Nuclear Cataract Causes: आयु बढ़ने के साथ ही लोगों को आंखों से जुड़ी समस्याएं होने लगती है। आंखों से जुड़ी समस्याओं को अधिक से संबंधित माना जाता है। कुछ वर्षों पर पहले केवल बुजुर्गों को ही मोटे-मोटे चश्मे लगा करते थे। लेकिन, आज के समय में आंखों से जुड़ी परेशानियां बच्चों को भी होने लगी हैं। यही कारण है कि आज छोटी उम्र में बच्चों को मोटे-मोटे चश्मे लगने लगे हैं। आंखों से जुड़ी आम समस्या में मोतियाबिंद को भी शामिल किया जाता है। हर साल इससे पीड़ित लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। मोतियाबिंद की समस्या को दूर करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है। आंखों के लेंस, आंख के पीछे रेटिना पर पड़ने वाले प्रकाश को फोकस करने में जिम्मेदार होते हैं। लेकिन, जब आंखों का लेंस धुंधला हो जाता है, तो इससे मोतियाबिंद हो सकता है। ऐसे में आंखों से जुड़ी अन्य समस्याएं भी हो सकती है। शुरुआती दौर में व्यक्ति को धुंधला दिखाई देता है, लेकिन बाद व्यक्ति को पूरी तरह से दिखना बंद हो सकता है।
मोतियाबिंद के कई प्रकार होते हैं, जिसमें न्यूक्लीयर कैटरेक्ट को भी शामिल किया जाता है। इससे लेंस के केंद्र में स्थिति न्यूक्लीयर क्षेत्र प्रभावित होता है। लेंस के केंद्रीय भाग का धुंधलापन न्यूक्लीयर कैटरेक्ट की वजह बन सकता है। आगे आई केयर सेंटर के वरिष्ट नेत्र सर्जन डॉक्टर संजीव गुप्ता से जानते हैं कि न्यूक्लीयर कैटरेक्ट के कारण और लक्षण क्या होते हैं?
न्यूक्लीयर कैटरेक्ट (Nuclear Cataract) के लक्षण क्या होते हैं?
- धीरे-धीरे कम दिखाई देना: न्यूक्लीयर कैटरेक्ट वाले व्यक्तियों को धीरे-धीरे दिखना कम होता है। जिस तरह से समय बढ़ता है वैसे-वैसे आंखों की रोशनी कम होने लगती है।
- धुंधला दिखाई देना: आंखों के लेंस में एक परत बनने से व्यक्ति को धुंधला दिखाई देने लगता है। खासकर, व्यक्ति जब कम रोशनी में दूर की चीजोंं को देखने की कोशिश करता है तो उसको धुंधला दिखाई देता है।
- पढ़ने में परेशानी होना: समय के साथ व्यक्ति को पास की चीजों को दिखाई देने में समस्या होने लगती है। लेंस प्रभावित होने से व्यक्ति को पढ़ने तक में पेरशानी हो सकती है।
- रंगों को पहचानने में परेशानी होना: मोतियाबिंद की वजह से व्यक्ति को साफ दिखाई नहीं देता है, ऐसे में व्यक्ति को रंग की पहचान कनरे में भी परेशानी होती है।
न्यूक्लीयर कैटरेक्ट (Nuclear Cataract) के क्या कारण होते हैं?
उम्र बढ़ने के साथ व्यक्ति में न्यूक्लीयर कैटरेक्ट की समस्या देखने को मिलती है। डॉक्टर बढ़ती उम्र को मोतियाबिंद का एक मुख्य कारक मानते हैं। आंख का लेंस में पानी और प्रोटीन होता है। लेंस को ट्रांसपेरेंट बनाने में प्रोटीन की मुख्य भूमिका होती है। लेकिन, जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती है, लेंस की बनावट और केमिकल बदलाव के कारण लेंस की स्टेब्लिटी प्रभावित हो सकती है। इस अस्थिरता के चलते लेंस में धुंधलापन हो सकता है और समय के साथ ये न्यूक्लीयर कैटरेक्ट का कारण बन सकता है।
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मोतियाबिंद की समस्या में लोगों को दिखाई देने से जुड़ी समस्या हो सकती है। इस समस्या में आंखो का लेंस प्रभावित होता है। अगर, समय के साथ इसके लक्षणों को अनदेखा किया जाए तो व्यक्ति को पूरी तरह से दिखना कम या बंद हो सकता है। ऐसे में आप नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।