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हृदय रोगियों को हो सकती है कम सुनाई देने की समस्या, जानें हार्ट हेल्थ और कान में कनेक्शन

खानपान की गलत आदतों के कारण व्यक्ति को हार्ट से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। क्या आपको मालूम है कि यह समस्या कुछ लोगों के सुनने की क्षमता को भी प्रभावित कर सकती है? जानते हैं इन दोनों के बीच में कनेक्शन
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हृदय रोगियों को हो सकती है कम सुनाई देने की समस्या, जानें हार्ट हेल्थ और कान में कनेक्शन

खानपान और लाइफस्टाइल से जुड़ी गलत आदतोंं की वजह से लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि जंक फूड और अनहेल्दी फूड खाने से व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल की समस्या हो सकती हैं। इनका सीधा संबंध व्यक्ति की हार्ट हेल्थ पर पड़ता है। यह समस्या ज्यादातर बढ़ती उम्र के लोगों में देखने को मिलती है। वहीं, बढ़ती उम्र में लोगों को कम सुनाई देने की समस्या भी होने लगती है। ऐसे में आपके मन में सवाल उठता होगा कि क्या यह दोनों ही स्थिति के बीच कोई कनेक्शन है? इस लेख में यशोदा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल कौशाम्बी के ईएनटी विभाग के सीनियर स्पेशिलिस्ट डॉ. नरेंद्र सिंह से जानते हैं कि कान से कम सुनाई देना और हृदय रोग के बीच क्या कनेक्शन होता है?

हृदय रोग और सुनाई न देने की समस्या में क्या क्नेक्शन हो सकता है? - Connection Between Heart Disease And Hearing Loss Doctor Explains in Hindi

ब्लड सर्कुलेशन और सुनने की क्षमता के बीच संबंध

हमारे कानों के अंदर छोटे-छोटे बाल जैसे सेल्स होते हैं जिन्हें सेंसरी सेल्स कहा जाता है। ये सेल्स ध्वनि को पहचानने में मदद करते हैं। इन सेंसरी सेल्स को ठीक से काम करने के लिए अच्छे रक्त प्रवाह की जरूरत होती है, क्योंकि ब्लड ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को इन तक पहुंचाता है। हृदय रोग जैसे हाई ब्लड प्रेशर, एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनी सख्त होना), और अन्य हृदय संबंधित समस्याएं इस ब्लड सर्कुलेशन को बाधित कर सकती हैं। जब कान के इन सेंसरी सेल्स को पर्याप्त ब्लड सर्कुलेशन नहीं मिलता, तो वे डैमेज हो जाते हैं और सुनने की क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है।

Connection Between Heart Disease And Hearing Loss Doctor Explains in Hindi

हृदय रोग और नसों की रुकावट

हृदय की नसो में रुकावट या सिकुड़ने का सीधा असर कानों पर भी पड़ता है। जब ब्लड सर्कुलेशन बाधित होता है, तो यह कानों के कोशिकाओं तक उचित मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंचा पाता। यह ऑक्सीजन की कमी सेंसरी सेल्स को स्थायी रूप से डैमेज कर सकती है, जिससे सुनने की समस्या उत्पन्न होती है। 

हाई ब्लड प्रेशर का प्रभाव

हाई ब्लड प्रेशर भी सुनने की क्षमता पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। जब ब्लड प्रेशर बढ़ता है, तो कानों की नाजुक नसों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, जिससे इन नसों की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। हाई ब्लड प्रेशर के कारण कानों में सूजन और सुनने की क्षमता में कमी हो सकती है।

हृदय स्वास्थ्य और सूजन

हृदय रोगों से जुड़े सूजन कारक (inflammatory markers) भी सुनने की हानि में भूमिका निभा सकते हैं। सूजन के कारण कानों के अंदरूनी हिस्सों में जलन हो सकती है, जिससे सुनने की क्षमता प्रभावित होती है। यदि सूजन लंबे समय तक बनी रहती है, तो यह स्थायी सुनने की हानि का कारण बन सकती है।

हृदय रोग और सुनने की क्षमता से कैसे बचाव करें?

  • हृदय और सुनने की क्षमता को बनाए रखने के लिए पोषण युक्त आहार बेहद जरूरी है। ऐसे आहार लें जो एंटीऑक्सिडेंट्स, विटामिन C, E और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर हों। ये पोषक तत्व शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने और सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
  • शारीरिक गतिविधि न केवल हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती है, बल्कि कानों के ब्लड सर्कुलेशन को भी बेहतर करती है। रोजाना 30 मिनट की सैर या हल्के व्यायाम से आप अपने हृदय और कानों की सेहत को बेहतर रख सकते हैं।
  • धूम्रपान नसों को सिकोड़ने का काम करता है और हृदय रोग तथा सुनने की हानि का जोखिम बढ़ाता है। 
  • हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोग की नियमित जांच करवाना जरूरी है। समय-समय पर अपनी सुनने की क्षमता की जांच भी कराएं ताकि किसी भी समस्या को समय रहते पहचाना जा सके।

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हृदय रोग और सुनने की क्षमता के बीच गहरा संबंध होता है। यदि हृदय की सेहत खराब है, तो यह सुनने की क्षमता पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसीलिए, हृदय और सुनने की सेहत को बनाए रखने के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली का पालन करना बेहद महत्वपूर्ण है।

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