Gut Health in Hindi: आजकल जिस तरह से पेट की समस्याएं सामने आ रही हैं, उसे देखते हुए लोग अब अपनी गट हेल्थ (Gut Health) को लेकर काफी जागरूक हो गए हैं। पेट की सेहत न सिर्फ पेट तक सीमित रहती है, बल्कि यह इम्युनिटी और मूड के साथ-साथ हार्ट और ब्रेन हेल्थ पर भी असर डालती है। इसलिए लोग पेट को सेहतमंद रखने के कई तरीके अपनाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि रात को नींद के दौरान भी गट माइक्रोबायोम (gut microbiome) रिपेयर और रीसेट होता है? इसलिए कहा भी जाता है कि रात को सोने से पहले कुछ आदतें पेट की सेहत को मजबूत बना सकती हैं। इन्हीं टिप्स को जानने के लिए हमने फरीदाबाद के सर्वोदय अस्पताल की सीनियर डाइटिशियन रितिका शर्मा (Ms. Rhitika Sharma, Senior Dietitian ( Nutrition Consultant), Sarvodaya Hospital,Sector-8, Faridabad) से बात की।
रात में गट हेल्थ को सेहतमंद रखना क्यों जरूरी है?
इस बारे में रितिका कहती हैं, “डाइजेशन में मौजूद कई करोड़ों बैक्टीरिया, फंगस और वायरस मिलकर गट माइक्रोबायोम बनते हैं। इन्हें "गुड बैक्टीरिया" भी कहते हैं, जो दिनभर खाने को पचाने और पोषण देने का काम करते हैं। रात में जब लोग गहरी नींद में होते हैं, तब शरीर के साथ-साथ गट भी रिपेयर और रीसेट होता है। इसलिए रात को भारी खाने या शराब जैसी चीजें लेने के लिए मना किया जाता है। इससे रात में गैस, एसिडिटी और कब्ज की समस्या होने का खतरा रहता है।”
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गट हेल्थ को सेहतमंद रखने के टिप्स
न्यूट्रिशनिस्ट रितिका ने रात को सोने से पहले इन आदतों में सुधार करने की सलाह दी है।
रात का खाना हल्का और समय पर लें
रात में देरी से खाना खाने पर पाचन तंत्र को भोजन तोड़ने और एब्जॉर्ब करने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। ध्यान देने वाली बात यह है कि रात में एंजाइम्स गैस्ट्रिक जूस का स्राव (secretion) कम हो जाता है, जिससे खाना पचने में देर लगती है। इसके अलावा, देरी से खाने पर शरीर की सारी एनर्जी खाना पचाने में लग जाएगी, तो रात को रिपेयर और सेल रीजनरेशन नहीं होगा। इस वजह से लोगों में अगले दिन ब्लोटिंग और एसिडिटी की समस्याएं देखने को मिलती हैं।
टिप्स जो आपको अपनाने चाहिए:
- डिनर सोने से कम से कम 2–3 घंटे पहले कर लें।
- हल्का भोजन लें जैसेकि दलिया, खिचड़ी, सूप और सलाद, या सब्जी के साथ रोटी लें।
- बहुत ऑयली, तला-भुना या स्पाइसी खाना न खाएं।
प्रीबायोटिक और प्रोबायोटिक का बैलेंस रखें
सबसे पहले प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोटिक्स के बारे में जानना जरूरी है।
- प्रोबायोटिक्स में दही, छाछ, कांजी, सौकर्रौट, इडली जैसे फर्मेंटेड फूड्स आते हैं, जो अच्छे बैक्टीरिया (lactobacillus, bifidobacteria) को गट में बढ़ाते हैं।
- प्रीबायोटिक्स में केला, प्याज, लहसुन, जई, दालें आते हैं, जो गट बैक्टीरिया को भोजन (fuel) देते हैं।
इसलिए रात के समय दोनों का कॉम्बिनेशन लेने से गट माइक्रोबायोम को एक्टिव और रिपेयर करने में मदद मिलती है। इससे आंतों की लाइनिंग मजबूत होती है और इम्यून सिस्टम भी बेहतर काम करता है।
