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नाइट या मॉर्निंग पर्सन: जानें कौन-से लोग होते हैं ज्यादा हेल्दी और एक्टिव

आप डे पर्सन हैं या नाइट? अगर आपको लगता है कि इससे क्या फर्क पड़ता है? तो आपको बता दें कि नाइट पर्सन होने से हेल्थ पर बहुत बुरा असर पड़ सकता है।
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नाइट या मॉर्निंग पर्सन: जानें कौन-से लोग होते हैं ज्यादा हेल्दी और एक्टिव


आज की तारीख में ज्यादातर युवा वर्ग खुद को नाइट आउल कहना पसंद करते हैं। क्या आप नाइट आउल का मतलब जानते हैं? इसका अर्थ है रात को जागकर ज्यादा प्रोडक्टिव होना। वहीं, दिन के समय सोना और रेस्ट करना। नाइट आउल के ठीक विपरीत डे-बर्ड होते हैं। डे-बर्ड का मतलब है व्यक्ति दिन में जगता है, अपने रोजमर्रा के काम करता है और रात के समय सोता है। अब यहां सवाल उठता है कि किस तरह की लाइफस्टाइल सही होती है? इस संबंध में हमने शारदा अस्पताल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. भूमेश त्यागी से बात की। 

डे पर्सन कौन होते हैं?

जो लोग समय से सोते हैं, समय पर उठते हैं, दिन के समय सबसे ज्यादा प्रोडक्टिव होते हैं और देर शाम होते-होते इनकी एनर्जी लो होने लगती है। इस तरह के लोगों के लिए रात के समय जगना काफी मुश्किल होता है। इसलिए अपने नियत समय पर सो जाते हैं और सुबह सही समय पर उठते हैं। अगर हमारी सामान्य जीवनशैली की बात करें, तो ज्यादातर लोग ऐसे ही होते हैं, जो दिन के समय जगना पसंद करते हैं। 2012 में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि जो लोग डे पर्सन होते हैं, वे इस समय खुद को ज्यादा एनर्जेटिक महसूस करते हैं, खुश रहते हैं और इसी दौरान खुद को व्यस्त रखना पसंद करते हैं। इससे उनमें पोजिटिविटी आती है और उनकी परफॉर्मेंस बेहतर होती है।

are you day person

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नाइट पर्सन कौन होते हैं?

are you night person

नाइट पर्सन वो लोग होते हैं, जो देर रात तक जगते हैं, लंबे समय तक सोना पसंद करते हैं, देर रात में काम करना पसंद करते हैं, रात के समय खुद को ज्यादा एनर्जेटिक महसूस करते हैं, सुबह के समय उठने में इन्हें दिक्कत आती है और दिन के समय काम करने में परेशानी महसूस करते हैं। 2019 में हुए एक अध्ययन के अनुसार, रात के समय जगने वाले लोगों को कई तरह के हेल्थ रिस्क बढ़ जाते हैं। रात को जगकर काम करने वालों को मेंटल हेल्थ इश्यूज हो सकते हैं और उनका मेटाबॉलिज्म रेट भी प्रभावित होता है। हालांकि, देर रात तक जगने वालों को हमेशा, नेगेटिवली हाईलाइट नहीं किया जा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह उनका बॉडी क्लॉक होता है, जो एक समय बाद उन्हें इस तरह की लाइफस्टाइल जीने में मदद करता है।

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किस तरह की लाइफस्टाइल है बैहतर?

night owl or morning person

जब हम यह जान गए हैं कि नाइट पर्सन और डे पर्सन में क्या फर्क है? ऐसे में यह सवाल उठता है कि आखिर इन दोनों में से कौन-सा बेहतर है? असल में, हम सहज शब्दों में यह कह सकते हैं कि यह व्यक्ति की अपनी च्वाइस है कि वह किस तरह की लाइफस्टाइल पसंद करता है। अगर सवास्थ्य की बात करें, तो दिन के समय जगने वाल और इसी दौरान ज्यादा प्रोडक्टिव रहने वाले लोग, नाइट आउल की तुलना में बेहतर हो सकते हैं। इसके पीछे यह तर्क दिया जा सकता है कि रात के समय जगने वाले लोगों को अपनी सोसाइटी से संपर्क लगभग कट जाता है। ऐसे लोग अक्सर अकेले रहने लगते हैं, जो कि उनके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा, जो लोग रात को अक्सर जगते हैं, वे भूख न लगने पर भी कुछ न कुछ खाते रहते हैं। इससे मोटापा, वजन बढ़ना, पेट खराब रहना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यही नहीं, दिन के समय सोने वालों को दूसरे लोगों के साथ अपना शिड्यूल फिक्स करने में भी दिक्कतें आती हैं। इसके अलावा, अगर समय पर सोने की आदत न हो, तो इससे भी उनकी तबियत पर बुरा असर पड़ सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों की मानें, तो वह यह दावा करते हैं कि व्यक्ति अपने स्लीप पैटर्न को अपनी जरूरत के अनुसार बदल सकता है और अपने रात को दिन की तुलना में ज्यादा प्रोडक्टिव बना सकता है।

image credit: freepik

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