Doctor Verified

करियर के पीक पर इम्पोस्टर सिंड्रोम से परेशान थीं एक्ट्रेस सान्या मल्होत्रा, जानें क्या है ये बीमारी

Actress Sanya malhotra on battling Imposter Syndrome : एक्ट्रेस सान्या मल्होत्रा ने बताया है कि उन्हें अपनी पहली फिल्म के दौरान ही इम्पोस्टर सिंड्रोम की परेशानी हुई थी।  
  • SHARE
  • FOLLOW
करियर के पीक पर इम्पोस्टर सिंड्रोम से परेशान थीं एक्ट्रेस सान्या मल्होत्रा, जानें क्या है ये बीमारी


Actress Sanya malhotra on battling Imposter Syndrome : दंगल, जवान और बधाई हो जैसी फिल्मों से बॉलीवुड में अपनी एक्टिंग को लोहा मनवाने वाली एक्ट्रेस सान्या मल्होत्रा खुद में एक अलग पहचान रखती हैं। स्क्रीन पर हमेशा मदमस्त और प्यार दिखाने वाली एक्ट्रेस सान्या ने कुछ वक्त पहले एक परेशानी का खुलासा किया है, जिसको सुनकर उनके फैंस हैरान हो गए हैं। सान्या मल्होत्रा ने बताया कि करियर के पीक पर वह इंपोस्टर सिंड्रोम (What is Imposter Syndrome) से परेशान थीं। सान्या ने कहा, फिल्म दंगल के बाद मुझे फिल्मों के ऑफर मिले थे, लेकिन उस वक्त लगता था कि मैं यह डिजर्व नहीं करती हूं। मुझको अंदर से यह बात महसूस होती थी कि मेरी काम बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। इस बात को लेकर मुझे खुद पर बहुत गुस्सा भी आता था।

सान्या ने बताया कि जब उन्होंने इस विषय पर डॉक्टर से बात की, तो उन्होंने बताया कि यह इंपोस्टर सिंड्रोम है। एक्ट्रेस ने यह भी कहा कि वह इम्पोस्टर सिंड्रोम की वजह से लगभग 3 साल तक परेशान रहीं और बाद में थेरेपी के जरिए इसका इलाज संभव हो पाया। एक्ट्रेस सान्या मल्होत्रा ने कहा कि वह अब बिल्कुल ठीक हैं और इस बीमारी की चपेट से पूरी तरह से बाहर आ चुकी हैं।

सिर्फ सान्या मल्होत्रा ही नहीं बल्कि दुनियाभर में कई सारे लोग इंपोस्टर सिंड्रोम का शिकार हैं, लेकिन उन्हें इस बीमारी की जानकारी ही नहीं है। आज इस लेख में हम आपको इम्पोस्टर सिंड्रोम क्या है, इस बीमारी के लक्षण (Imposter Syndrome Symptoms in Hindi) क्या हैं इसके बारे में बताने जा रहे हैं। इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने तुलसी हेल्थकेयर के सीईओ और वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. गौरव गुप्ता बात (Dr. Gorav Gupta CEO, Senior Psychiatrist, Tulasi Healthcare) की। 

इसे भी पढ़ेंः सेट पर घायल होकर एक्‍टर व‍िनायक स‍िन्‍हा हो गए थे ड‍िप्रेशन का श‍िकार, जानें उनकी मेंटल हेल्थ रिकवरी की कहानी

इम्पोस्टर सिंड्रोम क्या है ? - What is Imposter Syndrome

डॉ. गौरव गुप्ता के अनुसार, इम्पोस्टर सिंड्रोम कोई बीमारी नहीं है। यह एक मानसिक स्थिति है, जिसमें व्यक्ति खुद पर विश्वास खा देता है। इम्पोस्टर सिंड्रोम एक ऐसी भावना है, जिसमें लोग जानते हैं कि वह क्या कर रहे हैं, लेकिन अक्सर ही खोया हुआ महसूस करते हैं। इस मानसिक स्थिति से जूझ रहे लोगों के मन में इस बात का डर हमेशा सताता है कि उसके आसपास के लोग उसके बारे में क्या कहेंगे। इसमें व्यक्ति के काम को दुनियाभर के लोग प्रोत्साहित करते हैं, लेकिन इसके बावजूद वह खुद को लायक नहीं समझता है। इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति को ये डर सताता है कि लोग उसकी बातों को झूठा न समझ लें।

कौन होता है इम्पोस्टर सिंड्रोम से ज्यादा प्रभावित?- Who experiences impostor syndrome?

