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रहस्यमयी बीमारी से जम्मू के राजौरी में हुई 17 की मौत, डॉक्‍टर से जानें इससे जुड़ी जरूरी जानकारी

जम्मू के गांव में बीते कुछ द‍िनों में 17 लोगों की मौत हो गई है। इसका कारण एक रहस्यमयी बीमारी है ज‍िसका संबंध‍ तंत्रिका तंत्र से बताया जा रहा है।
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रहस्यमयी बीमारी से जम्मू के राजौरी में हुई 17 की मौत, डॉक्‍टर से जानें इससे जुड़ी जरूरी जानकारी


जम्मू और कश्मीर के राजौरी जिले के बदहाल गांव में पिछले दो महीनों में 17 लोगों की मौत हो गई है। इसका कारण है एक रहस्यमयी बीमारी। जांच में पता चला है कि यह बीमारी किसी बैक्टीरिया, वायरस, प्रोटोजोआ या क‍िसी पशु से फैले इंफेक्‍शन के कारण नहीं हुई है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मीड‍िया को बताया कि लखनऊ की एक लैब में की गई प्रारंभिक जांच में किसी इंफेक्‍शन, वायरस या बैक्टीरिया की मौजूदगी को खारिज किया है। रिपोर्ट के अनुसार, मौतों का कारण एक टॉक्सिन मटेर‍ियल हो सकता है, जिसकी जांच की जा रही है। अब तक की जांच में यह स्पष्ट है कि मौतें किसी फैलने वाली बीमारी से नहीं हुई हैं। जांच टीम अब भोजन में मौजूद विषैले पदार्थों का पता लगाने पर फोकस कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि लोगों में टॉक्सिन मुख्य रूप से इंजेक्शन के माध्यम से फैला होगा। अभी यह चर्चा का विषय है कि ऐसा दुर्घटनावश हुआ है या जानबूझकर किसी ने इसे फैलाया है। जिला प्रशासन इस मामले की गहराई से जांच कर रहा है। इस रहस्यमयी बीमारी के बारे में व‍िस्‍तार से जानेंगे। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के एसजीपीजीआई के न्यूरोलॉजी विभाग के पूर्व एचओडी और अपोलो हॉस्‍प‍िटल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ यू के म‍िश्रा से बात की।

रहस्यमयी बीमारी के लक्षण- Mysterious Illness Symptoms

जानकारी के मुताब‍िक, मृतकों में कुछ समान लक्षण देखे गए हैं, जैसे बुखार, दर्द, उल्टी, ज्‍यादा पसीना आना और बेहोशी। गंभीर मामलों में द‍िमाग और तंत्रिका तंत्र को नुकसान हुआ है। राजौरी मेडिकल कॉलेज में भर्ती 9 मरीजों में से 5 ठीक हो गए हैं। हालांकि, जब टॉक्सिन तंत्रिका तंत्र तक पहुंच जाता है, तो इलाज करना मुश्किल हो जाता है।

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200 से ज्‍यादा खाद्य पदार्थों के नमूनों की जांच होगी

गांव के 3,800 निवासियों में से 17 लोग, जिनमें 13 बच्चे और एक गर्भवती महिला शामिल हैं, इस बीमारी का शिकार हुए हैं।प्रशासन ने अब तक 200 से ज्‍यादा खाद्य पदार्थों के नमूने जांच के लिए देश के विभिन्न संस्थानों में भेजे हैं। उम्मीद है कि 10 दिनों के भीतर विषैले पदार्थ की पहचान हो जाएगी, जिससे भव‍िष्‍य में मौतों को रोका जा सकेगा।

घरों को सील किया गया, क्वारंटाइन के आदेश

राजौरी के जिला मजिस्ट्रेट ने आदेश जारी कर कहा कि जिन परिवारों में मौतें हुई हैं, उनके घरों को सील कर दिया जाएगा और उन्हें 'कंटेनमेंट जोन 1' घोषित किया गया है। इन घरों में बिना अनुमति किसी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। प्रभावित परिवारों को राजौरी के सरकारी नर्सिंग कॉलेज में क्वारंटाइन किया गया है। यहां डॉक्टर और सुरक्षा बल 24 घंटे निगरानी करेंगे। सीसीटीवी कैमरों के जरिए भी निगरानी की जाएगी।

