कीटो डाइट आज के समय में वजन घटाने के सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक बन चुकी है। इस डाइट में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है और फैट की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे शरीर की एनर्जी लेने की प्रक्रिया में बदलाव आता है। जब आप अचानक से कार्ब्स लेना बंद कर देते हैं, तो शरीर शुगर (ग्लूकोज) की जगह फैट को एनर्जी स्रोत के रूप में इस्तेमाल करने लगता है। इस प्रोसेस को 'कीटोसिस' कहा जाता है। हालांकि, इस बदलाव के शुरुआती दिनों में शरीर को कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जिसे कीटो फ्लू (Keto Flu) कहा जाता है।
लखनऊ के विकास नगर में स्थित न्यूट्रिवाइज क्लीनिक की न्यूट्रिशनिस्ट नेहा सिन्हा ने बताया कि कीटो फ्लू कोई असली बुखार या फ्लू नहीं है, बल्कि यह एक तरह की अस्थायी प्रतिक्रिया है जो शरीर में तब होती है जब वह कार्ब्स से फैट पर शिफ्ट हो रहा होता है। इस दौरान थकान, सिरदर्द, चक्कर आना, चिड़चिड़ापन, नींद न आना और मांसपेशियों में कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, यह स्थिति कुछ ही दिनों तक रहती है और सही देखभाल से इससे आसानी से निपटा जा सकता है। अगर आप कीटो डाइट शुरू करने की सोच रहे हैं, तो कीटो फ्लू के बारे में जानना आपके लिए जरूरी है ताकि आप सावधानी से इस ट्रांजिशन को हैंडल कर सकें। इस लेख में हम जानेंगे कीटो फ्लू के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में।
कीटो फ्लू क्या है?- What is Keto Flu
कीटो फ्लू एक अस्थायी स्थिति है जो तब होती है जब शरीर हाई-कार्ब डाइट से अचानक लो-कार्ब, हाई-फैट डाइट पर शिफ्ट होता है। इस बदलाव के दौरान शरीर की एनर्जी जनरेट करने की प्रक्रिया बदलती है, जिससे कुछ लोगों को फ्लू जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।
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कीटो फ्लू के लक्षण- Symptoms of Keto Flu
- थकान और कमजोरी
- सिरदर्द होना
- जी मिचलाना
- नींद न आना
- चिड़चिड़ापन महसूस होना
- मांसपेशियों में ऐंठन
- एकाग्रता में कमी
- चक्कर आना
- लो ब्लड प्रेशर
- स्ट्रेस महसूस होना
कीटो फ्लू होने के कारण- Causes of Keto Flu
- कीटो फ्लू का एक कारण है ग्लूकोज की कमी। शरीर को तुरंत एनर्जी नहीं मिलती क्योंकि कार्ब्स कम हो जाते हैं।
- इलेक्ट्रोलाइट्स का असंतुलन होने पर भी कीटो फ्लू हो सकता है। सोडियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स की कमी से थकान और ऐंठन होती है।
- डिहाइड्रेशन के कारण कीटो फ्लू हो सकता है। कीटो डाइट में पानी की कमी जल्दी हो सकती है, जिससे सिरदर्द और चक्कर आते हैं।
- शरीर का कीटोसिस में एडजस्ट होने की प्रक्रिया के दौरान, शरीर को फैट बर्निंग मोड में आने में समय लगता है। इस वजह से भी कीटो फ्लू महसूस हो सकता है।
कीटो फ्लू से बचने के उपाय- Prevention Tips for Keto Flu
- पानी की मात्रा बढ़ाएं। हर दिन कम से कम 3-4 लीटर पानी पीएं।
- इलेक्ट्रोलाइट्स लें। नमक, नींबू पानी, नारियल पानी या इलेक्ट्रोलाइट सप्लीमेंट लें।
- धीरे-धीरे कीटो डाइट अपनाएं। अचानक कार्ब्स बंद न करें, धीरे-धीरे ट्रांजिशन करें।
- आराम करें और नींद पूरी लें। शरीर को बदलाव के दौरान पूरा रेस्ट दें।
- फैट्स और फाइबर का सही संतुलन रखें। हेल्दी फैट्स जैसे नारियल तेल, घी वगैरह को डाइट में शामिल करें।
डॉक्टर से कब मिलें?- When to See a Doctor
- अगर लक्षण 7-10 दिनों से ज्यादा समय तक बने रहें, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
- कई बार चक्कर आने, उल्टी, डिहाइड्रेशन या बेहोशी महसूस होने पर भी डॉक्टर की सलाह लें।
- ब्लड प्रेशर बहुत कम हो जाए या दिल की धड़कन अनियमित लगे, तो भी डॉक्टर से मिलें।
किन लोगों को कीटो डाइट नहीं लेना चाहिए?- Who Should Avoid Keto Diet
- डायबिटीज टाइप 1 के मरीज: इन्हें हाइपोग्लाइसीमिया (ब्लड शुगर बहुत लो होने) का खतरा रहता है।
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं: शरीर को इस समय ज्यादा पोषण की जरूरत होती है और कीटो डाइट से पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।
- किडनी या लिवर की बीमारी से पीड़ित लोग: हाई प्रोटीन और फैट की वजह से किडनी पर ज्यादा दबाव पड़ सकता है।
- पैंक्रियाज की समस्या वाले लोग: क्योंकि फैट डाइजेशन से जुड़ी दिक्कतें कीटो डाइट में बढ़ सकती हैं।
- थायराइड रोगी: कीटो डाइट कुछ लोगों में थायरॉइड हार्मोन के लेवल को प्रभावित कर सकती है।
- ईटिंग डिसऑर्डर (जैसे एनोरेक्सिया) से जूझ रहे लोग: सख्त डाइट कंट्रोल, मानसिक स्वास्थ्य को और बिगाड़ सकता है।
कीटो डाइट वजन घटाने और मेटाबॉलिज्म सुधारने का एक असरदार तरीका है, लेकिन इसका सही ढंग से फॉलो करना जरूरी है। कीटो फ्लू, इस प्रक्रिया का सामान्य हिस्सा है, जो थोड़ी देखभाल से आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है।
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FAQ
कीटो फ्लू क्या है और यह कितने समय तक रहता है?
कीटो फ्लू एक अस्थायी स्थिति है जो कीटो डाइट शुरू करने पर होती है और आमतौर पर यह 3 से 7 दिनों तक रहती है।क्या कीटो का कोई साइड इफेक्ट है?
हां, कीटो डाइट से कब्ज, सिरदर्द, थकान, पोषक तत्वों की कमी और कोलेस्ट्रॉल लेवल में बदलाव जैसे साइड इफेक्ट हो सकते हैं। इसलिए डॉक्टर की सलाह से ही कीटो डाइट लेनी चाहिए।कीटो डाइट लेने पर सिरदर्द क्यों होता है?
कीटो डाइट लेने पर कुछ लोगों को सिर में दर्द महसूस होता है। कार्ब्स की कमी और इलेक्ट्रोलाइट्स का असंतुलन सिरदर्द की मुख्य वजह हो सकता है।