कमजोर दृष्टि का होना लोगों की सबसे आम चिंताओं में से एक है। आंखों पर बहुत अधिक खिंचाव, खराब या धुंधली दृष्टि; इससे आंखें कमजोर होती हैं और आपको पढ़ने-लिखने में परेशानी होती है। कई बार, लोग कमजोर होती दृष्टि के संकेतों पर ध्यान नहीं देते हैं। इसे अनदेखा करना ठीक नहीं है। क्योंकि, इससे आंखों की दृष्टि और अधिक खराब हो जाती है। ऐसे में अपने आंखों की दृष्टि की क्षमता को जानने के लिए नेत्र जांच कराना चाहिए। यदि आपकी नजर कमजोर है, तो आपको या तो चश्मा पहनना चाहिए या कॉन्टैक्ट लेंस लगाना चाहिए। यहां तक कि अगर आपकी आंखों कोई खराबी नहीं है तब भी आपको आंखों की जांच सुनिश्चित करनी चाहिए।
कुछ स्पष्ट संकेत हैं जो बताते हैं कि आंखों की दृष्टि खराब स्थिति में है। आपको इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए और जो भी आपको सही लगे, चश्मा या लेंस उसे पहनना चाहिए। आंखों की खराब दृष्टि के कई कारण हैं। कभी-कभी, यह वंशानुगत कारक के कारण होता है, कुछ विटामिनों की कमी, आंखों पर बहुत अधिक तनाव, अंधेरे में अध्ययन या पढ़ना आदि। कुछ स्पष्ट संकेत निम्नलिखित हैं। (इन 6 कारणों से उम्र से पहले आंखों की रोशनी हो जाती है कम)
- नजदीक की चीजों को पढ़ने में कठिनाई। पुस्तक पढ़ते समय धुंधली दृष्टि। इसे आमतौर पर हाइपरोपिया के रूप में जाना जाता है।
- थोड़ी दूर की चीजों को पढ़ने या देखने में असमर्थता। इस स्थिति को मायोपिया कहा जाता है।
- क्लोज़-अप और दूर की चीज़ों को पढ़ने या देखने में असमर्थता।
- रात में धुंधली दृष्टि।
- आंखों में दर्द।
- लगातार सिरदर्द। (आंखों की देखभाल के लिए क्या करें और क्या न करें, जानें ये 10 बातें)
- बहुत ज्यादा रोशनी होने पर इंद्रधनुष जैसा दिखना।
- दोहरी दृष्टि।
- सूजी हुई आंखें या लाल आंखें।
- आंखों से बार-बार पानी आना।
- अंधेरे से उजाले की ओर जाते देखने में कठिनाई।
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आंखों को हेल्दी रखने के लिए क्या करें
कमजोर या खराब दृष्टि के सबसे सामान्य लक्षणों में से कुछ बातें हमने आपको बताई। इसलिए, समय-समय पर चेकअप करवाना जरूरी है। चेकअप करवाने के लिए आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। अपने चश्मे को रोजाना पहनें और आंखों की दृष्टि को सही करने के लिए कुछ नेत्र व्यायाम करें। इसके अलावा, आपको मजबूत नेत्र दृष्टि रखने के लिए स्वस्थ आहार और पोषण युक्त भोजन लेना चाहिए। इसके अलावा नियमित रूप से एक्सरसाइज और योगाभ्यास जरूर करें। सुबह-सुबस ओस पड़ी हुई घासों पर नंगे पांव चलें।
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