Visual Impairment in Hindi: विजुअल इंपेयरमेंट या दृष्टि की कमी एक गंभीर समस्या है जो व्यक्ति की जीवनशैली को गांभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। आंखों से जुड़ी ज्यादातर बीमारियां और समस्याएं खानपान और जीवनशैली से जुड़ी खराबी के कारण होती हैं। इसके अलावा जेनेटिक कारणों से भी इस तरह की समस्याओं का खतरा रहता है। विजुअल इंपेयरमेंट जैसी गंभीर समस्या के लिए भी खानपान, जीवनशैली जैसे कारण जिम्मेदार होते हैं। आम भाषा में विजुअल इंपेयरमेंट को अंधापन या दिखाई न देने की समस्या कह सकते हैं। इस स्थिति में व्यक्ति को सामान्य रूप से किसी चीज को देखने में परेशानी होती है। किसी चीज को देख पाना या पहचान पाना मुस्किल हो जाता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं विजुअल इंपेयरमेंट के कारण, लक्षण और बचाव के बारे में।
विजुअल इंपेयरमेंट के कारण- What Causes Visual Impairment in Hindi
दृष्टि की कमी या विजुअल इंपेयरमेंट के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। सीतापुर आंख अस्पताल के वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ धर्मेन्द्र सिंह कहते हैं, "विजुअल इंपेयरमेंट की समस्या जेनेटिक कारणों, जन्म के समय होने वाली समस्या, आंखों की बीमारी, बहुत हाई डोज दवा का सेवन, ड्रग्स आदि के कारण होती है। इसके अलावा बढ़ती उम्र, आंखों में घाव और ग्लूकोमा जैसी बीमारी के कारण भी विजुअल इंपेयरमेंट का खतरा रहता है।" बढ़ती उम्र में यह समस्या बेहद आम है। विजुअल इंपेयरमेंट के शुरुआती लक्षणों को पहचान कर इसके जोखिम को कम किया जा सकता है।
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विजुअल इंपेयरमेंट के लक्षण- Visual Impairment Symptoms in Hindi
दृष्टि की कमी या विजुअल इंपेयरमेंट की समस्या के कई लक्षण दिखाई देते हैं। इन लक्षणों को सही समय पर पहचान कर डॉक्टर की देखरेख में इलाज या सर्जरी कराने से मरीज को अंधा होने से बचाया जा सकता है। मरीज की उम्र, स्वास्थ्य और लिंग के आधार पर विजुअल इंपेयरमेंट में दिखने वाले लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। विजुअल इंपेयरमेंट की समस्या में दिखने वाले प्रमुख लक्षण इस तरह से हैं-
- ब्लर दिखाई देना
- व्यक्तियों को पहचानने में दिक्कत
- रंगों का न दिखाई देना
- अंधेरा दिखना
- आंखों में तेज दर्द
- खाना खाते समय दिक्कत
विजुअल इंपेयरमेंट का इलाज- Visual Impairment Treatment in Hindi
विजुअल इंपेयरमेंट की समस्या में मरीज का इलाज बीमारी की गंभीरता और व्यक्ति के स्वास्थ्य के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। सही समय पर इस बीमारी के लक्षणों को पहचान कर डॉक्टर की सलाह लेने से इसका गंभीर शिकार होने से बचा जा सकता है। विजुअल इंपेयरमेंट की समस्या की शुरुआती स्टेज में पहचान होने पर इसका इलाज आसान हो जाता है। डॉक्टर मरीज की स्थिति के आधार पर दवाओं का सेवन, चश्मे का इस्तेमाल और सर्जरी की सलाह दे सकते हैं।
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आंखों को बीमारियों से बचाने के लिए नियमित रूप से आंखों की जांच बहुत जरूरी है। नेत्र रोग विशेषज्ञ की देखरेख में आंखों की जांच कराने से आप गंभीर बीमारियों का शिकार होने से बच सकते हैं। साल भर में कम से कम एक बार आंखों की पूरी जांच जरूर करानी चाहिए। इसके अलावा 1 साल, 3 साल के अलावा साल में एक बार आंखों की जांच कराने से आप इसे कमजोर और बीमारियों का शिकार होने से बचा सकते हैं।
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