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Myopia Causes, Symptom: दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही है आंखों की बीमारी मायोपिया, डॉक्टर से जानें इसके बारे में

Doctor Explains All About Myopia: मायोपिया की बीमारी को निकट दृष्टि दोष कहा जाता है, इस बीमारी में मरीज को दूर की चीजों को देखने में परेशानी होती है।
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Myopia Causes, Symptom: दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही है आंखों की बीमारी मायोपिया, डॉक्टर से जानें इसके बारे में


Doctor Explains All About Myopia: ज्यादा से ज्यादा समय स्क्रीन पर बिताने और सीमित जीवन की वजह से आंखों से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। मॉडर्न लाइफस्टाइल के नाम पर शारीरिक निष्क्रियता और अनहेल्दी फूड्स के सेवन का भी सीधा प्रभाव आंखों पर पड़ता है। यही कारण है कि आज के समय में बच्चे हों या बूढ़े सभी आंखों से जुड़ी बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। आंखों से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है मायोपिया (Myopia in Hindi)। मायोपिया के मरीज दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक, दुनियाभर में मायोपिया के एक अरब चालीस करोड़ मरीज हैं, साल 2050 तक इस बीमारी के मरीजों का आंकड़ा बढ़कर पांच अरब होने की संभावना है।

मायोपिया आंखों से जुड़ी गंभीर बीमारी है, जिसे निकट दृष्टि दोष भी कहा जाता है। इस बीमारी में मरीज को दूर की चीजों को देखने में गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर यह बीमारी बचपन से विकसित होने लगती है और धीरे-धीरे गंभीर रूप ले लेती है। मायोपिया की बीमारी को विस्तार से समझने के लिए ओनलीमायहेल्थ ने मशहूर नेत्र रोग विशेषज्ञ और भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित डॉ महिपाल सचदेव से बातचीत की। आइये इस लेख में नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले और पद्मश्री डॉ महिपाल सचदेव से विस्तार से जानते हैं मायोपिया के बारे में।

मायोपिया क्या है?- What is Myopia in Hindi

मायोपिया की बीमारी को निकट दृष्टि दोष भी कहा जाता है। इस बीमारी में मरीज को दूर की चीजों को देखने में परेशानी होती है। मायोपिया बाहरी और आनुवांशिक कारणों से होता है। इस बीमारी में आई बॉल (आंख की पुतली) का साइज बढ़ जाता है और इसकी वजह चीजों को देखने पर प्रतिबिंब रेटिना पर बनने की जगह थोड़ा आगे बनता है। निकट दृष्टि दोष की बीमारी में मरीज को दूर की चीजों को देखने में परेशानी होती है लेकिन नजदीक के चीजें सामान्य रूप से सही दिखती हैं। डॉ सचदेव कहते हैं कि इस बीमारी को डायोप्टर माप के द्वारा गंभीरता के आधार पर अलग-अलग प्रकार में बांटा गया है।

साधारण मायोपिया- इस स्थिति में स्पेक्ट्रम के निचले सिरे पर मायोपिक होता है।

माइल्ड मायोपिया- इस स्थिति में बीमारी -2D से -6D तक हो सकता है।

गंभीर मायोपिया- इस स्थिति में उच्चतम सूचित स्तर -25 से -30 डायोप्टर तक रहता है।

Doctor Explains All About Myopia

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मायोपिया के कारण- What Causes Myopia in Hindi

डॉ सचदेव कहते हैं कि मायोपिया के सटीक कारण अभी तक पूरी तरह से नहीं पता चले हैं, लेकिन आनुवांशिक और पर्यावरणीय कारणों की वजह से यह बीमारी होती है। काम के समय बहुत नजदीक से स्क्रीन पर देखने और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करने की वजह से मायोपिया की बीमारी का खतरा ज्यादा रहता है।  जब आपके आंख की पुतली बहुत लंबी हो जाती है या कॉर्निया पर वक्रता बढ़ जाती है, इस स्थिति को ही मायोपिया कहा जाता है। 

मायोपिया की बीमारी के कुछ मुख्य कारण इस तरह से हैं-

  • जेनेटिक या पारिवारिक कारणों से
  • गैजेट्स, लैपटॉप, कंप्यूटर की स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने से
  • किताब पढ़ते समय बहुत नजदीक से पढ़ना
  • प्राकृतिक रोशनी में कम समय बिताने से

मायोपिया के लक्षण क्या हैं?- Symptoms Of Myopia in Hindi

मायोपिया की बीमारी में दिखने वाले प्रमुख लक्षण इस तरह से हैं-

  • दूर की चीजों को देखने में तनाव होना
  • बार-बार आंखें झपकाना
  • लगातार सिरदर्द
  • ड्राइविंग के समय परेशानी
  • पलकों को सिकोड़कर देखने की आदत
  • आंखों से पानी आना

क्या मायोपिया पूरी तरह से ठीक हो सकता है?- Can Myopia Be Cured Permanently in Hindi

निकट दृष्टि दोष या मायोपिया का कोई स्थाई इलाज नहीं है लेकिन कुछ इलाज से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। ऑर्थोकेराटोलॉजी (ऑर्थो-के), एट्रोपिन आई ड्रॉप्स, मायोपिया नियंत्रण के लिए विशेष लेंस आदि तकनीक से इस बीमारी का इलाज किया जाता है। इसके अलावा जीवनशैली में कुछ बदलाव करने से मायोपिया को कंट्रोल किया जा सकता है। इसके अलावा मायोपिया के इलाज में अपवर्तक सर्जरी का भी इस्तेमाल किया जाता है। LASIK (लेजर-असिस्टेड इन सीटू केराटोमाइल्यूसिस), PRK (फोटोरिफ्रेक्टिव केराटेक्टॉमी), कंटौरा विजन और स्माइल (छोटी चीरा लेंटिक्यूल एक्सट्रैक्शन) अपवर्तक गड़बड़ी को ठीक कर कॉर्निया को दोबारा सही आकार में लाने में मदद करती है। ये सर्जरी चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस की आवश्यकता को काफी हद तक कम या खत्म कर सकती हैं, लेकिन हमेशा सर्जरी के बाद मायोपिया को संभावित रूप से बढ़ने की गारंटी नहीं मिलती है। डॉ सचदेव ने बताया कि हाल ही में, मायोपिया के सुधार के लिए एक नई तकनीक लॉन्च की गई है, जिसे  SILK (स्मूद चीरा लेंटिकुलर केराटोमाइल्यूसिस) कहा जाता है। यह तकनीक एक तरह की सुपर फास्ट, अल्ट्रा-सटीक तकनीक है।

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निकट दृष्टि दोष या मायोपिया के इलाज को लेकर तमाम शोध अभी भी जारी हैं। सही समय पर इसके लक्षणों को पहचान कर उचित कदम उठाने से मरीज ठीक हो सकता है। मायोपिया के लक्षण दिखने पर इसे नजरअंदाज करने की जगह एक्सपर्ट डॉक्टर की सलाह लेकर सही इलाज लेना चाहिए।

(Image Courtesy: Freepik.com)

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