What is Hyper Sympathetic State in Hindi: आज के समय में कई ऐसी बीमारियां और स्वास्थ्य समस्याएं हैं, जिन्हें हम आसानी से पहचान तक नहीं सकते हैं। मेंटल हेल्थ से जुड़ी ऐसी कई समस्याएं हैं, जिनके संकेत या लक्षण कई बार इतने आम होते हैं कि वे समझ में नहीं आते हैं। ऐसी ही एक समस्या है, जिसे हाइपर सिंपेथेटिक स्टेट कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें कई बार मुंह सूखने के साथ-साथ सांस की गति बिना किसी कारण तेज हो जाती है। क्या आपको भी हाइपर सिंपेथेटिक स्टेट से परेशान हैं? अगर हां, तो इस लेख को जरूर पढें। आइये न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सिड वॉरियर से जानते हैं हाइपर सिंपेथेटिक स्टेट के लक्षण और इसे मैनेज करने के आसान तरीकों के बारे में।
क्या है हाइपर सिंपेथेटिक स्टेट?
हाइपर सिंपेथेटिक स्टेट एक ऐसी समस्या है, जो आमतौर पर तब होती है, जब इंसान एंग्जाइटी का सामना कर रहा होता है।एंग्जाइटी से पीड़ित होने पर इसके लक्षण मरीज में देखे जा सकते हैं। आमतौर पर इसे नर्वस सिस्टम से जुड़ी एक प्रकार की समस्या मानी जाती है। यह समस्या आमतौर पर ब्रेन में किसी प्रकार की ब्रेन इंजरी होने या ब्रेन में इंफेक्शन होने के चलते हो सकती है। दरअसल, जब मरीज एंग्जाइटी में होता है तो ऐसे में उसके नर्वस सिस्टम पर प्रभाव पड़ता है, जिससे यह समस्या हो सकती है।
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हाइपर सिंपेथेटिक स्टेट के लक्षण
- हाइपर सिंपेथेटिक स्टेट से पीड़ित होने पर आंखों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में आंखों में बेचैनी या नींद की कमी हो सकती है।
- ऐसे में मुंह सूखने की समस्या हो सकती है।
- इस स्थिति में कई बार हाथ-पैर अपने आप ही हिलने-डुलने लगते हैं।
- ऐसे में मरीज कई बार बैठे-बैठे ही पैर हिलाने लगता है। ऐसे में सांस लेने की गति अपने आप बढ़ सकती है।
हाइपर सिंपेथेटिक स्टेट को मैनेज करने के तरीके
- हाइपर सिंपेथेटिक स्टेट को मैनेज करने के लिए आपको आंखों को रिलैक्स रखना चाहिए।
- इसके लिए लंबी गहरी सांस लें और धीरे-धीरे सांस लें।
- एक ही जगह पर लंबे समय तक बैठे रहने से बचें।
- इसके लिए आपको एंग्जाइटी से बचना चाहिए।