Medically Reviewed by Dr Abhishek Chopra

डायरिया क्यों हो जाता है गंभीर? बच्चों को दस्त होने पर डॉक्टर से जानें मैनेज करने के तरीके

Diarrhea in Kids: बच्चों में दिन में कई बार दस्त आना गंभीर समस्या है। पैरेंट्स को ऐसे समय पर खास ध्यान रखना चाहिए। अगर दस्त गंभीर हो जाए, तो बच्चे को कई तरह की समस्याएं हो सकती है। इस लेख में डॉक्टर ने डायरिया गंभीर होने के कारणों पर विस्तार से बात की है।  
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डायरिया क्यों हो जाता है गंभीर? बच्चों को दस्त होने पर डॉक्टर से जानें मैनेज करने के तरीके

Diarrhea in Kids: बच्चों को दस्त होना बहुत ही आम बात है और इस बदलते मौसम में जब बच्चे कुछ बाहर का खा लेते हैं या फिर गंदे हाथ मुंह में डाल लेते हैं, तो हल्के से इंफेक्शन के कारण भी बच्चों को दस्त लग सकते हैं। जब बच्चे दिन में तीन-चार बार दस्त करने जाते हैं, तो पैरेंट्स घर पर ही घरेलू नुस्खे करके दस्त ठीक करने की कोशिश करते हैं। आमतौर पर पैरेंट्स सोचते हैं कि पेट का इंफेक्शन जल्दी ही ठीक हो जाएगा लेकिन अगर बच्चों को दिन में ज्यादा गंभीर दस्त (Acute Diarrhoea in Children) हो जाए और समय पर इलाज न कराया जाए, तो बच्चों को डिहाइड्रेशन हो सकता है और अस्पताल में एडमिट हो सकता है। बच्चों का डायरिया गंभीर हो जाए, तो पैरेंट्स को क्या करना चाहिए? यह जानने के लिए हमने दिल्ली के क्लाउडनाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के नियोनेटोलॉजिस्ट और पीडियाट्रिक विभाग के कंसल्टेंट डॉ. अभिषेक चोपड़ा (Dr Abhishek Chopra, Consultant Pediatrician and Neonatologist, Cloudnine Group of Hospitals, New Delhi Punjabi Bagh) से बात की।


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गंभीर दस्त से बच्चों के लिए रिस्क क्यों बढ़ता है?

डॉ. अभिषेक कहते हैं, “बच्चों का शरीर छोटा होता है और उनके शरीर में पानी का बैलेंस रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है। जब बच्चा बार-बार दस्त करता है, तो उसके शरीर से पानी बड़ी तेजी से निकलता है, सोडियम और पोटैशियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स कम हो जाते हैं और बच्चा सुस्त और कमजोर होने लगता है। इस वजह से बच्चों के दस्त को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए।”

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बच्चों में दस्त गंभीर होने के कारण

डॉ. अभिषेक ने बताया कि बच्चों में दस्त गंभीर होना कई वजहों से हो सकता है और पैरेंट्स को इन कारणों पर नजर रखनी चाहिए ताकि उनका समय पर इलाज हो सकते।

वायरल इंफेक्शन - Viral Gastroenteritis

वायरल इंफेक्शन के कारण बच्चों में दस्त होना सबसे आम है, जिसे स्टमक फ्लू कहते हैं। इसका कारण रोटावायरस और नॉरोवायरस हो सकता है और सबसे जरूरी बात यह है कि ये वायरस बच्चों में तेजी से फैलता है। इसमें बच्चे को पानी जैसे दस्त आते हैं, उल्टी होना और हल्का बुखार भी हो सकता है।

बैक्टीरियल इंफेक्शन - Bacterial Infection

गंदा पानी, अनहेल्दी फूड या बाहर का खुला खाना खाने से बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकता है। इसमें दस्त बहुत तेज, बदबूदार और कभी-कभी खून वाले भी हो सकते हैं।

फूड पॉइजनिंग - Food Poisoning

कई बार बच्चे बासी, खराब या गलत तरीके से स्टोर किया गया खाना खा लेते हैं, जिससे बच्चों का पेट तुरंत खराब हो जाता है। फूड पॉइजनिंग में आमतौर पर उल्टी और दस्त दोनों एक साथ होते हैं।

एंटीबायोटिक की वजह से - Antibiotic Medicines

कई बार बच्चे को कोई अन्य बीमारी के लिए पैरेंट्स एंटीबायोटिक दे देते हैं, जिसे लेने के बाद बच्चों को दस्त लग जाते हैं। एंटीबायोटिक दवाइयां पेट के अच्छे बैक्टीरिया को भी नुकसान पहुंचाती हैं, जिससे बच्चे को दस्त लग सकते हैं।

