बच्चों को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा मायोपिया, दुनियाभर में हर तीसरे बच्चे में हो रही है ये समस्या: स्टडी

Myopia Prevention Tips in Children: हाल ही में एक स्टडी के मुताबिक ्दुनियाभर में हर तीसरे बच्चे में मायोपिया की समस्या देखी जा रही है। 
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बच्चों को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा मायोपिया, दुनियाभर में हर तीसरे बच्चे में हो रही है ये समस्या: स्टडी


Myopia Prevention Tips in Children: आजकल आंखों से जुड़ी समस्याएं लोगों में तेजी से बढ़ रही हैं। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह स्मार्टफोन या स्क्रीन का ज्यादा इस्तेमाल करना है। बड़ी ही नहीं, बल्कि बच्चों में आंखों से जुड़ी समस्या के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। बच्चे मायोपिया की चपेट में सबसे ज्यादा आ रहे हैं। हाल ही में ब्रिटिश जर्नल ऑप्थोमोलॉजी (British Journal of Ophthalmology) में छपी एक स्टडी के मुताबिक दुनियाभर में हर तीसरा बच्चा मायोपिया का शिकार हो रहा है। ऐसा सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के बच्चों में देखा जा रहा है। 

दुनियाभर में बढ़ रहा है मायोपिया का खतरा 

ब्रिटिश जर्नल ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी में छपी स्टडी में बच्चों में मायोपिया के बढ़ते मामलों को लेकर अलर्ट किया गया है। स्टडी के मुताबिक साल 2050 तक करोड़ों बच्चे मायोपिया का शिकार हो सकते हैं। यह शोध 50 देशों के 5 मिलियन बच्चों पर किया गया, जिसमें देखा गया कि नॉर्थ कोरिया में 73 फीसदी, जापान में 85 फीसदी, रूस और चीन में 40 फीसदी बच्चे मायोपिया से पीड़ित हैं। साल 1990 से 2023 तक मायोपिया की संख्या 3 गुना ज्यादा बढ़ी है। 

myopia in children

बच्चों में मायोपिया के लक्षण (Myopia Symptoms in Children)

  • बच्चों में मायोपिया होने पर आंखों से धुंधला दिखाई देने की समस्या हो सकती है। 
  • ऐसी स्थिति में बच्चे आंखों को बार-बार रगड़ते हैं। 
  • मायोपिया होने पर बार-बार या लगातार सिर में दर्द हो सकता है। 
  • ऐसे में आंख बंद करना या सामान्य से ज्यादा पलक झपकाना भी इसका एक लक्षण हो सकता है। 
  • स्मार्टफोन या टीवी को बहुत करीब से देखना है। 

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बच्चों को मायोपिया से कैसे बचाएं? (How to Prevent Myopia in Children) 

  • बच्चों को मायोपिया से बचाने के लिए आपको सबसे पहले उनके स्क्रीन टाइम को कम करने की जरूरत है। 
  • इससे बचाने के लिए उन्हें पास से स्क्रीन देखने को मना करें। 
  • मायोपिया से बचने के लिए बच्चों की आंखों का रेगुलर चेकअप कराते रहें। 
  • कुछ मामलों में आई ड्रॉप और कॉन्टेक्ट लेंस भी आपकी मदद कर सकते हैं, लेकिन इसका इस्तेमाल अपने डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें। 

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