आयुर्वेद के अनुसार हमारे शरीर को त्रिदोषों के आधार पर बांटा गया है, जिसमें वात, पित्त और कफ दोष शामिल है। इन तीनों दोषों का संतुलन ही बेहतर स्वास्थ्य से जोड़ा जाता है। हर व्यक्ति में ये तीनों दोष होते हैं। लेकिन, सभी का शरीर अलग-अलग दोष की प्रकृति का होता है। जैसे किसी व्यक्ति का शरीर पित्त प्रकृति का होता है तो किसी का कफ प्रकृति। पित्त दोष को अग्नि तत्व से जोड़ा जाता है, जो हमारे शरीर में पाचन, तापमान और दिमाग से जुड़ा है। लेकिन, पित्त प्रधान प्रकृति वाले लोगों अक्सर गर्म पानी पीने से परहेज करते हैं। क्योंकि उनका मानना है कि गर्म पानी पीने से शरीर में गर्मी बढ़ती है, जिससे पित्त असंतुलित हो सकता है। लेकिन, क्या वास्तव में गर्म पानी पीने से शरीर में पित्त बढ़ता है। आइए रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा (Shrey Sharma, Ayurvedic doctor at Ramhans Charitable Hospital) से जानते हैं कि क्या पित्त दोष में गर्म पानी पी सकते हैं? या क्या गर्म पानी पीने से पित्त दोष बढ़ता है? (pitta dosha me garam pani pi sakte h)
क्या गर्म पानी पित्त बढ़ाता है? - Does Drinking Hot Water Increase Pitta in Hindi?
आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार, "गर्म पानी पीने से शरीर में पित्त नहीं बढ़ता है। जब हम गर्म पानी पीते हैं तो वह शरीर में जाकर शरीर के तापमान में बदल जाता है, इसलिए यह सीधे पित्त पर असर नहीं डालता है। बल्कि यह शरीर में मौजूद रस धातू को थोड़ी देर के लिए गर्म करता है। लेकिन, ये कुछ देर के लिए ही होती है और शरीर के तापमान के अनुसार पानी का तापमान खुद ही संतुलित हो जाता है।" गर्म पानी सीधे तौर पर शरीर में पित्त नहीं बढ़ाता (is hot water good for pitta) है। लेकिन, अगर कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा गर्म पानी पीता है तो इसका प्रभाव उसके शरीर पर पड़ सकता है, जिसके कारण मुंह में छाले हो सकते हैं। इसके साथ ही शरीर में पित्त बढ़ने का सबसे बड़ काराण मसालेदार खाना, ऑयली फूड और पित्त बढ़ाने वाली चीजों का सेवन है। लेकिन, पित्त बढ़ने का मुख्य कारण गर्म पानी नहीं है।
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गर्म पानी पीने के फायदे - Benefits Of Drinking Hot Water in Hindi
गर्म पानी पीने से शरीर में पित्त सीधेतौर पर नहीं बढ़ता है, लेकिन अगर आप गुनगुना पानी पीते हैं, तो इससे आपके शरीर को कुछ स्वास्थ्य फायदे मिल सकते हैं-
- गर्म पानी शरीर की अग्नि को जागृत करता है और पाचन अग्नि को संतुलित करने में मदद करात है, जिससे खाना आसानी से और बेहतर तरीके से पचता है, और व्यक्ति को कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याएं कम होती हैं।
- रोज सुबह खाली पेट गर्म पानी पीने से शरीर से टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है, क्योंकि इससे लिवर और किडनी के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
- गर्म पानी पीने से वात और कफ दोष को कम करने में बहुत मदद मिलती है। वात दोष जकड़न, गैस, ड्राईनेस जैसे लक्षण होते हैं, जो गर्म पानी से कम होते हैं। इसी तरह कफ दोष के कारण होने वाली बलगम, नजला, सर्दी जैसी समस्याओं से भी राहत मिलता है।
- गर्म पानी पीने से शरीर में ब्लड फ्लो बेहतर होता है, जिससे ऑक्सीजन और पोषक तत्वों शरीर के अन्य हिस्सों तक आसानी से पहुंच पाते हैं।
- गर्म पानी मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और फैट को कम करने में मदद करता है। इसलिए, वजन कम करने वाले लोगों के लिए भी गर्म पानी पीना फायदेमंद होता है।
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कब और कैसे पिएं गर्म पानी? - Right Way To Drink Hot Water in Hindi
गर्म पानी पीने के सही फायदों को पाने के लिए जरूरी है कि आप इसे सही समय और तरीके से पिएं-
- सुबह खाली पेट गर्म पानी पीना सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है।
- खाना खाने के आधे घंटे बाद हल्का गर्म पानी पीना पाचन में मदद करता है।
- ज्यादा गर्म पानी पीने से बचना चाहिएष क्योंकि इससे गले, जीभ और पाचन नली को नुकसान हो सकता है।
निष्कर्ष
पित्त दोष में गर्म पानी पीने से आपके शरीर में ये सीधे नहीं बढ़ता है, बल्कि आपकी डाइट और लाइफस्टाइल की कुछ आदतें आपके शरीर में इस दोष के बढ़ने का कारण बनती है। हालांकि, गुनगुना पानी पीना आपके सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है, क्योंकि ये पाचन को बेहतर रखने के साथ शरीर को डिटॉक्स भी करता है।
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FAQ
पेट में पित्त बढ़ने के क्या परिणाम होते हैं?
पेट में पित्त दोष बढ़ने पर आपके शरीर में कई तरह के बदलाव नजर आ सकते हैं, जिसमें आमतौर पर पाचन से जुड़ी समस्याएं, स्किन पर चकत्ते, ज्यादा गर्मी लगना और चिड़चिड़ापन शामिल है।पित्त बिगड़ने के क्या लक्षण हैं?
शरीर में पित्त दोष बिगड़ने पर आपके शरीर में कई तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं, जिसमें बहुत ज्यादा गर्मी लगना, शरीर में जलन, स्किन में रेडनेस, एसिडिटी, सीने में जलन, मूड स्विंग्स, गुस्स आदि परेशानी शामिल है।पित्त को ठंडा कैसे रखे?
पित्त दोष को ठंडा रखने के लिए जरूरी है कि आप अपनी डाइट में ठंडी तासीर वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करें, मसालेदार खाने से बचें और तनाव कम करने के लिए आराम की तकनीकों का अभ्यास करें।