डॉ. गौरव का कहना है कि आज की आधुनिक जीवनशैली में 10 से 6 लोग इम्पोस्टर सिंड्रोम से पीड़ित हैं, लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी ही नहीं है। पुराने दौर में जब महिलाएं नई-नई वर्किंग सेक्टर में शामिल हुईं थीं, तब यह समस्या उनमें ज्यादा देखने को मिलती थी। उस समय महिलाओं को अपने काम का क्रेडिट लेने में परेशानी होती थी। लेकिन पिछले 10 सालों में हमारी जीवनशैली में जिस तरह का बदलाव आया है, इस समस्या से बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं भी परेशान हैं।

Symptoms Of Depression That Are Often Missed | OnlyMyHealth

इम्पोस्टर सिंड्रोम के लक्षण- Symptoms of Imposter Syndrome

इंपोस्टर सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति में नीचे बताए लक्षण नजर आ सकते हैं: 

  • किसी भी काम मे सफलता का श्रेय खुद की बजाय किस्मत को देना
  • खुद को किसी के प्यार या ध्यान के काबिल न समझना
  • काबिलियत होते हुए भी खुद को हमेशा अयोग्य ही समझना
  • अपनी उपलब्धियों को कम आंकना।
  • प्राप्त करने योग्य लक्ष्यों तक पहुंचने से पीछे हटना।

इम्पोस्टर सिंड्रोम का इलाज क्या है?- Treatment of Imposter Syndrome

डॉ. गौरव गुप्ता का कहना है कि इम्पोस्टर सिंड्रोम को थेरेपी और एक्सपर्ट के साथ बातचीत के जरिए ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा आम लोग  इम्पोस्टर सिंड्रोम की समस्या से नीचे बताए गए टिप्स से भी राहत पा सकते हैं।

भावनाओं को तथ्यों से अलग रखें : डॉक्टर का कहना है कि लोग किसी भी उम्र के पड़ाव पर इस मानसिक स्थिति से गुजर सकते हैं। इसके लिए अपनी भावनाओं को पहले से ही तैयार रखने की कोशिश करें। अगर आपका दिमाग कहता है, 'मुझे नहीं पता कि मैं किस बारे में बात कर रहा हूँ,' तो खुद को याद दिलाएं कि आप जितना सोचते हैं उससे ज्यादा जानते हैं और सीखने में सक्षम हैं।'

इसे भी पढ़ेंः 'दंगल गर्ल' सान्या मल्होत्रा पीती हैं माचा टी, जानें इसे पीने से सेहत को मिलने वाले फायदे

अपनी उपलब्धियों पर ध्यान दें: जब आपको लगे कि आप काम में कमजोर महसूस कर रहे हैं, तो अपनी सफलता को याद करें। आपने अपने ऑफिस में कोई बड़ी डील क्रैक की हो या फिर परिवार में किसी के लिए कुछ स्पेशल किया हो और सबने आपकी सराहना की हो।

इन टिप्स को फॉलो करने के बाद भी आप खुद को दूसरों से कम समझते हैं, तो एक्सपर्ट की सलाह लें। डॉ. गौरव गुप्ता का कहना है कि हर मानसिक स्थिति पागलपन नहीं है। यह वो परेशानियां हैं, जिसे बातों और थेरेपी के जरिए ठीक किया जा सकता है।

Image Credit: Instagram

Read Next

क्या आपको भी लगता है पानी से डर? एक्सपर्ट से जानें एक्वाफोबिया के कारण और बचाव के उपाय

Disclaimer