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बरसात में गन्ने का सिरका पीना है सही या नुकसानदायक? जानें आयुर्वेदाचार्य की सलाह

आयुर्वेद में गन्ना कफ वर्धक और ऊर्जा देने वाला माना गया है लेकिन गन्ने से बने सिरके के गुण बदल जाते हैं। यहां जानिए, गन्ने का सिरका बरसात में पीना चाहिए या नहीं?
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बरसात में गन्ने का सिरका पीना है सही या नुकसानदायक? जानें आयुर्वेदाचार्य की सलाह

बरसात का मौसम जहां एक ओर हरियाली और ठंडक लेकर आता है, वहीं दूसरी ओर यह मौसम सेहत के लिहाज से काफी संवेदनशील भी होता है। इस मौसम में नमी, पाचन की कमजोरी और इंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में खानपान में बदलाव करना बहुत जरूरी हो जाता है ताकि शरीर का संतुलन बना रहे और बीमारियों से बचाव हो सके। आयुर्वेद के अनुसार, वर्षा ऋतु में पित्त दोष का प्रकोप अधिक होता है। शरीर की अग्नि (पाचन शक्ति) मंद पड़ जाती है और पित्तजन्य समस्याएं जैसे कि एसिडिटी, जलन, छाले, स्किन रैशेज आदि बढ़ जाती हैं। ऐसे समय में जो भी फूड्स या ड्रिंक्स पित्त को और अधिक बढ़ाते हैं, उनका सेवन सोच-समझकर करना चाहिए।

गन्ने से बना सिरका (Sugarcane Vinegar) इन दिनों एक लोकप्रिय हेल्थ टॉनिक के रूप में उपयोग किया जा रहा है। इसे वजन घटाने, ब्लड शुगर कंट्रोल और पाचन सुधारने के लिए अपनाया जाता है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या गन्ने का सिरका बरसात के मौसम में भी उतना ही फायदेमंद होता है? इसे बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने, रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल, सिरसा के आयुर्वेदाचार्य श्रेय शर्मा (Ayurvedacharya Shrey Sharma of Ramhans Charitable Hospital, Sirsa) से बात की-

गन्ने का सिरका बरसात में पीना चाहिए या नहीं? - Sugarcane Vinegar In Monsoon Benefits And Side Effects

आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार, गन्ना और उसके सिरके के गुणों में अंतर होता है। वे बताते हैं कि गन्ना कफ वर्धक होता है, जबकि गन्ने का सिरका पित्त वर्धक बन जाता है। गन्ना स्वाभाविक रूप से मधुर रस वाला, ठंडी तासीर का और कफ वर्धक होता है। यह शरीर को एनर्जी देता है, पाचन में सहायक होता है और मूत्र विकारों में लाभकारी माना गया है। आयुर्वेद के अनुसार, गन्ना बलवर्धक, वात-पित्त शामक और मूत्रवर्धक गुणों से भरपूर होता है। लेकिन जब इसे सिरके में बदला जाता है, तब इसके गुण बदल जाते हैं। गन्ने का सिरका बनाने के लिए इसके रस को फर्मेंटेशन की प्रक्रिया से गुजारा जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान इसमें एसिडिक तत्व विकसित होते हैं, जिससे इसकी प्रकृति में गर्मी आ जाती है। यही कारण है कि गन्ने का सिरका पित्त वर्धक बन जाता है।

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डॉ. श्रेय शर्मा बताते हैं कि फर्मेंटेशन के कारण यह सिरका अब सिर्फ गन्ना नहीं रह जाता, बल्कि एक तीखा, खट्टा, पित्त को उत्तेजित करने वाला पदार्थ बन जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, वर्षा ऋतु पित्त के प्रकोप की ऋतु होती है। इस समय वातावरण में नमी, भारीपन और पाचन शक्ति में गिरावट होती है, जिससे शरीर में पित्त असंतुलन की संभावना बढ़ जाती है। वर्षा में कई लोग एसिडिटी, जलन, छाले, चक्कर आना, सिरदर्द, त्वचा पर रैशेज जैसी पित्तजन्य समस्याओं से ग्रसित रहते हैं। ऐसे में पित्त वर्धक चीजों का सेवन करना स्थिति को और बिगाड़ सकता है।

गन्ने का सिरका सामान्य रूप से ब्लड शुगर कंट्रोल, पाचन सुधार, और डिटॉक्स में सहायक माना जाता है। लेकिन वर्षा ऋतु में इसकी खटास और पित्त वर्धक प्रकृति इसे हानिकारक बना सकती है। डॉ. शर्मा के अनुसार, इसका प्रयोग इस मौसम में 'बहुत सीमित मात्रा' में ही किया जाना चाहिए, और केवल उन्हीं लोगों को करना चाहिए जिन्हें पित्त दोष की समस्या नहीं है।

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ganne ka sirka

1. पित्त प्रकृति वाले व्यक्ति

जिनकी बॉडी टाइप पित्त प्रधान होती है (जल्दी गुस्सा आना, तेज भूख लगना, गर्मी लगना), उन्हें इस मौसम में गन्ने का सिरका नहीं लेना चाहिए।

2. जिन्हें एसिडिटी या छाले होते हैं

सिरका अम्लीय होता है और एसिडिटी की समस्या को बढ़ा सकता है। जिन लोगों को बार-बार खट्टी डकारें, जलन या पेट में छाले होते हैं, उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

3. स्किन एलर्जी या रैशेज से परेशान लोग

बरसात में स्किन संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं। पित्त वर्धक पदार्थ त्वचा पर रैशेज, खुजली और एलर्जी बढ़ा सकते हैं।

4. गर्भवती महिलाएं

गर्भावस्था में शरीर में पाचन तंत्र और हार्मोन में बदलाव आता है। पित्त दोष बढ़ने की संभावना अधिक होती है, इसलिए गन्ने का सिरका अवॉयड करें।

निष्कर्ष

गन्ने का सिरका कई मामलों में लाभकारी हो सकता है, लेकिन वर्षा ऋतु में इसका सेवन सभी के लिए सुरक्षित नहीं है। इसका अम्लीय स्वभाव और पित्त वर्धक गुण इसे इस मौसम में संवेदनशील लोगों के लिए नुकसानदायक बना सकते हैं। इसलिए अगर आप इसे उपयोग में लाना चाहते हैं, तो सबसे पहले अपनी प्रकृति, पाचन शक्ति और वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति को समझें। बेहतर होगा कि आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लेकर ही इसका सेवन करें।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • किन लोगों को बरसात में गन्ने का सिरका नहीं पीना चाहिए?

    जिन लोगों को एसिडिटी, मुंह में छाले, जलन, त्वचा पर रैशेज या पित्त प्रकृति की समस्या है, उन्हें बरसात में गन्ने का सिरका नहीं पीना चाहिए। साथ ही, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को भी इससे परहेज करना चाहिए।
  • गन्ने के सिरके को पीने का सही तरीका क्या है?

    1 छोटा चम्मच (5 ml) गन्ने का सिरका 1 गिलास गुनगुने पानी में मिलाकर लिया जा सकता है। इसे खाली पेट लेने के बजाय भोजन के 30 मिनट बाद लेना बेहतर होता है। हफ्ते में 2–3 बार से अधिक न लें।
  • क्या डायबिटीज के मरीज गन्ने का सिरका ले सकते हैं?

    डायबिटिक मरीजों को इसका सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए, खासकर बरसात के मौसम में जब पाचन कमजोर होता है।

 

 

 

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