HIV AIDS Treatment Options: असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित इन्जेक्शन और कमजोर इम्यूनिटी के कारण एचआईवी संक्रमण का खतरा रहता है। एचआईवी यानी ह्यूमन इम्यूनो डेफिशिएंसी (HIV) एक तरह का वायरस है, जिसके संक्रमण की वजह से एड्स यानी एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम (AIDS) नामक बीमारी का खतरा रहता है। एचआईवी वायरस से संक्रमित होने के बाद होने वाली बीमारी एड्स महिला, पुरुष के अलावा बच्चों में भी हो सकती है। दुनियाभर में एड्स को लेकर वैज्ञानिक लगातार खोज कर रहे हैं। वैज्ञानिक इस गंभीर बीमारी के इलाज को लगातार खोज रहे हैं। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं, क्या एचआईवी को जड़ से खत्म किया जा सकता है?
क्या एचआईवी एड्स को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है?- HIV AIDS Treatment Options in Hindi
एड्स की बीमारी एचआईवी संक्रमित व्यक्ति का खून चढ़ाने, दूषित इन्जेक्शन लेने और असुरक्षित यौन संबंध बनाने की वजह से होती है। एड्स के बारे में जानकारी की कमी के कारण, लोगों को यह लगता था कि यह बीमारी सिर्फ शारीरिक संबंध बनाने की वजह से होती है। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजीशियन डॉ समीर कहते हैं, "एड्स के इलाज में स्टेम सेल ट्रांसप्लांट से लेकर कई तरह की थेरेपी और दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इस बीमारी को जड़ से खत्म करना अभी भी नामुमकिन बना हुआ है।" हालांकि हाल ही में कुछ रिपोर्ट्स में यह कहा गया था, कि वैज्ञानिकों ने कुछ इन्जेक्शन बनाए हैं जिसे लगवाने से एड्स की बीमारी को पूरी तरह खत्म करने में मदद मिलती है।
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एड्स कैसे होता है?- What Causes AIDS in Hindi
एड्स की बीमारी एचआईवी पॉजिटिव होने पर असुरक्षित यौन संबंध बनाने और ऐसे संक्रमित व्यक्ति के इस्तेमाल किये गए इंजेक्शन को दोबारा इस्तेमाल करने से फैलती है। जो व्यक्ति एचआईवी से पॉजिटिव है अगर उस व्यक्ति का खून किसी दूसरे व्यक्ति को दिया जाता है तो इससे भी खून लेने वाले व्यक्ति में एड्स की बीमारी फैल सकती है। इसके अलावा एचआईवी पॉजिटिव गर्भवती महिला के द्वारा उसके बच्चे में इस बीमारी का खतरा बना रहता है।
अब तक, एचआईवी एड्स का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन अनुसंधान और विज्ञान इस क्षेत्र में बहुत आगे बढ़ रहे हैं। वैज्ञानिकों और चिकित्सकों का लक्ष्य एक स्थायी इलाज ढूंढना है जो इस वायरस को शरीर से पूरी तरह से नष्ट कर सके। इसके लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें नई दवाओं का विकास, चिकित्सा तकनीकों का अध्ययन और टीकाकरण की अनुसंधान शामिल हैं।
एचआईवी वायरस का सामान्य इलाज एंटीरेट्रोवायरल दवाओं से किया जाता है, जो इस वायरस के प्रसार को रोकते हैं और इसके प्रभाव को कम करते हैं। यह दवाएं वायरस के प्रजनन क्षमता को धीमा करती हैं। हालांकि, इन दवाओं का सेवन नियमित रूप से करना पड़ता है और इससे भी कई साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। इसके अलावा, एड्स के इलाज में जीन थेरेपी, सेल थेरेपी, और अन्य तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
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इस बीमारी का कोई इलाज न होने के कारण इससे बचने के लिए जरूरी सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए। एड्स की बीमारी में अगर आप जरा सी भी लापरवाही बरतते हैं तो यह आपके लिए घातक हो सकता है। एड्स होने पर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर होने लगती है जिसकी वजह से आप जल्दी संक्रमण के शिकार हो सकते हैं। एड्स के लक्षण दिखने पर सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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