न्यूरोटॉक्सिन के कारण फैली रहस्यमयी बीमारी

जांच के दौरान मृतकों के शरीर में न्यूरोटॉक्सिन के अंश पाए गए हैं। न्यूरोटॉक्सिन ऐसे केम‍िकल होते हैं जो तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करते हैं, जिससे दौरे, मांसपेशियों की कमजोरी, मानसिक समस्याएं और मौत तक हो सकती है। आमतौर पर कीटनाशक, शराब, निकोटीन और भारी धातुएं जैसे पारा इसके मुख्य स्रोत होते हैं। पीड़ितों में देखे गए बुखार और पसीने जैसे लक्षण न्यूरोटॉक्सिन के प्रभाव से मेल खाते हैं। जांच में यह भी पता चला कि गांव में पानी के स्रोत, जिसे बावली कहते हैं, में कीटनाशक और जहरीले केम‍िकल्‍स पाए गए हैं। प्रशासन ने इस पानी के इस्‍तेमाल पर रोक लगा दी है और बावली को सील कर दिया गया है ताकि लोग दूषित पानी का इस्तेमाल न करें।

न्यूरोटॉक्सिन से होने वाली बीमार‍ियां- Diseases Caused by Neurotoxins

  • पार्किंसन रोग
  • अल्जाइमर रोग
  • गुलियन बेरी सिंड्रोम
  • मांसपेशियों की कमजोरी और लकवा
  • मिरगी या दौरे
  • सीसा और पारा विषाक्तता

न्यूरोटॉक्सिन से होने वाली बीमार‍ियों से कैसे बचें?- How to Prevent Diseases Caused by Neurotoxins

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न्यूरोटॉक्सिन हमारे तंत्रिका तंत्र पर गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं, जिससे द‍िमाग, तंत्रिकाओं और अन्य अंगों को नुकसान हो सकता है। इनसे बचने के लिए कुछ जरूरी सावधानियां और उपाय अपनाए जा सकते हैं-

1. स्वच्छ भोजन का चयन करें

  • दूषित पानी से बचें और केवल फि‍ल्टर किया हुआ या उबला पानी पिएं।
  • जैविक खाद्य पदार्थों का सेवन करें, क्योंकि इनमें केम‍िकल्‍स की मात्रा कम होती है।
  • बड़ी मछलियों जैसे शार्क और ट्यूना में पारे की मात्रा ज्‍यादा हो सकती है। इनका सेवन करने से बचें।

2. पेस्टिसाइड्स और केमिकल्स से बचें

  • फसलों पर इस्तेमाल होने वाले जहरीले कीटनाशकों (पेस्टिसाइड्स) के सीधे संपर्क से बचें।
  • फलों और सब्जियों को अच्छे से धोकर खाएं। इनमें कीटनाशक हो सकते हैं।
  • घर के अंदर और बाहर हानिकारक केमिकल्स का इस्‍तेमाल करते समय दस्ताने और मास्क पहनें।

3. पर्यावरण प्रदूषण से बचें

  • कारखानों या औद्योगिक क्षेत्रों के पास के पानी और मिट्टी में जहरीले पदार्थ हो सकते हैं। इन क्षेत्रों से बचकर रहें।
  • प्लास्टिक और अन्य हानिकारक रसायनों के जलने से निकलने वाले धुएं से दूर रहें।

4. बच्चों और गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखें

  • बच्चों और गर्भवती महिलाओं को जहरीले पदार्थों के संपर्क से बचाएं।
  • इन्‍हें स्वस्थ और पोषण युक्त भोजन पर ध्यान दें ताकि शरीर को विषैले पदार्थों से लड़ने की क्षमता मिले।

5. डॉक्‍टर की सलाह लें

  • अगर न्यूरोटॉक्सिन से जुड़े लक्षण जैसे सिरदर्द, थकान, मांसपेशियों में कमजोरी, या तंत्रिका तंत्र से जुड़ी कोई समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  • नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं ताकि किसी भी समस्या को समय रहते पहचाना जा सके।

न्यूरोटॉक्सिन से बचने के लिए हमें अपने खान-पान और जीवनशैली का ध्यान रखना होगा। जागरूकता और सतर्कता ही इस समस्या से बचने का सबसे कारगर उपाय है।

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