थूक और खांसी से ही नहीं, बल्कि बातचीत के दौरान एयर ड्रॉपलेट्स से भी फैल सकता है कोरोना : शोध

कोविड-19 का खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है इसलिए जरूरी है कि आप मास्क लगाकर रखें, ताकि इस रिसर्च के अनुसार बातचीत के दौराना कोरोना वायरस न फैले।
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थूक और खांसी से ही नहीं, बल्कि बातचीत के दौरान एयर ड्रॉपलेट्स से भी फैल सकता है कोरोना : शोध


भारत में कोरोनावायरस की रफ्तार जहां कम हो रही है, वहीं शोधकर्ता कोरोना से जुड़े नए जोखिमों का खुलासा कर रहे हैं।  हाल ही में रॉयल सोसाइटी ए की कार्यवाही पत्रिका  (Journal Proceedings of the Royal Society A) में प्रकाशित एक अध्ययन की मानें, तो  शोधकर्ताओं ने इस बात का पता लगाया है कि कोरोना का संक्रमण दो व्यक्ति के बीच बातचीत के दौरान (speaking spread coronavirus) भी फैल सकता है।  इस शोध में शोधकर्ताओं ने गणितीय मॉडल का उपयोग किया कि कैसे COVID-19 जगह के हिसाब से और घर के अंदर लोगों की संख्या के आधार पर फैलता है। इस शोध में शोधकर्ताओं ने मास्क के महत्व की भी समीक्षा की कि कैसे बातचीत के दौरान मास्क पहनना लोगों के बीच कोरोना संक्रमण के खतरे को कम कर सकता है। तो, आइए विस्तार से जानते हैं क्या कहता है कोरोना से जुड़ा ये नया शोध और भारत में कोरोना से जुड़े नए अपडेट्स (coronavirus live update in india)

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एक सेकंड में 2 मीटर से ज्यादा दूर जा सकता है कोरोना का वायरस

रॉयल सोसाइटी ए की कार्यवाही पत्रिका  (Journal Proceedings of the Royal Society A) में प्रकाशित इस अध्ययन की मानें, तो बात करने से कोविड -19 का अधिक संचरण हो सकता है, विशेष रूप से खराब हवादार स्थानों में जो कि छोटी जगहों पर होती हैं। अध्ययन बताता है कि छोटी जगहों पर कोरोना आसानी से फैल सकता है। इस दौरान कोरोना का वायरस 6 सेकंड में 2 मीटर से अधिक दूरी तय कर सकता है और तेजी से फैल सकता है। इसके अलावा इस अध्ययन इस बात का भी जिक्र है, कि क्यों लोगों को घर में रहने के दौरान भी मास्क पहन कर रहना चाहिए।

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कफ के बड़े एयर ड्रॉपलेट्स से ज्यादा संक्रामक है बातचीत के दौरान मुंह से निकले छोटे एयर ड्रॉपलेट्स 

अध्ययन में पाया गया कि जब दो लोग खराब हवादार स्थान पर होते हैं और मास्क नहीं पहनते हैं, तो बातचीत के दौरान भी कोरोना वायरस फैलने का डर होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जब हम बोलते हैं, तो हम अपने मुंह से छोटी बूंदें (small droplets in the air) पैदा करते हैं जो हवा में मिल सकती हैं, पर्याप्त वेंटिलेशन के बिना एक क्षेत्र में फैल सकती है और वहीं जमा हो सकती हैं। दूसरी ओर,  खांसी होने पर अधिक बड़ी बूंदों का उत्पादन (cough produces more large droplets) करती है, जो जल्दी से फर्श पर गिर जाती हैं और सतहों पर बस जाती हैं।

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इस मॉडलिंग परिदृश्य में, शोधकर्ताओं ने पाया कि एक छोटी खांसी के बाद, हवा में संक्रामक कणों की संख्या 1 से 7 मिनट के बाद तेजी से कम हो जाती है इसके विपरीत, 30 सेकंड के लिए बोलने के बाद, केवल 30 मिनट के बाद संक्रामक कणों की संख्या समान स्तर तक बनी रहती है। दूसरे शब्दों में समझें, तो खांसी या थूक से ज्यादा बातचीत के दौरान कोरोना का संक्रमण हो सकता है। निष्कर्ष बताते हैं कि COVID-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए अकेले सामाजिक दूरी  (social distancing) पर्याप्त नहीं है, बल्कि इसे रोकने के लिए मास्क लगना (wearing mask) और पर्याप्त वेंटिलेशन जरूरी है।

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भारत में कोरोना से जुड़े नए अपडेट्स (Coronavirus Update India)

भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 14,545 नए मामले सामने आए हैं, जिसमें कि 163 लोगों की मौत हुई है। इस तरह भारत में कोरोना के कुछ मामले 1,06,25,428 हो गए हैं और अब तक भारत में 12 लाख से ज्यादा लोगों को कोरोना का टीका (covid-19 vaccination in india)लग चुका है।  साथ ही खबरों की मानें, तो स्वास्थ्य कर्मियों के बाद पीएम मोदी और मंत्री कोरोना का टीका लगवाएंगे।

गौरतलब है कि कोरोना के टीके को लेकर लोगों के भीतर कई सारे प्रश्न और संशय है। हालांकि, केन्द्र सरकार और राज्य सरकारें लगातार लोगों को जागरूक करने की कोशिश कर रही हैं ताकि लोग भरोसे के साथ कोरोना का टीका लगवा सकें।

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