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HIV से ग्रस्त लोगों में क्यों ज्यादा होता है दिल की बीमारियों का खतरा? जानें डॉक्टर से

Does HIV Cause Heart Problems in Hindi : कई लोगों के मन में यह सवाल आता है कि एचआईवी के कारण दिल से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा बढ़ सकता है? आइए इस बारे में डॉक्टर से जानते हैं।
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HIV से ग्रस्त लोगों में क्यों ज्यादा होता है दिल की बीमारियों का खतरा? जानें डॉक्टर से


Does HIV Cause Heart Problems in Hindi : ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस यानी एचआईवी एक बहुत गंभीर और जानलेवा बीमारी हो सकती है। यह बीमारी बढ़ते-बढ़ते समय के साथ एड्स का रूप भी ले सकती है। बता दें कि एचआईवी का वायरस इम्यून सिस्टम पर बुरा असर डालता है। इससे इम्यूनिटी कमजोर होती है और व्यक्ति कई तरह की अन्य समस्याओं का शिकार भी आसानी से हो सकता है। ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल आता है कि क्या एचआईवी के कारण व्यक्ति को हार्ट से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं? दरअसल, हाल ही में अमेरिकी रिसर्चर्स की एक टीम ने पाया कि एचआईवी से पीड़ित लोगों में दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। लैंसेट एचआईवी जर्नल में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक, दिल से जुड़ी बीमारियां ग्लोबल लेवल पर बीमारी और मौत का सबसे बड़ा कारण बनी हुई है। वहीं, एचआईवी से ग्रस्त लोगों में दिल से जुड़ी बीमारी होने का खतरा स्वस्थ लोगों से ज्यादा होता है। ऐसे में आइए डॉ. बिमल छाजेर, पूर्व-एम्स सलाहकार और निदेशक, साओल हार्ट सेंटर, नई दिल्ली  से जानते हैं कि क्या सच में एचआईवी के कारण दिल से जुड़ी बीमारियां (How does HIV Affect your Heart) हो सकती हैं?

एचआईवी के कारण दिल से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं?- Does HIV Cause Heart Problems in Hindi

HIV can cause heart problems

डॉ. बिमल छाजेर के मुताबिक, एचआईवी से पीड़ित लोगों को सामान्य आबादी की तुलना में हृदय रोग विकसित होने का खतरा ज्यादा होता है। बता दें कि एचआईवी शरीर में पुरानी सूजन का कारण बन सकता है। यह सूजन समय के साथ रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels) को नुकसान पहुंचाती है, जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस (एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आर्टरीज के अंदर प्लाक जमने लगता है) की समस्या हो सकती है। यही कारण है कि एचआईवी से पीड़ित व्यक्तियों को दिल के दौरे, स्ट्रोक और अन्य दिल से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।  
साथ ही, एचआईवी के वायरस को रोकने के लिए एंटी-रेट्रोवायरल (एआरटी) थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। बता दें कि एआरटी में इस्तेमाल की जाने वाली कुछ दवाएं कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकती हैं या इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्या का कारण बन सकती हैं। ये दोनों ही स्थितियां दिल से जुड़ी बीमारियों के खतरे को बढ़ा सकती हैं। इसके अलावा, अगर एचआईवी से पीड़ित लोग स्मोकिंग, खराब लाइफस्टाइल और बिगड़ी हुई डाइट जैसी आदतों को फॉलो करते हैं, तब भी दिल से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं।

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जल्दी बढ़ने लगती है इम्यून सेल्स की उम्र- Age of Immune Cells Starts Increasing

जैसा हमने आपको बताया कि एचआईवी इम्यूनिटी को कमजोर करने में मदद करता है। यह वायरस इम्यून सेल्स की उम्र को बढ़ाने का काम तेजी से करता है। इससे भी हार्ट हेल्थ को नुकसान होता है। इम्यून सेल्स की उम्र बढ़ती है, तो इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है। ऐसे में आप कई छोटी-बड़ी समस्याओं का आसानी से शिकार हो सकते हैं। हालांकि, अगर आप इन जोखिमों को कम करना चाहते हैं, तो संतुलित आहार (Balance Diet), रोजाना एक्सरसाइज (Daily Exercise) और स्मोकिंग छोड़ने (Quit Smoking) सहित हेल्दी लाइफस्टाइल को अपना सकते हैं।  इससे ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल लेवल और ग्लूकोज लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है। ऐसे में आप अपनी हार्ट हेल्थ का खास ख्याल रख सकते हैं।

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बता दें कि आपको अपनी बॉडी में हो रहे बदलावों और संकेतों पर ध्यान देना चाहिए। अगर आप समय रहते हुए एचआईवी वायरस को रोकने के लिए ट्रीटमेंट शुरू कर देते हैं, तो इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है। साथ ही, दिल से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा भी कम हो जाता है। 

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