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क्या वाकई सिर्फ मोटे लोगों को होती है फैटी लिवर की समस्या? डॉक्टर से जानें ऐसे ही 5 मिथकों की सच्चाई

फैटी लिवर की समस्या होने पर लिवर में फैट जमने लगता है, जो आपके लिवर को डैमेज कर सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं फैटी लिवर से जुड़े मिथकों के बारे में। 
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क्या वाकई सिर्फ मोटे लोगों को होती है फैटी लिवर की समस्या? डॉक्टर से जानें ऐसे ही 5 मिथकों की सच्चाई


Myths And Facts About Fatty Liver: फैटी लिवर डिजीज, एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें आपके लिवर में फैट जमा हो जाता है, जिससे लिवर में सूजन हो सकती है और लिवर को नुकसान पहुंच सकता है। समय रहते अगर आप फैटी लिवर समस्या का इलाज न किया जाए या इसे नजरअंदाज किया जाए तो ये धीरे-धीरे आपके लिवर को और ज्यादा खराब कर सकता है, जिससे पीड़ित को लिवर सिरोसिस या लिवर कैंसर होने का जोखिम बढ़ जाता है। लोगों में फैटी लिवर की बीमारी को लेकर कई तरह के मिथक हैं, जिन पर लोग आसानी से विश्वास कर लेते हैं। यहीं मिथक धीरे-धीरे व्यक्ति के फैटी लिवर की समस्या के बढ़ने का कारण बन सकता है। ऐसे में आइए होम्योपैथ और न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. स्मिता भोईर पाटिल से जानते हैं फैटी लिवर से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई के बारे में।

फैटी लिवर से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई क्या है? 

मिथक: केवल ज्यादा वजन वाले या मोटे लोगों को ही फैटी लिवर की समस्या होती है।

फैक्ट: फैटी लिवर का मोटापा एक जोखिम कारक है, लेकिन सामान्य वजन, बीएमआई और यहां तक कि पतले लोगों को भी फैटी लिवर की बीमारी हो सकती है। इसलिए मोटापे के अलावा, जेनेटिक, डाइट और अन्य कारक भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।

मिथक: केवल शराब पीने वालों को ही फैटी लिवर की समस्या होती है। 

फैक्ट: फैटी लिवर की बीमारी शराब पीने वालों और न पीने वालों दोनों तरह के लोगों को हो सकती है। फैटी लिवर आमतौर पर दो प्रकार के होते हैं, एक नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD), जो अक्सर ज्यादा चीनी, रिफाइंड कार्ब्स और हाई फ्रुक्टोज के सेवन के कारण होती है औऱ दूसरा अलोकहलिक फैटी लिवर डिजीज, जो लोगों को शराब पीने के कारण हो सकता है। 

इसे भी पढ़ें: क्या नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज को रिवर्स किया जा सकता है? एक्सपर्ट से जानें 

मिथक: सामान्य लिवर फंक्शन टेस्ट का मतलब है कि आपको फैटी लिवर नहीं है।

फैक्ट: फैटी लिवर की बीमारी वाले कई लोगों के लिवर फंक्शन टेस्ट सामान्य होते हैं। इसलिए, अल्ट्रासाउंड और फाइब्रोस्कैन जैसे टेस्ट, इस स्थिति के बारे में पता लगाने के लिए सबसे उपयोगी तरीका है। 

मिथक: तनाव, नींद और फैटी लिवर के बीच कोई संबंध नहीं होता है।

फैक्ट: खराब नींद और बहुत ज्यादा तनाव का स्तर लिवर के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। तनाव के कारण शरीर में बढ़ा हुआ कोर्टिसोल हार्मोन फैटी लिवर की समस्याओं को बढ़ा सकता है।  

इसे भी पढ़ें: Fatty Liver Symptoms: ग्रेड 1 फैटी लिवर होने पर नजर आते हैं ये 7 लक्षण, इस तरह से करें बचाव 

मिथक: फैटी लिवर बीमारी का इलाज नहीं किया जा सकता है।

फैक्ट: लाइफस्टाइल में बदलाव, जैसे कि सही डाइट, नियमित व्यायाम और तनाव में कमी, जैसे बदलाव आप में फैटी लीवर की समस्या को प्रबंधित करने और इस समस्या को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकते हैं।  

 

 

 

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फैटी लिवर की समस्या से निपटने के लिए जरूरी है कि आप हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करें और किसी भी तरह के मिथक पर विश्वास करने के स्थान पर डॉक्टर से कंसल्ट करें। 

Image Credit: Freepik 

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