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Hereditary Myopia: बच्चों में अनुवांशिक रूप से भी हो सकता है निकट दृष्टि दोष, डॉक्टर से जानें

Hereditary Myopia in Children in Hindi: बच्चों में अनुवांशिक रूप से भी कई बार निकट दृष्टि दोष यानि मायोपिया हो सकता है। आइये डॉक्टर से समझते हैं। 
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Hereditary Myopia: बच्चों में अनुवांशिक रूप से भी हो सकता है निकट दृष्टि दोष, डॉक्टर से जानें


What is Hereditary Myopia in Children in Hindi: मायोपिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें दूर की चीजें अक्सर धुंधली दिखाई देती हैं। आम भाषा में इसे निकट दृष्टि दोष कहा जाता है। यह समस्या आजकल युवाओं के साथ-साथ बच्चों को भी तेजी से अपना शिकार बना रही है। मॉडर्न लाइफस्टाइल के नाम पर लोग अपना लाइफस्टाइल और खराब बनाते जा रहे हैं, जो कहीं न कहीं शरीर के अन्य अंगों के साथ-साथ आंखों को भी प्रभावित कर रहा है। मायोपिया बच्चों में भी तेजी से बढ़ रहा है। बच्चों में यह समस्या कई बार अनुवांशिक रूप से भी हो सकती है। जिसे हेरिडिटेरी मायोपिया कहा जाता है। आइये जगत फार्मा के डायरेक्टर और आंखों के आयुर्वेदिक आई स्पेश्लिस्ट डॉ. मंदीप सिंह बासु से जानते हैं इसके बारे में।

बच्चों में अनुवांशिक रूप से भी हो सकता है मायोपिया

डॉ. बासु के मुताबिक बच्चों में अनुवांशिक रूप से मायोपिया हो सकता है। अगर माता-पिता दोनों में से किसी को हाई मायोपिया है तो संभव है कि यह समस्या कई बार बच्चे में भी देखी जा सकती है। ऐसे में बच्चे को भी निकट दृष्टि दोष यानि मायोपिया से होकर गुजरना पड़ सकता है। अगर आपको लगता है कि आपकी समस्या बच्चे में भी हो रही है तो बिना देरी किए डॉक्टर को दिखाना चाहिए। समय से इलाज करके बच्चों में इस समस्या को मैनेज किया जा सकता है। साथ ही कुछ बच्चों में चश्मा का नंबर भी उतारा जा सकता है। 

 

 

 

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बच्चों में कैसे पहचानें निकट दृष्टि दोष के लक्षण?

  • बच्चा अगर किताब काफी करीब से पढ़ रहा है या मोबाइल का इस्तेमाल नजदीक से कर रहा है तो यह निकट दृष्टि दोष का लक्षण हो सकता है।
  • अगर आपका बच्चा टीवी बहुत पास से देख रहा है तो भी यह निकट दृष्टि दोष का एक लक्षण है।
  • सिरदर्द या आंखों में दर्द होना भी इसका एक लक्षण हो सकता है।
  • कई बार आंखों को रगड़ना और पलकें झपकाना भी बच्चों में मायोपिया का संकेत होते हैं। 

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सही समय पर इलाज कराना जरूरी

डॉ. बासु के मुताबिक निकट दृष्टि दोष का संदेह होने पर बच्चों की आंखों की जांच करानी चाहिए। अगर यह जांचें सामान्य या नेगिटिव हैं तो यह नॉर्मल मायोपिया हो सकता है। इसे शुरूआत से ही कम किया जा सकता है।

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