलिंग दोनों ही पुरुषों के लिए स्वस्थ्य, फिट और मजबूत बनाने वाली एक्सरसाइज हैं। इन्हें अपनी स्वास्थ्य स्थितियों और लक्ष्य के हिसाब से शामिल किया जा सकता है। बेहतर स्टेमिना के लिए आप दोनों का मिश्रण भी अपना सकते हैं, जिससे शरीर को पूरी तरह से फायदे मिल सकें।
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