Pediatrician explains How to Store Child Medicines in hindi: इन दिनों मौसम बदलने के कारण घर-घर में बच्चे बीमार पड़ रहे हैं। मौसम में बदलाव की वजह से बच्चों में सर्दी-खांसी और बुखार की समस्या भी ज्यादा देखी जा रही है। पेरेंट्स बीमारी के बाद शरीर को तेजी से रिकवर करने के लिए बच्चों को दवाएं देते हैं। अच्छी बात तो यह है कि दवा खाने के बाद बच्चे फिर से एक्टिव मोड में आ जाते हैं और ठीक हो जाते हैं। लेकिन बच्चे के ठीक होने के बाद पेरेंट्स दवा की शीशी को दीवार के किसी कोने, किचन में मसालों के साथ या फिर टीवी की अलमारी पर रख देते हैं। और फिर जब बच्चा दोबारा बीमार पड़ता है, उसी कोने से दवा की शीशी को निकालकर दवा देते हैं।
अगर आप भी ऐसा करते हैं तो सावधान हो जाइए। क्योंकि बच्चों को जिस तरह से दवा देने का तरीका होता है, ठीक वैसे ही दवा की शीशी को सुरक्षित (How to Store Child Medicines) रखने का भी एक तरीका होता है। लखनऊ के गोमतीनगर स्थित आनंद केयर क्लीनिक के बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. तरुण आनंद ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर करके बताया है कि बच्चों की दवा की शीशी को किस तरीके से स्टोर करना चाहिए।
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बच्चों की दवाइयां स्टोर करते हुए रखें इन बातों का ध्यान- How to Store Child Medicines in hindi
डॉ. तरुण आनंद का कहना है कि बच्चों की दवा को हमेशा ऐसी जगह पर स्टोर करना चाहिए, जहां पर नमी न हो। नमी वाली जगह पर दवा रखने से वह जल्दी खराब हो जाती हैं। आइए जानते हैं बच्चों की दवा को स्टोर करते वक्त और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
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1. दवाओं को ऊपर रखे
बच्चों की दवा को हमेशा ऊंचे कैबिनेट में रखना चाहिए, जिससे वह बच्चों के हाथों की पहुंच से दूर रहें। बच्चे, कीड़े और छोटे-छोटे जीव जैसे - छिपकली, कॉकरोच और चूहे दवा से संपर्क न बनाएं इसके लिए दवा वाली अलमारी को लॉक करके रखें। डॉक्टर का कहना है कि दवा की शीशी को चूहे या छिपकली जैसे जीव छूते या चाटते हैं, तो इससे उनके बैक्टीरिया शीशी पर चिपक जाते हैं। जब आप इस शीशी से बच्चे को दवा देते हैं, तो यह उनके शरीर में जाकर बीमारी को बढ़ा सकते हैं।
2. चाइल्ड-प्रूफ कंटेनर का इस्तेमाल करें
दवाओं को मूल, चाइल्ड-रेसिस्टेंट पैकेजिंग में रखें। सुनिश्चित करें कि हर इस्तेमाल के बाद बच्चे के दवा की शीशी के ढक्कन कसकर बंद किया गया हो। डॉक्टर की मानें तो अगर दवा की शीशी को सही तरीके से बंद नहीं किया जाता है, तो वह हवा से संपर्क बनाती है। इसके कारण हवा में मौजूद बैक्टीरिया और फंगस दवा से संपर्क बनाती है। ऐसे में अगर आप इस दवा को बच्चे को पिलाते हैं, तो इसका एलर्जिक रिएक्शन होता है। एलर्जिक रिएक्शन के कारण बच्चों को स्किन इंफेक्शन और कई प्रकार की शारीरिक परेशानियां हो सकती हैं।
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3. बच्चों की नजर से दूर रखें
दवाओं को कभी भी काउंटर टॉप, नाइट स्टैंड या कहीं भी आसानी से पहुंचने वाली जगह पर न रखें, चाहे बात थोड़ी देर के लिए क्यों न हो। दरअसल, अगर आप बच्चों की नजरों के सामने दवाई की शीशी को किसी साइड टेबल या काउंटर टॉप पर रखते हैं, तो वह उसे मांगने की जिद कर सकता है। इसलिए दवा की शीशी हमेशा बच्चों की नजरों से दूर स्टोर करें। बच्चों को समझाएं कि दवा कोई खिलौना नहीं है, ताकि वह उसे मांगने की जिद न करें।
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इनके अलावा एक्सपायर डेट वाली दवाओं की नियमित रूप से जांच करें। जो दवाएं अपने एक्सपायर होने वाली उनका इस्तेमाल पहले करें।
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