धूल और प्रदूषण की वजह से आंखों पर दबाव पड़ता है। इसकी वजह से लोगों को देखने में परेशानी हो लगती है। ऑफिस में घंटों कंप्यूटर व लैपटॉप के सामने बैठने व बच्चों के द्वारा मोबाइल देखने के बुरे प्रभाव आंखों पर पड़ते हैं। आंखों से जुड़ी समस्या को मैक्यूलर डीजनरेशन कहा जाता है। इसमें व्यक्ति की आंखें से धुंधला दिखाई देता है। यह समस्या मुख्य रूप से बढ़ती उम्र के साथ देखने को मिलती है। इसमें रोगी को सामने रखी वस्तु या चीजें साफ रूप से दिखाई नहीं देती है। आई केयर क्लीनिक के आई स्पेशलिस्ट डॉक्टर अशोक कुमार से जानते हैं कि मैक्यूलर डीजनरेशन की समस्या के कारण और लक्षणों के बारे में।
मैक्यूलर डीजनरेशन क्या है? - What Is Macular Degeneration In Hindi
मैक्यूलर डीजनरेशन एक नेत्र रोग है जो केंद्रीय दृष्टि को प्रभावित करता है। इसका मतलब यह है कि मैक्यूलर डिजनरेशन से पीड़ित लोग अपने सामने की चीजों को सीधे नहीं देख सकते हैं। उम्र से संबंधित यह आम स्थिति है, जो ज्यादातर 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में होती है। मैक्यूलर डिजनरेशन आपके मैक्युला यानी आंखों के रेटिना के मध्य भाग को प्रभावित करता है। आंखों में रेटिना पीछे की ओर होता है। यह केंद्रिय दृष्टि को नियंत्रित करती है। मैक्यूलर डिजनरेशन से पीड़ित लोगों को पूरी तरह से दिखना बंद नहीं होता है। उनको चीजे आंखों के किनारे से दिखती हैं।
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मैक्यूलर डीजनरेशन के कारण - Causes Of Macular Degeneration In Hindi
आयु का अधिक होना
मैक्यूलर डीजनरेशन का एक प्रमुख कारण अधिक आयु मानी जाती है। जैसे-जैसे व्यक्तियों की उम्र बढ़ती है, उनमें इस स्थिति के होने का जोखिम काफी बढ़ जाता है। मैक्यूलर डीजनरेशन अक्सर उम्र बढ़ने की प्रक्रिया से जुड़ा होता है, और 50 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों में इसकी शुरुआत होने की संभावना अधिक होती है।
आनुवंशिक कारण
यदि किसी के परिवार में पहले किसी को मैक्यूलर डीजनरेशन की समस्या है तो इससे यह रोग व्यक्ति को हो सकता है। इसके कारणों में आनुवांशिक को भी शामिल किया जा सकता है। इसे समझने के लिए व्यक्ति की फैमिली की मेडिकल हिस्ट्री को समझने की आवश्यकता हो सकती है।
धूम्रपान से खतरा बढ़ना
मैक्यूलर डीजनरेशन के जोखिम कारक में आप धूम्रपान को भी शामिल कर सकते हैं। धूम्रपान के हानिकारक प्रभाव लंग्स और आंखों पर हो सकते हैं। सिगरेट के धुएं में मौजूद जहरीले पदार्थ आंखों की रक्त वाहिकाओं (ब्लड वैसल) को नुकसान पहुंच सकताे हैं।
मैक्यूलर डीजनरेशन के लक्षण - Symptoms Of Macular Degeneration In Hindi
दिखाई देने में समस्या
इसमें व्यक्ति को सीधी रेखाएं लहरदार दिखाई दे सकती हैं, और सेंटर में रखी चीजें धुंधली दिखाई दे रही हैं। यह समस्या पढ़ने, गाड़ी चलाने या चेहरों को पहचानने जैसी रोजाना के कार्यों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं।
सेंट्रल ब्लाइंड स्पॉट
मैक्यूलर डीजनरेशन वाले मरीजों को अक्सर एक निश्चित स्थान की चीजें दिखाई नहीं देती है। इसे स्कोटोमा के रूप में भी जाना जाता है। यह ब्लाइंट स्पॉट समय के साथ बड़ा हो सकता है, जिससे मैक्यूलर डीजनरेशन गंभीर हो सकता है।
रंगों को पहचान न पाना
इस दौरान रोगी को रंग के बीच अंतर करने में परेशानी हो सकती है। जबकि कई बार रंग की सही पहचान भी नहीं की जा सकती है।
चेहरे पहचानने में मुश्किल होना
मैक्यूलर डिजनरेशन में व्यक्ति को सैंट्रल की चीजे दिखाई नहीं देती है। ऐसे में रोगी को लोगों के चेहरे पहचानना मुश्किल हो सकता है। इसका सामाजिक संपर्क और रोजाना के कार्य पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
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वेट मैक्यूलर डीजनरेशन एक गंभीर आंख की स्थिति है जो अपरिवर्तनीय दृष्टि हानि का कारण बनने की क्षमता के कारण ध्यान देने की मांग करती है। शीघ्र पता लगाने और हस्तक्षेप के लिए कारणों को समझना और लक्षणों को पहचानना महत्वपूर्ण है। जैसे-जैसे अनुसंधान रोग में नई अंतर्दृष्टि को उजागर करना जारी रखता है, व्यक्तियों के लिए, विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले लोगों के लिए, नियमित आंखों की जांच को प्राथमिकता देना और आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है। सूचित रहकर और निवारक उपाय करके, व्यक्ति अपनी दृष्टि को संरक्षित करने और गीले धब्बेदार अध: पतन के प्रभाव को कम करने की दिशा में काम कर सकते हैं।