Eye Flu in Hindi: आंखें शरीर का सबसे अहम अंग हैं। आंखों की सही देखभाल न करने से कम उम्र में ही आप आंखों से जुड़ी बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। आंखों की बीमारी वैसे तो बढ़ती उम्र में ज्यादा देखने को मिलती है, लेकिन खानपान में गड़बड़ी और खराब लाइफस्टाइल की वजह से कम उम्र में भी आंखों की बीमारियां हो सकती हैं। आंखों में इन्फेक्शन की वजह से लोगों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अगर आपको भी इस मौसम में आंखों में लालिमा, दर्द, खुजली और सूजन की समस्या हो रही है, तो हल्के में न लें। ये लक्षण आई फ्लू का संकेत हैं। आई फ्लू को मेडिकल भाषा में कंजंक्टिवाइटिस और पिंक आई भी कहा जाता है। आम लोगों की भाषा में इसे आंख आना भी कहते हैं। आई की वजह से हर साल लाखों लोग प्रभावित होते हैं। इस बीमारी में सही समय पर बचाव और इलाज नहीं मिलने की वजह से आंखों को गंभीर नुकसान पहुंचता है। आइये इस लेख में आसान भाषा में जानते हैं आखिर आई फ्लू क्या है और यह संक्रमण कैसे फैलता है।
आई फ्लू क्या है?- What is Eye Flu in Hindi
आई फ्लू आंखों का संक्रमण है, जिसकी वजह से आंखों में लालिमा, दर्द और सूजन जैसी परेशानियां होती हैं। आई फ्लू वायरस से संक्रमित होने की वजह से होती है और यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलती है। सीतापुर आंख अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. धर्मेंद्र सिंह कहते हैं, आई फ्लू के ज्यादातर मामले एडेनोवायरस के संक्रमण की वजह से होते हैं। संक्रमित व्यक्ति से सीधे संपर्क में आने की वजह से आपको भी यह बीमारी हो सकती है। आई फ्लू को पिंक आई (Pink Eye in Hindi) और कंजंक्टिवाइटिस भी कहा जाता है।
इसे भी पढ़ें: आई फ्लू को ठीक होने में कितना समय लगता है? डॉक्टर से जानें सावधानियां
आई फ्लू के कारण- Eye Flu Causes in Hindi
आई फ्लू की समस्या बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा फैलती है। इस मौसम में वातावरण में संक्रमण फैलने की वजह से लोग आई फ्लू का शिकार हो जाते हैं। आमतौर पर आई फ्लू गंदगी, धूल-मिट्टी अदि की वजह से होने वाली एलर्जी की वजह से होती है। इस बीमारी में आंखों के सफेद हिस्से में मौजूद लेयर कंजंक्टिवा में सूजन होती है। बरसात के मौसम में नमी और बैक्टीरिया और वायरस बढ़ जाते हैं और इसकी वजह से आंखों में एलर्जी और इन्फेक्शन हो सकता है। इसके अलावा अगर आप पहले से आई फ्लू से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं, तो इससे भी आपको आई फ्लू होने का खतरा रहता है। इस बचने के लिए आपको आई फ्लू से संक्रमित व्यक्ति से सीधे संपर्क में आने से बचना चाहिए और आंखों को बार-बार छूने से बचना चाहिए।
आई फ्लू के लक्षण- Eye Flu Symptoms in Hindi
आई फ्लू की समस्या में मरीज की आंखों में दर्द, सूजन और लालिमा जैसी परेशानियां होती हैं। इसकी वजह से आंखों से पानी बहने लगता है। संक्रमण बढ़ने पर मरीज को देखने में परेशानी हो सकती है। आई फ्लू के प्रमुख लक्षण इस तरह से हैं-
- आंखों में कीचड़ ज्यादा आना
- आंखों का लाल होना
- सुबह उठने पर आंखों का चिपकना
- आंखों में सूजन
- आंख दर्द की समस्या
- आंख से पानी आना और खुजली
आई फ्लू का इलाज- Eye Flu Treatment in Hindi
आई फ्लू के लक्षण दिखने पर आपको ओवर द काउंटर दवाओं का सेवन करने से बचना चाहिए। लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर मरीज की स्थिति और लक्षणों के आधार पर दवाओं के इस्तेमाल की सलाह देते हैं। ऐसे लोग जो गंभीर रूप से संक्रमित होते हैं, उन्हें कुछ हाई डोज वाली दवाओं के इस्तेमाल की सलाह दी जा सकती है। आमतौर पर संक्रमण रोकने के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाओं और ड्रॉप्स का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। हॉट और कोल्ड कंप्रेस से भी इस समस्या में आराम मिलता है। इसके अलावा बाहर निकलते समय काला चश्मा लगाने की सलाह दी जाती है।
इसे भी पढ़ें: Fact Check: क्या वाकई संक्रमित व्यक्ति की आंखों में देखने से आई फ्लू होता है? डॉक्टर से जानें सच्चाई
आई फ्लू से कैसे बचें?- Eye Flu Prevention Tips in Hindi
चूंकि, आई फ्लू का खतरा बारिश के मौसम में ज्यादा रहता है। इसलिए बारिश में लोगों को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। नियमित रूप से हाथ को साबुन से धोने पर आप संक्रमण का शिकार होने से बच सकते हैं। ज्यादातर लोगों में यह संक्रमण हाथों के जरिए ही फैलता है। गंदे हाथ से आंखों को छूने से बचना चाहिए। इसके अलावा कपड़े, तौलिया, टूथब्रश और मेकअप की चीजों को दूसरे के साथ शेयर न करें। अगर आप सार्वजानिक जगहों पर जाते हैं, तो संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए दरवाजों के हैंडल, या किसी भी सतह को छूने से बचें। अगर आप इन चीजों को छूते हैं, तो हाथों को साबुन से साफ करें। इसके अलावा आई फ्लू से बचने के लिए आंखों पर काला चश्मा या सनग्लास लगाएं।
(Image Courtesy: Freepik.com)