हर महिला के लिए पीरियड्स समय पर आना किसी सुकून भरे पल से कम नहीं हैं। अगर पीरियड्स आने में देरी हो जाए तो अक्सर महिलाएं परेशान हो जाती हैं, क्योंकि पीरियड में देरी का कारण अक्सर स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं या प्रेग्नेंसी से जोड़ा जाता है। कई महिलाओं को अक्सर पीरियड्स आने में देरी हो जाती है। बता दें कि किसी भी महिला की पीरियड साइकिल आमतौर पर 28 से 35 दिनों की होती है, लेकिन अगर इससे भी ज्यादा लेट पीरियड (delayed period reasons) हो तो ये आपके स्वास्थ्य के लिए खतरे का संकेत हो सकता है। खासकर अगर ये समस्या हर महीने हो। पीरियड न आने या देरी होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन, क्या आपको पता है आपके लाइफस्टाइल से जुड़े कुछ कारक भी अक्सर पीरियड्स में देरी का कारण बनते हैं। ऐसे में आइए नमामी लाइफ की फाउंडर और चीफ डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट नमामी अग्रवाल से जानते हैं पीरियड लेट होने की क्या वजह (period der se aane ka karan) हो सकती है?
पीरियड में देरी के कारण - Reasons For Delayed Periods in Hindi
पीरियड में देरी होने के पीछे कई कारण शामिल हो सकते है, जिनमें-
1. डाइट
क्रैश डाइट या अपनी डाइट में कैलोरी सेव नको काफी कम करने से आपके शरीर में हार्मोन्स में गड़बड़ी हो सकती है। खराब डाइट का असर आपके स्वास्थ्य पर पड़ता है, जिसके कारण एस्ट्रोजन हार्मोन प्रभावित होता है, जो आपके ओव्युलेशन पर असर डालता है, जो पीरियड में देरी का कारण बनता है। इसके अलावा, कार्बोहाइड्रेट या फैट की कमी भी आपके एनर्जी लेवल को कम कर सकती है, जिससे पीरियड्स प्रभावित होते हैं।
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2. नींद की कमी
पर्याप्त मात्रा में नींद लेने हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता है, क्योंकि ये तनाव हार्मोन्स को प्रभावित करते हैं। नींद की कमी से शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन ज्यादा बनता है जो रिप्रोडक्टिव हार्मोन्स में गड़बड़ी का कारण बनता है, जो पीरियड में देरी का कारण बन सकता है।
3. डिहाइड्रेशन
पर्याप्त मात्रा में पानी पीना हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन, शरीर में पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन के कारण हमारे शरीर में कई तरह के हार्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं और तनाव का स्तर भी बढ़ जाता है, जो समय से पहले पीरियड्स आने का या देरी का कारण बन सकता है।
4. शारीरिक गतिविधियों में कमी
फिजिकल एक्टिविटी करने से दिल से लेकर पाचन को बेहतर रखने में मदद मिलती है। लेकिन, अगर आप हल्की चलने-फिरने से भी कम गतिविधि करते हैं, तो इससे आपके शरीर का ब्लड फ्लो और हार्मोन असंतुलित हो सकता है, जो पीरियड्स के देरी से आने का कारण बन सकता है।
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5. शरीर की गर्मी बढ़ना
बहुत ज्यादा तापमान यानी शरीर की गर्मी बढ़ने से एसिडिटी की समस्या हो सकती है, जो हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकती है और आपके शरीर के तापमान को बढ़ा सकती है, जिससे पीरियड्स आने में देरी हो सकती है।
निष्कर्ष
हर महिला का मासिक धर्म चक्र अलग होता है। कुछ महिलाओं को हर 28 दिन में पीरियड्स आते हैं, जबकि कुछ को हर 21 से 35 दिन में पीरियड्स आते हैं। कुछ महिलाओं में तनाव या ट्रेवलिंग करने के कारण भी पीरियड्स में देरी हो सकती है। ऐसे में अगर आपके पीरियड्स लगातार देरी से आते हैं, तो लाइफस्टाइल और खान-पान में बदलाव करना जरूरी है।
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FAQ
पीरियड बंद होने पर क्या-क्या परेशानी होती है?
पीरियड बंद होने पर महिलाओं को कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें योनि का सूखापन, हॉट फ्लैशेस, नींद में कमी, वजन बढ़ना आदि शामिल हैं।पीरियड बंद होने के लक्षण क्या हैं?
पीरियड बंद होने के लक्षण आमतौर पर मेनोपॉज से जुड़े हैं, जिसमेंं महिलाओं के शरीर में बहुत ज्यादा पसीना आना, वजन बढ़ना, कमजोरी महसूस होना आदि समस्याएं शामिल हैं।पीरियड अधिकतम कितने दिन लेट हो सकता है?
पीरियड आमतौर पर 28 से 35 दिन का साइकिल होता है। लेकिन, हर महिला में ये साइकिल थोड़ा अलग हो सकता है। इसलिए अगर आपको पीरियड आने में 40 दिन से ज्यादा देर हो जाए तो ये चिंता की बात हो सकती है।