Signs Of Cataracts In Your Eyes In Hindi: आंखों में मोतियाबिंद एक गंभीर समस्या है। मोतियाबिंद होने पर व्यक्ति की आंखों की रोशनी धीरे-धीरे चली जाती है और एक समय बाद व्यक्ति पूरी तरह अपनी देखने की क्षमता खो देता है। आमतौर पर यह बीमारी बढ़ती उम्र में शुरू होती है। विशेषज्ञों के अनुसार, 40 साल की उम्र से मोतियाबिंद होने की शुरुआत हो सकती है। लेकिन, इसके लक्षण करीब 60 साल की उम्र के बाद नजर आने लगते हैं। हालांकि, मोतियाबिंद किसी को भी हो सकती है। इस तरह की घातक बीमारी से बचने के लिए, जरूरी है कि आप इस संबंध में पहले से ही सजग रहें। इस लेख में आपको आंखों में मोतियाबिंद के नजर आ रहे लक्षणों के बारे में बताएंगे। इस बारे में हमने डॉ. संदीप बुट्टन (Technical Lead: Eye Health & Health System Strengthening, Sightsavers India) से बात की।
धुंधला दिखना (Blurry Vision)
आंखों में मोतियाबिंद होने का सबसे सामान्य लक्षण है, धुंधला दिखना। हालांकि, आजकल ज्यादातर समय कंप्यूटर और स्क्रीन पर समय बिताने के कारण लोगों की आंखें कमजोर होने लगती हैं। इसलिए, अगर मोतियाबिंद के कारण आंखों की रोशनी कमजोर हुई है, तो इसका पता लगाना शुरुआती चरण में काफी मुश्किल हो जाता है। अगर आपको सुई में धागा घुसाने में दिक्कत हो या फिर किताब पढ़ने में परेशानी महसूस हो, तो बेहतर है कि अपनी आई चेकअप करवा लें।
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रात को धुंधला दिखना (Poor Night Vision)
मोतियाबिंद के शुरुआती लक्षणों में व्यक्ति को रात के समय धुंधला दिखने की समस्या भी हो सकती है। यही नहीं, व्यक्ति को रात के समय लाइट की रोशनी में भी सही तरह से दिखाई नहीं देता है। मोतियाबिंद होने पर व्यक्ति को रात के समय गाड़ी चलाने में दिक्कत हो सकती है, रंग फीके दिखाई दे सकते हैं आदि। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को रात को समय ड्राइविंग करने से बचना चाहिए। अगर आपके आंखों का नंबर बदल जाए, तो बेहतर होगा कि एक बार आई स्पेशलिस्ट से अपनी आंखों की जांच करवा लें।
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आंखों के सामने रोशनी का चमकना (Halos Around Bright Lights)
मोतियाबिंद होने की स्थिति में मरीज रोशनी के सामने रहकर सहज नहीं रह पाता है। दरअसल, जब व्यक्ति को मोतियाबिंद होता है, तो हेडलाइट या स्ट्रीटलाइट चमकती हुई नजर आती है। नतीजतन, इस तरह की रोशनी में उसे परेशानी महसूस होती है। यही नहीं, मोतियाबिंद होने पर व्यक्ति दिन की रोशनी में भी बाहर नहीं निकल पाता। सूरज की रोशनी उसे आंखों में चुभती हुई लगती है।
रंगों में बदलाव महसूस होना (Color Changes)
मोतियाबिंद के कई सामान्य लक्षणों में से एक है, रंग में बदलाव महसूस करना। दरअसल, मोतियाबिंद होने पर व्यक्ति को जो रंग जैसा होता है, वैसा न नजर आकर हल्का नजर आने लगता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि मोतियाबिंद आंखों के नेचुरल लेंस को इफेक्ट करने लगता है। इस कारण, आंखों के सामने हर चीज ब्राउनिश या येलोइश नजर आने लगती है। जैसे-जैसे समय बीतता जाता है, व्यक्ति को रंगों को पहचानने की उनकी क्षमता कमजोर हो जाती है। यहां तक कि एक स्थिति ऐसी आ जाती है, जब व्यक्ति को पर्पल और ब्लू में फर्क नजर नहीं आता है।
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हर चीज डबल नजर आने लगती है (Double Vision)
अक्सर यह देखने में आता है कि जिसे मोतियाबिंद हो जाता है, उसे अपनी सही आंखें से चीजें डबल नजर आने लगती हैं। असल में, मरीज इफेक्टेड आंख से सब कुछ सही तरह से नहीं देख पता है, इसी वजह से उसकी दूसरी आंख पर काफी प्रेशर बढ़ता है। नतीजतन, उसे चीजें डबल-डबल नजर आने लगती हैं।
मोतियाबिंद का इलाज (Effective Treatment Of cataract)
धूम्रपान,डायबिटीज, स्टेरॉयड का लंबे समय तक उपयोग, लंबे समय तक धूप में काम करना और आंख में लगी चोट के कारण मोतियाबिंद होने का रिस्क बढ़ जाता है। इस तरह की समस्याओं से खुद को बचाकर आप मोतियाबिंद के रिस्क को कम कर सकते हैं। इसके अलावा, मोतियाबिंद को पूरी तरह ठीक करने के लिए सर्जरी की जाती है। अच्छी बात ये है कि आज की तारीख में बहुत आसानी से इसकी सर्जरी हो जाती है और ये काफी सुरक्षित तथा प्रभावी भी है।
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