आजकल बदलती लाइफस्टाइल में हेल्दी और फिट रहना एक बड़ी चुनौती बन गया है। बढ़ते काम के बोझ, लंबे समय तक बैठने वाली जॉब और अनियमित खानपान से न केवल हमारे शरीर की एनर्जी कम होती है, बल्कि हमारी मांसपेशियों की ताकत और स्टेमिना पर भी असर होता है। ऐसे में मांसपेशियों को मजबूत बनाने, शरीर में पावर बनाए रखने और स्टेमिना को बढ़ाने के लिए न केवल शारीरिक फिटनेस जरूरी हैं, बल्कि सही खानपान और हेल्दी लाइफस्टाइल भी जरूरी है। बहुत से लोग आज जिम, योग और अन्य फिजिकल एक्टिविटी का सहारा लेते हैं ताकि वे अपने शरीर को फिट और तंदुरुस्त रख सकें। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो मांसपेशियों की ताकत और स्टेमिना बढ़ाने के लिए केमिकल-युक्त सप्लीमेंट्स का सहारा लेते हैं। ऐसे में अगर आप स्टेमिना और पावर बढ़ाने के नेचुरल तरीके ढूंढ रहे हैं तो इसके लिए आप आयुर्वेद का सहारा ले सकते हैं। इस लेख में आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा से जानिए, मजबूत मसल्स, पावर और स्टेमिना बढ़ाने के आयुर्वेदिक तरीके क्या हैं?
मांसपेशियों की ताकत और स्टेमिना बढ़ाने के आयुर्वेदिक उपाय
डॉक्टर श्रेय ने बताया कि आयुर्वेद में हर व्यक्ति की प्रकृति (वात, पित्त, कफ) के अनुसार उपचार होता है और मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने के लिए भी आयुर्वेद में विशेष जड़ी-बूटियों का उल्लेख है।
1. मांसपेशियों की ताकत और एनर्जी के लिए अश्वगंधा
अश्वगंधा आयुर्वेद की एक ऐसी जड़ी-बूटी है जो मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने में मदद करती है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मांसपेशियों की रिकवरी में सहायक होते हैं। अश्वगंधा को नियमित रूप से लेने से स्टेमिना बढ़ता है। इसे पाउडर या कैप्सूल के रूप में डॉक्टर की सलाह से लिया जा सकता है। आयुर्वेद में अश्वगंधा को 'नेचुरल एनर्जी बूस्टर' कहा गया है, जो कि तनाव को कम करके एनर्जी को बढ़ाता है।
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2. स्टेमिना और मांसपेशियों के लिए शतावरी
शतावरी को आयुर्वेद में बल्य (शक्ति प्रदान करने वाली) औषधि माना गया है। यह शरीर को पोषण प्रदान करती है और उसे ऊर्जा से भर देती है। इसके सेवन से शरीर का पाचन तंत्र मजबूत होता है, जोकि मांसपेशियों को पोषक तत्वों का बेहतर अवशोषण करने में सहायक होता है। शतावरी को दूध या गर्म पानी के साथ लिया जा सकता है। इसको नियमित लेने से मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और स्टेमिना में सुधार होता है।
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3. गोखरू
गोखरू को प्राचीन काल से मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने और स्टेमिना में सुधार के लिए उपयोग किया जाता रहा है। यह एक प्राकृतिक स्टेरॉयड के रूप में काम करता है जो शरीर में हार्मोन संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है और मांसपेशियों को बेहतर बनाने में सहायक होता है। लेकिन इसका सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के बिल्कुल भी न करें।
4. सोयाबीन
सोयाबीन आयुर्वेद में एक पौष्टिक भोजन के रूप में माना गया है। इसमें प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है, जो मांसपेशियों और स्टेमिना के लिए जरूरी है। सोयाबीन के नियमित सेवन से मांसपेशियों का विकास बेहतर होता है। जो लोग मांसपेशियों की ताकत बढ़ाना चाहते हैं, वे अपनी डाइट में सोयाबीन शामिल कर सकते हैं।
डॉक्टर की सलाह
हर व्यक्ति की प्रकृति अलग होती है और आयुर्वेद में प्रत्येक व्यक्ति के शरीर के अनुरूप उपचार का चयन किया जाता है। डॉक्टर श्रेय का कहना है कि बिना डॉक्टर की सलाह के आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि इन जड़ी-बूटियों का प्रभाव व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार भिन्न हो सकता है। अश्वगंधा, शतावरी और गोखरू भले ही प्राकृतिक हैं, लेकिन ये प्राकृतिक स्टेरॉयड्स हैं, इसलिए इन्हें लेने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श करना आवश्यक है।
निष्कर्ष
मांसपेशियों की ताकत और स्टेमिना बढ़ाने के लिए आयुर्वेद एक सुरक्षित और प्राकृतिक विकल्प हो सकता है। अश्वगंधा, शतावरी, गोखरू और सोयाबीन जैसे आयुर्वेदिक उपचार से मांसपेशियों को मजबूती और एनर्जी मिलती है। लेकिन इनका उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें ताकि आपके शरीर की प्रकृति के अनुसार सही उपचार हो सके।
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