टिप्स जो आपको अपनाने चाहिए:
- डिनर में प्रीबायोटिक-प्रोबायोटिक कॉम्बिनेशन रखें।
- जैसेकि दही और खिचड़ी, या सूप और मल्टीग्रेन ब्रेड और सलाद का कॉम्बिनेशन रख सकते हैं।
- रात को सोने से पहले ज्यादा मात्रा में दही न खाएं।
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सोने से पहले हाइड्रेशन पर ध्यान दें
दरअसल, पानी आंतों में भोजन के मूवमेंट को स्मूद बनाता है और आंतों की गति को तेज करता है। अगर पानी की कमी हो जाए, तो सबसे ज्यादा समस्या कब्ज की हो सकती है। हाइड्रेशन से टॉक्सिन्स बाहर निकलने की प्रक्रिया (detoxification) रात में बेहतर होती है, इसलिए दिनभर पानी पीना चाहिए।
टिप्स जो आपको अपनाने चाहिए:
- दिन भर 8–10 गिलास पानी पिएं।
- रात को सोने से पहले एक छोटा कप गुनगुना पानी लें। इससे रात में डाइजेशन में मदद मिलती है।
- सोने से ठीक पहले ज्यादा पानी न पिएं, वरना बार-बार बाथरूम जाना पड़ सकता है।
हर्बल ड्रिंक्स लें
कैमोमाइल टी, सौंफ का पानी या जीरा-अजवाइन का काढ़ा पाचन तंत्र को शांत करता है और एंजाइम्स के स्राव को बढ़ाता है। इससे गैस, ऐंठन और अपच की समस्या को कम करता है। हर्ब्स में नेचुरल एंटी-इंफ्लेमेटरी और कार्मिनेटिव (gas-reducing) गुण होते हैं, जो मेलाटोनिन को बढ़ाकर नींद को बेहतर बनाते हैं।
टिप्स जो आपको अपनाने चाहिए:
- रात को खाने के 30–40 मिनट बाद एक कप हल्का हर्बल इंफ्यूजन लें।
- सौंफ का पानी – आधा चम्मच सौंफ उबालकर छान लें।
- कैमोमाइल टी – नींद को गहरा करने के लिए उपयुक्त है।
- जीरा-अजवाइन पानी – जिनको एसिडिटी या गैस की समस्या रहती है।
नींद का रूटीन बनाना जरूरी
गट माइक्रोबायोम भी हमारे शरीर की सर्कैडियन रिद्म से जुड़ा हुआ है और बार-बार बदलते सोने-जागने के समय से बैक्टीरिया की बॉयोलोजिकल क्लॉक बिगड़ जाती है। इससे रात में नींद टूटती है, इम्यूनिटी की कमी और वजन बढ़ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
टिप्स जो आपको अपनाने चाहिए:
- रोज एक ही समय पर सोने और उठने की कोशिश करें।
- सोने से 1 घंटे पहले मोबाइल/टीवी/लैपटॉप से दूरी बनाएं।
- हल्की स्ट्रेचिंग, मेडिटेशन या किताब पढ़ना नींद को बेहतर करता है।
स्ट्रेस कम करें
स्ट्रेस हार्मोन कॉर्टिसोल गट माइक्रोबायोम पर नेगेटिव असर डालता हैंऔर इस वजह से आंतों में सूजन आ सकती है। कई मामलों में आंतों की समस्या IBS की बीमारी को बढ़ा सकता है।
टिप्स जो आपको अपनाने चाहिए:
- सोने से पहले 5–10 मिनट गहरी सांस लें।
- मेडिटेशन या हल्का म्यूजिक सुनें।
- जर्नलिंग करके भी मन शांत होता है।
निष्कर्ष
रितिका कहती हैं कि गट हेल्थ सिर्फ दिन में खाए हुए भोजन पर ही निर्भर नहीं करती, बल्कि रात की आदतों पर भी असर डालती है। इसलिए रात को हल्का डिनर, पानी पीना और स्ट्रेस को मैनेज करने पर ध्यान देना जरूरी है। ये आदतें न सिर्फ पेट को सेहतमंद रखती है, बल्कि इम्युनिटी बढ़ाने में भी मदद करती है। इसलिए अपने पेट की सेहत पर ध्यान जरूर दें।
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Current Version
Sep 25, 2025 07:03 IST
Published By : Aneesh Rawat