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अगर शरीर में दिख रहे हैं ये 5 अजीब बदलाव, तो समझिए आपकी बॉडी क्लॉक है गड़बड़

हम सबके शरीर में एक आंतरिक घड़ी (Body Clock) होती है, जो यह तय करती है कि हमें कब सोना है, कब जागना है, कब भूख लगनी चाहिए और कब शरीर को आराम चाहिए। यहां जानिए, बॉडी क्लॉक के बिगड़ने के संकेत क्या हैं?
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अगर शरीर में दिख रहे हैं ये 5 अजीब बदलाव, तो समझिए आपकी बॉडी क्लॉक है गड़बड़


क्या आपने कभी महसूस किया है कि पूरी नींद लेने के बाद भी थकान बनी रहती है? या फिर कभी बहुत जल्दी भूख लगती है, तो कभी बिलकुल नहीं? अगर हां, तो ये संकेत हो सकते हैं कि आपकी बॉडी क्लॉक (Body Clock) यानी सर्केडियन रिद्म (Circadian Rhythm) पूरी तरह आउट ऑफ सिंक (Out Of Sync) हो चुकी है। हमारा शरीर 24 घंटे की जैविक घड़ी पर चलता है, जो नींद, भूख, पाचन, मूड और एनर्जी को कंट्रोल करती है, लेकिन आज के समय में देर रात तक मोबाइल या लैपटॉप चलाना, रात का खाना देर से खाना, अस्थिर नींद और काम का तनाव हमारी इस प्राकृतिक लय को बिगाड़ देते हैं। इसका सीधा असर हमारे मेटाबॉलिज्म, मानसिक स्वास्थ्य और हार्मोनल बैलेंस पर पड़ता है। इस लेख में सिरसा के रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, बॉडी क्लॉक के बिगड़ने के संकेत क्या हैं?

बॉडी क्लॉक के बिगड़ने के संकेत क्या हैं? - Signs Your Body Clock Is Out Of Sync

1. नींद का पैटर्न बिगड़ जाना

अगर आप रात में देर से सोते हैं और सुबह देर से उठते हैं या बार-बार नींद टूटती है, तो यह इस बात का पहला संकेत है कि आपकी बॉडी क्लॉक डिस्टर्ब हो चुकी है। जब हम अनियमित सोने-जागने की आदत डाल लेते हैं, तो यह सिस्टम गड़बड़ा जाता है। इससे न सिर्फ नींद की क्वालिटी घटती है, बल्कि दिनभर थकान बनी रहती है।

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2. समय से भूख न लगना

अगर आपको कभी बहुत जल्दी भूख लगती है और कभी बिलकुल नहीं, या फिर पाचन बार-बार बिगड़ता है, तो यह भी बॉडी क्लॉक के असंतुलन का संकेत है। हमारा पाचन तंत्र भी सर्केडियन रिद्म पर काम करता है। गलत समय पर खाना खाने से शरीर को भोजन पचाने में कठिनाई होती है। आयुर्वेद में कहा गया है कि सही समय पर भोजन करना ही स्वास्थ्य की कुंजी है।

3. सुबह उठने पर सुस्ती महसूस होना

अगर आप पूरी नींद लेने के बाद भी थके हुए महसूस करते हैं, तो यह स्पष्ट संकेत है कि आपकी बॉडी क्लॉक रीसेट नहीं हो पा रही है। सुबह की धूप न लेना, देर रात तक ब्लू लाइट (मोबाइल, लैपटॉप) में रहना और अनियमित नींद इस समस्या को बढ़ाते हैं। इससे मेलाटोनिन हार्मोन का उत्पादन प्रभावित होता है, जो नींद और एनर्जी दोनों को कंट्रोल करता है।

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4. चिड़चिड़ापन

जब शरीर की घड़ी असंतुलित होती है, तो सिर्फ नींद ही नहीं बल्कि मूड भी प्रभावित होता है। हार्मोनल असंतुलन के कारण व्यक्ति चिड़चिड़ा, तनावग्रस्त या उदास महसूस करने लगता है।

signs your body clock is out of sync

5. वजन बढ़ना या घटना

बॉडी क्लॉक का असंतुलन आपके मेटाबॉलिज्म पर सीधा असर डालता है। अगर आप देर रात खाना खाते हैं या नाश्ता छोड़ देते हैं, तो शरीर की एनर्जी खपत गड़बड़ा जाती है। इससे वजन बढ़ सकता है या कुछ लोगों में अचानक घट भी सकता है। नियमित समय पर भोजन और नींद लेना वजन को कंट्रोल रखने में मदद करता है।

अपनी बॉडी क्लॉक कैसे ठीक करें? - How To Reset Your Body Clock

आयुर्वेद में दिनचर्या और रात्रिचर्या का पालन करने की सलाह दी गई है। यानी सूर्योदय के समय उठना, दिन में उचित भोजन करना, और सूर्यास्त के बाद आराम करना, ये सब शरीर की नेचुरल रिद्म को संतुलित रखते हैं।

  • रोज एक ही समय पर सोएं और जागें।
  • सुबह की धूप जरूर लें।
  • रात को मोबाइल और लैपटॉप की स्क्रीन से दूर रहें।
  • हेल्दी डाइट लें और रात में भारी खाना न खाएं।
  • शाम को हल्की एक्सरसाइज या मेडिटेशन करें।

इन सरल बदलावों से आपकी बॉडी क्लॉक धीरे-धीरे रीसेट हो जाएगी और नींद, मूड, पाचन व एनर्जी लेवल में सुधार नजर आएगा।

निष्कर्ष

हमारा शरीर एक जैविक मशीन की तरह काम करता है और इसका इंजन है बॉडी क्लॉक। अगर यह संतुलित रहे तो हम दिनभर एनर्जेटिक और स्वस्थ रहते हैं, लेकिन जब यह असंतुलित होती है, तो पूरा सिस्टम प्रभावित हो जाता है। इसलिए जरूरी है कि आप अपनी नींद, भोजन और दिनचर्या को प्रकृति के अनुरूप रखें।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • बॉडी क्लॉक क्यों बिगड़ती है?

    देर रात तक मोबाइल या लैपटॉप चलाना, असंतुलित नींद, देर रात भोजन करना, शिफ्ट में काम करना, ट्रैवल के दौरान टाइम जोन बदलना और तनाव, ये सभी कारण बॉडी क्लॉक को बिगाड़ देते हैं।
  • क्या बॉडी क्लॉक का असर मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है?

    जब बॉडी क्लॉक डिस्टर्ब होती है, तो सेरोटोनिन और मेलाटोनिन जैसे हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं, जिससे डिप्रेशन, एंग्जायटी और मूड स्विंग्स जैसी मानसिक समस्याएं बढ़ सकती हैं।
  • बॉडी क्लॉक क्या होती है?

    बॉडी क्लॉक या सर्केडियन रिद्म हमारे शरीर की 24 घंटे की प्राकृतिक जैविक घड़ी है, जो नींद, भूख, तापमान, हार्मोन और एनर्जी के लेवल को कंट्रोल करती है।

 

 

 

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  • Current Version

  • Nov 03, 2025 17:59 IST

    Published By : Akanksha Tiwari

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