कुछ लोगों को स्वीमिंग पुल या पानी में उतरने से डर लगता है। अगर आपको भी स्वीमिंग पुल से डर लगता है तो यह एक्वाफोबिया (aquaphobia) का संकेत हो सकता है। इस स्थिति में आपके दिल की धड़कने तेज हो जाती है। कुछ लोगों को हथेलियों में पसीना आने लगता है और हाथ पैर कांपने लगते हैं। डॉक्टर की माने तो यह एक मानसिक स्थिति है। इसमें व्यक्ति के अंदर पानी से डर बैठा होता है। जब व्यक्ति नदी या स्वीमिंग पुल के पास आता है, तो उसे घबराहट होने लगती है। सांसे तेज होने लगती है। कई बार तो लोगों को नहाते हुए भी पैनिक अटैक आ जाता है। इसकी वजह से व्यक्ति को रोजाना के काम करने में बाधा उत्पन्न (How aquaphobia affects) होती है। इस लेख में आगे नारायणा अस्पताल के कंसल्टेंट साइकैटरिस्ट डॉ. राहुल कक्कड़ से जानते हैं कि एक्वाफोबियों क्यों होता है और इससे कैसे बचाव (How to overcome aquaphobia) किया जा सकता है।
एक्वाफोबिया के कारण - Causes Of Aquaphobia in Hindi
किसी तरह का खराब अनुभव (Traumatic Experience)
व्यक्ति को पहले पानी से संबंधित कोई खराब अनुभव होता है, तो ऐसे उनको पानी से उतरने से डर लगता है। इसमें व्यक्ति के द्वारा किसी तरह की घटना का देखना, या खुद पानी में फंस जाना आदि अनुभव शामिल हो सकते हैं। इन घटनाओं से व्यक्ति के मन में पानी के प्रति डर पैदा हो जाता है।
किसी की आदत को अपनाना
जब बच्चे अपने आसपास के लोगों (माता-पिता या बड़े भाई बहन) द्वारा किसी तरह के डर की आदत को देखते हुए बढ़ते हैं, तो ऐसे में वह खुद भी उस चीज जैसे कि पानी से डरना शुरु कर देते हैं।
आनुवांशिक कारण
आनुवंशिक कारण से व्यक्ति को एक्वाफोबिया व अन्य फोबिया हो सकता है। स्ट्रेस डिसऑर्डर या अन्य फोबिया की फैमिली हिस्ट्री वाले व्यक्ति में एक्वाफोबिया विकसित करने के लिए अधिक संभावना हो सकती है।
एक्वाफोबिया के लक्षण - Symptoms Of Aquaphobia In Hindi
- दिल की धड़कनें तेज होना
- सांस फूलना या हाइपरवेंटिलेशन
- चक्कर आना या हल्का सिरदर्द होना
- पसीना आना, कांपना या हिलना
- मतली या पेट खराब होना
- सीने में दर्द या बेचैनी
- पानी को देखने या उसके बारे में सोचने पर बहुत ज़्यादा डर या घबराहट होना
- पानी से जुड़ी गतिविधियों से बचना, जैसे कि तैरना, नाव चलाना या नहाना, आदि।
एक्वाफोबिया से कैसे बचाव करें? - How to overcome aquaphobia in hindi
यह एक मानसिक स्थिति है इससे धीरे-धीरे निपटा जा सकता है। आगे जानते हैं इसे मैनेज करने के तरीके के बारे में।
एक्सपोजर थेरेपी
फोबिया के लिए एक्सपोजर थेरेपी सबसे प्रभावी उपचारों में से एक है। इसमें व्यक्ति को धीरे-धीरे उस वस्तु या स्थिति के संपर्क में लाना शामिल है जिससे वह डरता है। व्यक्ति के डर को दूर करने के लिए उसे पानी के पास ले जाया जाता है, इससे व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है।
कॉग्नेटिव बिहेवरियल थेरेपी (CBT)
कॉग्नेटिव बिहेवरियल थेरेपी एक तरह की टॉक थेरेपी है। जो व्यक्ति की फोबिया में योगदान देने वाले नकारात्मक विचारों को पहचानने में मदद करती है। ऐसे में डॉक्टर या थेरेपिस्ट धीरे-धीरे व्यक्ति के मन से डर बाहर निकालते हैं।
ट्रेनर से तैराकी सीखना
एक्वाफोबिया से पीड़ित लोगों को प्रशिक्षक के साथ तैराकी सीखनी चाहिए। तैराकी को सीखाने वाले ट्रेनर व्यक्ति को बेहद ही छोटी-छोटी चीजों को सीखाना शुरु करते हैं। इसमें ट्रेनर कम गहरे पानी से तैरना शुरु कराते हैं।
दवा
कुछ मामलों में, एक्वाफोबिया से जुड़ी चिंता के लक्षणों को मैनेज करने में मदद करने के लिए दवाएं दी जा सकती हैं। शारीरिक लक्षणों को कम करने के लिए एंटी-एंग्जायटी दवाइयां या बीटा-ब्लॉकर्स दी जा सकती है।
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एक्वाफोबिया एक चुनौतिपूर्ण स्थिति है। धैर्य और सही इलाज से इस मानसिक स्थिति को दूर किया जा सकता है। इस डर पर काबू पाने के लिए व्यक्ति को लाइफस्टाइल में योग व एक्सरसाइज को शामिल करना चाहिए। इससे आपके मन की स्थिति दृढ़ होती है।