
खांसी एक आम लेकिन परेशान करने वाली समस्या है, जो बदलते मौसम, एलर्जी, इंफेक्शन या और भी कारणों से हो सकती है। कई बार यह कुछ ही दिनों में ठीक हो जाती है, लेकिन अगर यह लंबे समय तक बनी रहे तो गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं। आमतौर पर खांसी से राहत पाने के लिए लोग बाजार में उपलब्ध सिरप, टैबलेट या घरेलू नुस्खों का सहारा लेते हैं, लेकिन आयुर्वेद में कई ऐसी औषधियां बताई गई हैं जो खांसी की जड़ में जाकर उसका समाधान करती हैं। इन्हीं में से एक प्रभावशाली औषधि सर्पगंधा है। सर्पगंधा को अधिकतर लोग हाई ब्लड प्रेशर और मानसिक अशांति के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली जड़ी-बूटी के रूप में जानते हैं, लेकिन इसके अनेक फायदे हैं।
विशेष रूप से जब खांसी मानसिक तनाव, नींद की कमी या नर्वस सिस्टम की गड़बड़ी के कारण हो रही हो, तो सर्पगंधा बेहद लाभकारी सिद्ध हो सकती है। इस लेख में नोएडा के सेक्टर-12 में स्थित, अर्चित आयुर्वेदिक क्लिनिक के डॉ. अनंत त्रिपाठी से जानिए, खांसी में सर्पगंधा के फायदे और उपयोग के तरीके।
खांसी में सर्पगंधा के फायदे
आयुर्वेद में खांसी को 'कास' कहा गया है और इसे वात, पित्त और कफ दोष के असंतुलन से उत्पन्न रोग माना गया है। यदि किसी व्यक्ति को बार-बार सूखी खांसी हो रही हो, विशेष रूप से रात को ज्यादा होती हो और अन्य कारण स्पष्ट न हों, तो इसके पीछे मानसिक उत्तेजना या तंत्रिका तंत्र की अस्थिरता हो सकती है।
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यहां पर सर्पगंधा काम आती है। इसके सेवन से मानसिक शांति मिलती है, नींद सुधरती है और नसों पर पॉजिटिव प्रभाव पड़ता है, जिससे मानसिक कारणों से होने वाली खांसी में राहत मिलती है। इसके अलावा, सर्पगंधा में हल्का कफहर गुण भी होता है जो गले की खराश और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
- जिन लोगों को चिंता, तनाव या घबराहट के कारण खांसी होती है, उनके लिए सर्पगंधा उपयोगी मानी जाती है।
- नींद की कमी से खांसी बढ़ सकती है, सर्पगंधा की नींद लाने वाली प्रवृत्ति खांसी से राहत देती है।
- इसके सेवन से गले की नसों और मांसपेशियों को आराम मिलता है, जिससे खांसी की तीव्रता कम होती है।
- सर्पगंधा पाचन तंत्र और श्वसन तंत्र पर प्रभाव डालती है, जिससे कफ का उत्सर्जन संतुलित रहता है।
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खांसी में सर्पगंधा का प्रयोग कैसे करें?
सर्पगंधा का उपयोग हमेशा आयुर्वेदाचार्य या विशेषज्ञ की देखरेख में ही करना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह तीव्र प्रभाव वाली औषधि है। सर्पगंधा की जड़ को सुखाकर पीस लें और आधा ग्राम से एक ग्राम तक गर्म पानी या शहद के साथ दिन में एक बार लें। इसके अलावा आयुर्वेदिक कंपनियों द्वारा निर्मित सर्पगंधा वटी उपलब्ध होती है। इसका सेवन चिकित्सक की सलाह के अनुसार किया जाना चाहिए।
सावधानियां
- प्रेग्नेंट महिलाओं को सर्पगंधा का सेवन नहीं करना चाहिए।
- लो ब्लड प्रेशर वाले लोगों को इससे बचना चाहिए।
- अधिक मात्रा में लेने पर नींद अधिक आ सकती है या थकावट महसूस हो सकती है।
- लंबे समय तक सेवन से डिप्रेशन जैसी मानसिक स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।
निष्कर्ष
सर्पगंधा आयुर्वेद की एक प्रभावशाली औषधि है जो खांसी जैसी आम समस्या में भी विशेष रूप से तब उपयोगी हो सकती है जब उसका संबंध मानसिक या तंत्रिकात्मक कारणों से हो। हालांकि, यह औषधि इतनी शक्तिशाली है कि इसे केवल डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह पर और सही मात्रा में ही उपयोग करना चाहिए।
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Oct 25, 2025 14:05 IST
Published By : Akanksha Tiwari