आप में से ज्यादातर लोगों को दिन में कामकाज करते समस्या बीच में नींद की झपकी लेने की आदत होगी। लेकिन जब झपकी लेने की आदत गहरी नींद में बदल जाए और आपका कंट्रोल भी उस पर न हो तो यह गंभीर समस्या हो सकती है। तमाम लोगों को नींद से जुड़ी कई बीमारियां होती हैं। लेकिन क्या आपने स्लीप अटैक के बारे सुना है? स्लीप अटैक (Sleep Attack) एक ऐसी समस्या है जिसमें आपको दिन के समय भी अचानक तेज नींद आती है। मान लीजिए आप दिन में किसी काम को करने बैठे हैं और अचानक आपको तेज नींद की झपकी आती है और उसके कुछ देर बाद जब आपकी नींद खुले तो काफी समय बीत चुका होता है। इस समस्या को स्लीप अटैक कहते हैं। मेडिकल साइंस की भाषा में इस समस्या को नारकोलेप्सी (Narcolepsy) कहते हैं। आइये जानते हैं बीमारी के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में।
स्लीप अटैक या नारकोलप्सी क्या है? (What is Sleep Attack?)
स्लीप अटैक या नारकोलप्सी तंत्रिका तंत्र से जुड़ी एक गंभीर समस्या है जो आपके नींद के पैटर्न को प्रभावित करती हैं। इस समस्या की वजह से आपको अचानक तेज नींद आ सकती है भले ही आपने रात में पर्याप्त नींद ली हो। दरअसल यह समस्या सिर्फ नर्वस सिस्टम को ही नहीं बल्कि आपके पूरे स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। इस समस्या से ग्रसित व्यक्ति के रोजमर्रा के काम भी इसकी वजह से प्रभावित हो सकते हैं। आज के समय में नींद से जुड़ी इस समस्या से तमाम लोग प्रभावित हैं। स्लीप अटैक कभी भी और कोई भी काम करते समय आ सकता है इसलिए इस समस्या से ग्रसित लोग अगर ड्राइविंग या अन्य काम कर रहे होते हैं तो उन्हें बड़ा खतरा होता है।
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स्लीप अटैक या नारकोलप्सी के कारण (Sleep Attack or Narcolepsy Causes)
स्लीप अटैक की समस्या में मस्तिष्क में मौजूद एक केमिकल हाइपोकैट्रिन, जिसे ऑरेक्सिन भी कहा जाता है आपके नींद को प्रभावित करता है। हालांकि इस समस्या का सटीक कारण अभी तक नहीं मिल पाया है लेकिन कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि यह समस्या ऑटोइम्यून डिसऑर्डर की वजह से भी हो सकती है। नारकोलप्सी या स्लीप अटैक के कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार से हैं।
- हाइपोकैट्रिन रसायन की वजह से।
- ऑटोइम्यून विकार के कारण।
- आनुवंशिक कारणों से।
- मस्तिष्क में चोट लगने की वजह से।
- शरीर में हॉर्मोन असंतुलन होने के कारण।
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स्लीप अटैक के खतरे (Sleep Attack Risks)
नारकोलप्सी या स्लीप अटैक के खतरों के बारे में भी विस्तृत जानकारी अभी तक वैज्ञानिकों को नहीं मिल पायी है। लेकिन यह माना जाता है कि यह समस्या उम्र और आनुवंशिक कारणों से ट्रिगर हो सकती है। स्लीप अटैक के कुछ प्रमुख खतरे इस प्रकार से हैं।
- उम्र की वजह से भी स्लीप अटैक का खतरा बढ़ जाता है, विशेषकर स्लीप अटैक 10 से 30 साल की उम्र में हो सकता है।
- आनुवांशिक कारणों से भी नारकोलप्सी या स्लीप अटैक की समस्या हो सकती है।
- शरीर में तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क के विकारों की वजह से स्लीप अटैक का रिस्क बढ़ जाता है।
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स्लीप अटैक या नारकोलप्सी के लक्षण (Sleep Attack or Narcolepsy Symptoms)
स्लीप अटैक की समस्या में इंसान को अचानक तेजी से नींद आती है भले ही आपने रात में कितनी भी नींद ली हो। शुरुआत में इस बीमारी के ये लक्षण देखे जा सकते हैं।
- दिन में अचानक नींद आना।
- बार-बार नींद की झपकी आना।
- मांसपेशियों पर नियंत्रण न होना।
- स्लीप पैरालिसिस।
- ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया एवं रेस्टलेस लेग सिंड्रोम जैसी परेशानियां।
स्लीप अटैक का इलाज (Sleep Attack or Narcolepsy Treatment)
स्लीप अटैक या नारकोलप्सी की समस्या में कोई सटीक इलाज नहीं किया जाता है। गंभीर लक्षण दिखने पर डॉक्टर कुछ दवाएं दे सकते हैं। इसके अलावा लाइफस्टाइल और खानपान में बदलाव कर इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। अगर आपको स्लीप अटैक की समस्या है तो आप दिन के दौरान छोटी सी झपकी ले सकते हैं। रात में सोने के समय को फिक्स कर पर्याप्त नींद लें और सोने से पहले कैफीन और शराब आदि के सेवन से बचें। स्लीप अटैक के लक्षण दिखने पर चिकित्सक से संपर्क जरूर करें।
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