दूध न पचना - Lactose Intolerance

कई बार पैरेंट्स को पता ही नहीं चलता कि उनका बच्चा लैक्टोज इंटॉलरेंस है और वह अपने बच्चे को दूध पिलाते रहते हैं। इससे बच्चों को दूध पीने के बाद दस्त, पेट फूलना या गैस हो सकती है। अगर बच्चे को दूध या डेयरी प्रोडेक्ट देने के बाद बार-बार दस्त की समस्या होती हो, तो डॉक्टर से जरूर चेक कराएं कि कहीं बच्चा लैक्टोज इंटॉलरेंस तो नहीं है।

साफ-सफाई का ध्यान न रखने और गंदे पानी के कारण

कई बार बच्चे खिलौनों या जूते-चप्पल को हाथ लगाने के बाद उंगुलियां मुंह में डाल लेते हैं। इससे भी इंफेक्शन होने का रिस्क रहता है। इसके अलावा, बाहर का पानी पीना भी बच्चों में दस्त होने का बड़ा कारण हो सकता है। इसलिए बच्चों को हाथ धुलवाते रहना चाहिए और उनकी मुंह में उंगुलियां डालने की आदत भी छुड़वाना बहुत जरूरी है।

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गंभीर दस्त होने के लक्षण

डॉ. अभिषेक ने बच्चों में गंभीर दस्त होने के लक्षण बताए हैं, जिसे पैरेंट्स को खासतौर पर ध्यान देना चाहिए।

  1. बार-बार पानी जैसे दस्त
  2. बच्चा बहुत सुस्त या चिड़चिड़ा होना
  3. मुंह और होंठ सूखना
  4. 6 से 8 घंटे तक पेशाब न होना
  5. रोते समय आंसू न आना
  6. आंखें धंसी हुई दिखना
  7. उल्टी के साथ दस्त

गंभीर दस्त होने पर बच्चे का ध्यान

डॉ. अभिषेक कहते हैं कि गंभीर दस्त होने पर डॉक्टर से चेकअप (dast hone per doctor ko kab dikhaye) कराना चाहिए, साथ ही पैरेंट्स को इन बातों का भी ध्यान रखना चाहिए।

  1. बच्चों को ORS दें - दस्त होने पर बच्चों को ORS का घोल दें और इससे बच्चे के इलेक्ट्रोलाइट्स मिल सकते हैं। हर दस्त के बाद छोटे बच्चे को आधा कप और बड़े बच्चों को एक कप ORS का घोल दें। एक साथ देने की बजाय थोड़ी-थोड़ी मात्रा में दें।
  2. हल्का और आसानी से पचने वाली डाइट दें - बच्चे को खिचड़ी, दही-चावल, सादा टोस्ट, केला, सूजी उपमा और नारियल पानी दें। दस्त होने पर बच्चों को मसालेदार, जंक फऊड या बहुत मीठे जूस न दें।
  3. ब्रेस्टफीड जरूर कराएं - अगर बच्चा ब्रेस्टफीड पर है, तो उसे समय-समय पर ब्रेस्टफीडिंग कराते रहें। ब्रेस्टफीडिंग से बच्चे को एनर्जी और इम्युनिटी मिलती है।
  4. खाने में जबरदस्ती न करें - अगर बच्चा न खाए, तो उसके साथ जबरदस्ती न करें। जबरदस्ती खाने से बच्चे को उल्टी और दस्त हो सकते हैं।
  5. साफ-सफाई का ध्यान रखें - बच्चे के हाथ बार-बार धोएं, बाहर का पानी पीने को न दें और उसकी बोतल और बर्तन अच्छे से साफ करें।

निष्कर्ष

अगर बच्चे को दस्त करते हुए 24 घंटे से ज्यादा हो जाए, दस्त में खून दिखे, 6 घंटे तक पेशाब न किया और तेज बुखार हो, तो तुरंत डॉक्टर को जरूर दिखाएं। अगर बच्चे का समय पर इलाज न हो, तो डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। इसलिए बच्चे को समय रहते डॉक्टर को दिखाकर इलाज कराएं।

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FAQ

  • बच्चों में दस्त को तुरंत कैसे रोकें?

    बच्चों में दस्त रोकने के लिए सबसे जरूरी ORS (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) और तरल पदार्थ जैसे छाछ, नारियल पानी, नींबू पानी देना जरूरी है। इससे बच्चे के शरीर में पानी की कमी नहीं होगी।
  • मेरे बच्चे को पानी जैसा दस्त क्यों होता है?

    बच्चों में दस्त आमतौर पर डाइजेशन में गड़बड़ी या संक्रमण के कारण होते हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं, जिसमें सबसे आम रोटावायरस और एडेनोवायरस हो सकते हैं।
  • बच्चा लैट्रिन ना करे तो क्या करना चाहिए?

    बच्चों में कब्ज से राहत आलूबुखारा, सेब और नाशपाती दिला सकते हैं। इसमें नेचुरल रेचक है, जो मल को नरम बनाती है। इसके अलावा, बच्चों को पानी जरूर दें। इससे बच्चों को लैट्रिन करने में आसानी होती है।

 

 

 

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  • Current Version

  • Dec 15, 2025 19:37 IST

    Published By : Aneesh Rawat

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