Cataract in Child Symptoms and Treatment : आमतौर पर मोतियाबिंद की समस्या 40 से 50 साल की उम्र में शुरू होती है। इस समस्या में व्यक्ति को धुंधला दिखाई देता है। मोतियाबिंद की परेशानी तब होती है, जब आंखों में मौजूद प्रोटीन टूटने लगता है। आपने बढ़ती उम्र के लोगों में मोतियाबिंद की समस्या कई बार देखी होगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह समस्या बच्चों में भी पाई जाती है? जी हां, आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि बच्चों में भी मोतियाबिंद (Cataract) की समस्या हो सकती है। आइए बच्चों में होने वाली मोतियाबिंद की बीमारी के लक्षण, कारण और ट्रीटमेंट के बारे में डॉ. गिरिजा सुरेश, वरिष्ठ सलाहकार-नेत्र रोग विशेषज्ञ, फोर्टिस अस्पताल मुलुंड (Dr Girija Suresh, Senior Consultant-Ophthalmologist, Fortis Hospital Mulund) से जानते हैं।
बच्चों में हो सकता है मोतियाबिंद?- Can Children have Cataract
जी हां, बच्चों में मोतियाबिंद की समस्या हो सकती है। यह आंखों से जुड़ी समस्या है, जो आंख के लेंस में धुंधले पैच बनने की वजह से हो सकती है। इससे बच्चे को धुंधला दिखाई देता है। बता दें कि कई बच्चों को मोतियाबिंद जन्म से ही होता है। वहीं, कई लोगों में यह समस्या बाद में भी विकसित हो सकती है। आमतौर पर बच्चों में मोतियाबिंद की समस्या जेनेटिक या किसी अन्य नेत्र विकारों (Eye Disorder) के कारण भी हो सकती है।
बच्चों में मोतियाबिंद होने के कारण- Causes of Cataract in Children
बच्चों में मोतियाबिंद होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। जैसे कि गर्भावस्था के दौरान संक्रमण, जन्म के समय कम वजन, आंखों पर चोट, कुछ दवाइयों के कारण, मेटाबॉलिज्म से जुड़ी समस्याएं, क्रोमोसोमल अंतर (Chromosomal Difference) जैसी स्थिति हो सकती है। बता दें कि मोतियाबिंद से पीड़ित बच्चों को धुंधली दृष्टि, प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता (Light Sensitivity) और रात में देखने की समस्या हो सकती है। लेंस पर धुंधलापन मोतियाबिंद के शुरुआती संकेतों में से एक है।
इसे भी पढ़ें- मोतियाबिंद और ग्लूकोमा में क्या अंतर होता है? एक्सपर्ट से जानें सही जानकारी
बच्चों में मोतियाबिंद के लक्षण- Symptoms of Cataract in Children
बच्चों में मोतियाबिंद की शुरुआत के कई लक्षण नजर आते हैं। जैसे कि आंखों में धुंधलापन, आंखों का संरेखित न होना (Misalignment of Eyes), आंखों की गतिविधियों को कंट्रोल न कर पाना, आंखों में लाल की जगह सफेद रंग दिखना, भेंगापन, तेज धूप में आंखें सिकोड़ना, चीजों से टकराना आदि। अगर बच्चों में ये लक्षण नजर आ रहे हैं, तो यह मोतियाबिंद के संकेत हैं। आइए इस बीमारी का इलाज जानते हैं।
बच्चों में मोतियाबिंद का इलाज कैसे करें? - How to Treat Cataract
in Children
बता दें कि बच्चों में होने वाले मोतियाबिंद (Cataract Children) का इलाज सर्जरी से किया जा सकता है। इस सर्जरी में, मोतियाबिंद वाले लेंस को हटाकर उसकी जगह कृत्रिम लेंस (Artificial Lens) से बदल दिया जाता है। हालांकि, सर्जरी के बाद बच्चे को कॉन्टैक्ट लेंस या चश्मा पहनने की जरूरत पड़ सकती है। अगर मोतियाबिंद के इलाज की प्रोसेस को आसान और कम शब्दों में समझें, तो नेत्र रोग विशेषज्ञ, बच्चे को सामान्य एनेस्थीसिया देते हैं। इसके बाद आंख में एक छोटा सा चीरा लगाकर, मोतियाबिंद वाले लेंस को हटाया जाता है। इस लेंस को हटाने के बाद, आर्टिफिशियल लेंस डाला जाता है।
इसे भी पढ़ें- मोतियाबिंद सर्जरी के बाद क्या धुंधला नजर आना सामान्य है? जानें डॉक्टर से
अगर आपके बच्चे में ऊपर बताए लक्षणों में से कोई भी शामिल है, तो आपको नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए। ऐसे में डॉक्टर कई अलग टेस्ट करता है। ध्यान रखें कि सभी मोतियाबिंदों के लिए सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है, कुछ का इलाज चश्मे और हेल्दी लाइफस्टाइल से भी किया जा सकता है। अगर यह तरीका सफल नहीं होता है, तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह दे सकता है।