आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में कब, किसे और क्या हो जाए, कह पाना मुश्किल है। कोरोना महामारी के बाद कम उम्र के लोगों को ही हार्ट अटैक, ब्लड प्रेशर, किडनी की समस्याएं और ब्रेन से जुड़ी परेशानियां हो रही हैं। कोरोना के बाद लोगों के जीवन में होने वाली दुर्घटनाओं में इजाफा हुआ है। जीवन में होने वाली कुछ दुर्घटनाओं के लिए हम मानसिक तौर पर तैयार होते हैं, लेकिन कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं, जिसकी हमें उम्मीद नहीं होती है। ऐसी घटनाएं हमारे दिल और दिमाग पर बहुत गहरा प्रभाव डालती हैं। इसके कारण कई बार इंसान को सदमा लगता है, इसे सदमे को मेडिकल की भाषा में ट्रॉमा (World Trauma Day 2024) कहा जाता है।
ट्रॉमा व्यक्ति को किसी भी उम्र में हो सकता है। वैश्विक स्तर पर ट्रॉमा के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 17 अक्टूबर को विश्व ट्रॉमा दिवस (World Trauma Day 2024) मनाया जाता है। इस खास दिन पर हॉस्पिटल, स्कूल, नर्सिंग होम और बड़े स्तर पर सामुदायिक समूहों में कैंप का आयोजन किया जाता है। आइए विश्व ट्रॉमा दिवस के मौके पर इस दिन का इतिहास और अन्य बातों के बारे में।
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विश्व ट्रॉमा दिवस का इतिहास - History of World Trauma Day
विश्व ट्रॉमा दिवस को मनाने की शुरुआत साल 2011 में नई दिल्ली से हुई थी। दरअसल, 2011 में भारत में यातायात से संबंधित दुर्घटनाओं में हर दिन 400 से अधिक लोगों को मौत हो रही थी। इस तरह के हादसों में लोगों की मौत से परिवार को लगने वाले सदमे से उन्हें उभारने और ट्रॉमा से शिकार व्यक्ति की उचित देखभाल के प्रति लोगों को जागरूकता लाने के लिए विश्व ट्रॉमा दिवस मनाया जाता है।
विश्व ट्रॉमा दिवस का महत्व- Significance of World Trauma Day
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के आंकड़ों के अनुसार, ट्रॉमा विश्व भर में मृत्यु और विकलांगता का सबसे बड़ा कारण है। WHO की मानें तो ट्रॉमा से जूझ रहे व्यक्ति की सही तरीके से देखभाल की जाए, तो वह स्वस्थ हो सकता है। आइए आगे जानते हैं विश्व ट्रॉमा दिवस के महत्व के बारे में...
जागरूकता: इसका उद्देश्य ट्रॉमा और ट्रॉमा प्रभावों के बारे में लोगों की समझ बढ़ाना है। साथ ही, इस बात पर जोर देना कि ट्रॉमा किसी को भी हो सकता है, चाहे उसकी परिस्थिति कुछ भी हो।
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शिक्षा: यह दिन शैक्षिक अभियानों के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है जो व्यक्तियों को ट्रॉमा के संकेतों और लक्षणों के बारे में सूचित करने में मदद करता है।
सहायता प्रणाली: यह ट्रॉमा से प्रभावित व्यक्तियों के लिए सुलभ मानसिक स्वास्थ्य सहायता के प्रति जागरूकता लाने का भी एक जरिया है।
क्या है ट्रॉमा?- What is Trauma
ट्रॉमा से तात्पर्य परेशान करने वाली या जीवन को बदल देने वाली घटनाओं के प्रति भावनात्मक प्रतिक्रिया से है, जिसमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:
प्राकृतिक आपदा: भूकंप, बाढ़, तूफान और अन्य विनाशकारी घटनाएं जो जीवन और समुदायों को पूरी तरह से बाधित करती हैं।
हिंसा: शारीरिक, भावनात्मक या यौन शोषण, घरेलू हिंसा या सामुदायिक हिंसा के अनुभव के कारण भी ट्रॉमा हो सकता है।
दुर्घटनाएं: कार दुर्घटनाओं, कार्यस्थल की घटनाओं या अन्य अनजाने चोटों से गंभीर चोटों के कारण भी कोई व्यक्ति मानसिक तौर पर परेशान होकर ट्रॉमा से गुजर सकता है।
हानि: किसी प्रियजन की मृत्यु या जीवन की परिस्थितियों में महत्वपूर्ण परिवर्तन, जैसे तलाक या अलगाव के कारण भी ट्रॉमा जैसी स्थिति हो सकती है।
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ट्रॉमा का इलाज क्या है?- Treatment of Trauma
अगर कोई व्यक्ति ट्रॉमा जैसी स्थिति से जूझ रहा है, तो उसका इलाज दवाओं, थेरेपी और बातचीत के जरिए किया जा सकता है।
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