आजकल की बिगड़ी लाइफस्टाइल और खानपान का बुरा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है, जिसके कारण कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं कम उम्र से होने लगती हैं। फिट और हेल्दी रहने के लिए जरूरी है कि आप अपनी लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव करें, जैसे कि समय पर सोना, समय पर जागना, हेल्दी भोजन करना और रोजाना व्यायाम के लिए समय निकालना। अगर रोजाना पौष्टिक खाना खाते हैं और आपकी लाइफस्टाइल सही है तो शरीर में होने वाली 5 वायु व्यान, समान, अपान, उदान और प्राण संतुलन (How to balance vayus) में रहेंगी। जिससे शरीर बीमारियों से बच सकता है। शरीर में प्राण वायु इंबैलेंस होने पर कुछ लक्षण दिखने लगते हैं, जिन्हें समय से पहचान लिया जाए तो इसे संतुलित किया जा सकता है। इस लेख में योग शिक्षक रजनीश प्राण वायु इंबैलेंस के लक्षण और इसे संतुलित करने के उपाय बता रहे हैं।
प्राण वायु इंबैलेंस होने के लक्षण - Prana Vayu Imblance Symptoms In Hindi
प्राण वायु हमारे शरीर की छाती में हृदय और फेफड़ों के आसपास केंद्रित होती है। खासतौर पर प्राण वायु हमारे हृदय, फेफड़े, गले और सिर सहित शरीर के ऊपरी हिस्से को पोषण देती है। अगर आपके शरीर में छाती से ऊपर किसी भी तरह के असंतुलन का अनुभव करते हैं, तो यह आपके प्राण वायु में असंतुलन का संकेत है।
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1. गुस्सा और एंग्जायटी - Anger And Anxiety
शरीर में प्राण वायु इंबैलेंस होने पर व्यक्ति को छोटी-छोटी बातों पर ज्यादा गुस्सा आने लगता है। इसके साथ ही बैचेनी और एंग्जायटी की समस्या भी प्राण वायु इंबैलेंस के कारण हो सकती है।
2. सर्दी-खांसी और सिरदर्द - Cold, Cough And Headache
शरीर में प्राण वायु इंबैलेंस होने पर व्यक्ति को अक्सर सर्दी-खांसी की समस्या हो सकती हैं। इसके अलावा सिरदर्द की शिकायत भी ज्यादातर प्राण वायु के इंबैलेंस के कारण होती है।
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3. डकार और हिचकी - Burp And Hiccups
जिन लोगों को खाने खाते समय या बाद में ज्यादा डकार या हिचकी आती हैं तो ये भी प्राण वायु इंबैलेंस का लक्षण है।
प्राण वायु संतुलित करने के तरीके - How To Balance Prana Vayu
1. जल नेति - Jal Neti
शरीर में प्राण वायु को संतुलित करने के लिए हफ्ते में कम से कम एक बार जल नेति क्रिया जरूर करें। इससे न सिर्फ प्राण वायु संतुलित हो सकती है बल्कि अन्य समस्याएं भी कम हो सकती हैं।
2. भस्त्रिका प्राणायाम - Bhastrika
शरीर में प्राण वायु को संतुलित करने के लिए रोजाना कम से कम 10 से 15 मिनट के लिए भस्त्रिका प्राणायाम का अभ्यास करें। इससे शरीर की सभी वायु संतुलित होती हैं और श्वास संबंधी समस्याएं भी दूर हो सकती हैं। इसके नियमित अभ्यास से शरीर में ब्लड फ्लो बेहतर हो सकता है।
4. अनुलोम-विलोम - Anulom-Vilom
रोजाना अनुलोम-विलोम का अभ्यास करने से भी शरीर में प्राण वायु संतुलित हो सकती है। इसके लिए आपको रोजाना सुबह 10 से 15 मिनट के लिए अनुलोम-विलोम का अभ्यास करना चाहिए। इससे पूरे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह सही से होता है, साथ ही तनाव और एंग्जायटी की समस्या दूर हो सकती है और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है। प्राण वायु को संतुलित रखने के लिए रोजाना पर्याप्त नींद जरूर लें।
प्राण वायु का संतुलन हमारे शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। नियमित योगाभ्यास, प्राणायाम, हेल्दी डाइट और पर्याप्त नींद से प्राण वायु को संतुलित रखने में मदद मिल सकती है।
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