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ब‍िगड़ती सेहत का कारण कहीं सेडेंटरी (निष्क्रिय) लाइफस्‍टाइल तो नहीं? एक्‍सपर्ट से जानें इसके नुकसान

Sedentary Lifestyle Side Effects: पूरे द‍िन बैठे या लेटे रहने के कारण शरीर बीमार‍ियों का घर बन जाता है। जानें इससे होने वाले नुकसान के बारे में।  
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ब‍िगड़ती सेहत का कारण कहीं सेडेंटरी (निष्क्रिय) लाइफस्‍टाइल तो नहीं? एक्‍सपर्ट से जानें इसके नुकसान


Sedentary Lifestyle Side Effects on Health: क्‍या आपकी सेहत लगातार ग‍िर रही है? आए द‍िन बीमार‍ियों का श‍िकार बन जाते हैं? इसका कारण सेडेंटरी लाइफस्‍टाइल हो सकती है। सेडेंटरी लाइफस्‍टाइल आख‍िर होती क्‍या है? इसे न‍िष्‍क्र‍िय जीवनशैली भी कहते हैं। पूरे द‍िन बैठे रहना, हर वक्‍त‍ लेटे रहना, अपनी पोज‍िशन न बदलना आद‍ि‍ सेडेंटरी लाइफस्‍टाइल के उदाहरण है। इस जीवनशैली का मतलब है एक ही पोज‍िशन में घंटों रहना और शारीर‍िक तौर पर एक्‍ट‍िव न रहना। न‍िष्‍क्र‍िय जीवनशैली के कारण शरीर में आलस्‍य भर जाता है। क‍िसी भी काम में मन नहीं लगता। ऊर्जा कम हो जाती है और हर समय कमजोरी महसूस होती है। लंबे समय तक बैठे रहने के कारण मांसपेश‍ियों में दर्द शुरू हो जाता है। इससे पाचन तंत्र भी ब‍िगड़ सकता है। ऐसी लाइफस्‍टाइल फॉलो करने के कारण, स्‍लीप साइक‍िल प्रभाव‍ित होती है और अन‍िद्रा की समस्‍या हो सकती है। सेडेंटरी लाइफस्‍टाइल शारीर‍िक ही नहीं बल्‍कि‍ मानस‍िक सेहत को भी नुकसान पहुंचाती है। इसके कारण तनाव, एंग्‍जाइटी, ड‍िप्रेशन जैसे लक्षण बढ़ सकते हैं। आगे लेख में आपको बताएंगे सेडेंटरी लाइफस्‍टाइल के नुकसान। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने तबाता फ‍िटनेस की प्रबंधक, न्‍यूट्र‍िशन‍िस्‍ट और फ‍िटनेस एक्‍सपर्ट पायल अस्‍थाना से बात की।       

सेडेंटरी लाइफस्‍टाइल के नुकसान- Sedentary Lifestyle Side Effects

sedentary lifestyle side effects

मोटापा बढ़ने लगता है- Obesity in Hindi

बैठे रहने से या एक ही पोज‍िशन में घंटों लेटे रहने से शरीर में फैट की मात्रा बढ़ जाती है। इससे व्‍यक्‍त‍ि मोटापे का श‍िकार हो सकता है। जो लोग न‍िष्‍क्र‍िय लाइफस्‍टाइल फॉलो करते हैं उनमें ईट‍िंग ड‍िसआर्डर की समस्‍या भी होने लगती है। इससे वजन तेजी से बढ़ता है। पूरे द‍िन बैठे रहने के कारण कैलोरीज बर्न नहीं हो पातीं और आप मोटे हो जाते हैं। 

डायब‍िटीज हो सकती है- Diabetes in Hindi

जो लोग शरीर को एक्‍ट‍िव नहीं रखते, उनमें डायब‍िटीज के लक्षण नजर आने लगते हैं। न‍िष्‍क्र‍ियता के कारण शरीर इंसुल‍िन के ल‍िए प्रत‍िरोधी बन सकता है। ऐसा होने के कारण शरीर डायब‍िटीज के प्रत‍ि संवेदनशील हो जाएगा। ब्‍लड शुगर लेवल को कंट्रोल न कर पाने से घबराहट, कमजोरी, थकान जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं।

हाई बीपी की समस्‍या हो जाती है- High Blood Pressure 

ब‍िना एक्‍सरसाइज क‍िए, आपके शरीर में मौजूद रक्‍त वाह‍िकाओं का संतुलन ब‍िगड़ जाता है। शरीर को एक्‍ट‍िव न रख पाने की वजह से रक्‍त वाह‍िकाओं पर ज्‍यादा बल पड़ता है और इसके कारण बीपी बढ़ जाता है। लंबे समय तक उच्‍च रक्‍तचाप रहने के कारण ब्रेन स्‍ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है क्‍योंक‍ि मस्‍ति‍ष्‍क को पर्याप्‍त ऑक्‍सीजन और ब्‍लड नहीं म‍िल पाता।  

हृदय रोग का जोख‍िम बढ़ता है- Increases Heart risk  

शरीर को एक्‍ट‍िव न रखने का बुरा असर हार्ट पर पड़ता है। शरीर के न‍िष्‍क्र‍िय रहने के कारण एलडीएल या बैड कोलेस्‍ट्रॉल का स्‍तर बढ़ जाता है और रक्त वाहिकाएं संकरी हो जाती हैं। इस कारण से द‍िल का दौरा पड़ सकता है। कुछ मामलों में यह स्‍थ‍ित‍ि जानलेवा हो सकती है। 

इसे भी पढ़ें- ब्‍लड शुगर लेवल बढ़ने का कारण हो सकती हैं लाइफस्‍टाइल से जुड़ी ये 5 गलत‍ियां

सेडेंटरी लाइफस्‍टाइल से कैसे बाहर न‍िकलें?- How To Get Rid Of Sedentary Lifestyle

  • सबसे पहले डॉक्‍टर की सलाह पर कुछ जरूरी जांच कराएं। जैसे- ल‍िप‍िड प्रोफाइल, क‍िडनी फंक्‍शन, ल‍िवर फंक्‍शन, व‍िटाम‍िन-डी आद‍ि। इससे यह पता चलेगा क‍ि न‍िष्‍क्र‍िय रहने के कारण आपके शरीर को अब तक क‍ितना नुकसान पहुंचा है। 
  • ऑफ‍िस में काम करते हैं, तो हर घंटे 5 म‍िनट का ब्रेक लेकर वॉक करें।
  • ऑफ‍िस वर्कर्स को ल‍िफ्ट के बजाय सीढ़ि‍यों का इस्‍तेमाल करना चाह‍िए। इस तरह शरीर को एक्‍ट‍िव रखा जा सकता है।
  • बैठे-बैठे भी शरीर को स्‍ट्रेच करना न भूलें।
  • द‍िनभर में कम से कम 50 म‍िनट एक्‍सरसाइज करें।

सेडेंटरी लाइफस्‍टाइल से ज‍ितना जल्‍दी बाहर आ जाएंगे, उतना आपका शरीर बीमार‍ियों से दूर रहेगा। उम्‍मीद करते हैं, आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें। 

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