Vaginal Delivery Pros and Cons doctor in Hindi: प्रेग्नेंसी महिलाओं के लिए एक खूबसूरत, लेकिन थोड़ा दर्दभरा सफर भी होता है। कुछ महिलाओं की डिलीवरी नॉर्मल होती है तो कुछ को सी-सेक्शन यानि सिजेरियन डिलीवरी के जरिए शिशु को जन्म देने पड़ता है। सी-सेक्शन प्रक्रिया आमतौर पर नॉर्मल डिलीवरी से ज्यादा जटिल होती है और इसकी रिकवरी में भी थोड़ा ज्यादा समय लग सकता है। वहीं, नॉर्मल डिलीवरी के बाद भी महिलाओं को कुछ समय तक सावधानियां बरतनी चाहिए। महिलाओं के लिए पेट में चीरा लगवाना काफी दर्ददेह होता है। हालांकि, नॉर्मल डिलीवरी को ज्यादा सुरक्षित माना जाता है। इसमें महिलाओं को कम खतरा रहता है। आइये गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ. शोभा गुप्ता से जानते हैं इसके फायदे और नुकसान के बारे में।
नॉर्मल डिलीवरी के फायदे
- नॉर्मल डिलीवरी कराने के बाद महिलाओं को दूसरे बच्चे को जन्म देने के लिए बहुत लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ता है।
- नॉर्मल डिलीवरी की प्रक्रिया में महिलाओं को ज्यादा ब्लीडिंग नहीं होती है।
- नॉर्मल डिलीवरी के बाद महिलाएं जल्दी रिकवर हो जाती हैं और अस्पताल से डिस्चार्ज भी हो जाती हैं।
- ऐसे में महिलाएं अपने रोजमर्रा का कार्यों को भी बिना ज्यादा सावधानी बरते कर सकती हैं।
- वजाइनल या नॉर्मल डिलीवरी कराना शिशु के लिए भी फायदेमंद हो सकती है।
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नॉर्मल डिलीवरी के नुकसान
- नॉर्मल डिलीवरी कराना महिलाओं के लिए कुछ तरीकों से नुकसानदायक भी हो सकती है।
- नॉर्मल डिलीवरी कराने से वजाइना में कट लग जाता है।
- कई बार वजाइनल या नॉर्मल डिलीवरी कराने के बाद महिलाओं को कुछ समय के लिए पेशाब से जुड़ी समस्या हो सकती है।
- नॉर्मल डिलीवरी के बाद सेक्स करना पहले से थोड़ा ज्यादा दर्ददेह हो सकता है।
- नॉर्मल डिलीवरी की प्रक्रिया में महिलाओं को ज्यादा दर्द होता है।
कौन सी डिलीवरी ज्यादा सुरक्षित होती है?
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो सी-सेक्शन डिलीवरी की तुलना में नॉर्मल डिलीवरी कराना न केवल मां बल्कि, बच्चे के लिए भी सुरक्षित साबित होती है। इससे शिशु के सुरक्षित तरीके से जन्म होने की संभावना ज्यादा रहती है।