How To Prevent HIV From Progressing To AIDS In Hindi: एचआईवी (ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस) शब्द सुनते ही हममें से ज्यादातर लोग घबरा जाते हैं। माना जाता है कि एचआईवी न सिर्फ गंभीर बीमारी है, बल्कि जानलेवा भी है। साथ ही, एचआईवी बहुत आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे में फैल जाती है। इसलिए, कई लोग पर्याप्त जानकारी न होने की वजह से एचआईवी पीड़ित लोगों से दूर रहते हैं। यहां तक कि उनके साथ उठना-बैठना भी सही नहीं समझते हैं। हालांकि, यह सच है कि एचआईवी गंभीर रोग है और हमारी बॉडी की हेल्दी सेल्स को इतना नुकसान पहुंचाते हैं कि व्यक्ति को हल्की सर्दी-जुकाम भी हो जाए, तो वह जल्द निमोनिया में बदल सकता है। आपको शायद यह पता न हो एचआईवी और एड्स यानी एक्वायर्ड इम्युनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (AIDS) दोनों एक चीज नहीं हैं। एड्स के कई स्टेज होते हैं। इसके शुरुआती दो स्टेज को हम एचआईवी के नाम से जानते हैं। जबकि यह आखिरी स्टेज में पहुंचता है, तब इसे हम एड्स कहते हैं। विशेषज्ञों की मानें, वैसे तो एचआईवी होने के बाद मरीज के सेल्स कमजोर होते जाते हैं। आपको बता दें कि हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day 2024) मनाया जाता है। इस खास मौके पर हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं, जिनकी मदद से एचआईवी (AIDS) को एड्स में बदलने से कुछ समय के लिए रोका जा सकता है। आइए, मेडिकवर हॉस्पिटल के यूरोलॉजिस्ट और एंड्रोलॉजिस्ट डॉ. विजय दहिफले से जानते हैं उनके बारे में।
क्या एचआईवी को एड्स में बदलने से रोका जा सकता है?- How To Prevent HIV From Turning To AIDS In Hindi
आपको शुरू में ही स्पष्ट कर दें कि ऐसा कोई तरीका नहीं है, जिससे एचआईवी को एड्स में बदलने से रोका जा सके। एचआईवी होने पर मरीज को डॉक्टर से अपना ट्रीटमेंट करवाना चाहिए। यही नहीं, छोटी-मोटी बीमारी होने पर भी लोगों को उसी समय डॉक्टर के पास जाना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि एचआईवी होने के बाद (HIV aids me kab badalta hai) छोटी बीमारी भी गंभीर रूप ले सकती है, जो कि भविष्य में जानलेवा भी हो सकती है। वैसे भी एचआईवी इम्यून सिस्टम को पूरी तरह नष्ट कर देता है और इस बीमारी का अब तक कोई स्थाई इलाज नहीं है। इसलिए, एचआईवी के प्रति लापरवाही सही नहीं है।
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एचआईवी को एड्स में बदलने से रोकने के टिप्स
एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी
एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) एक किस्म की थेरेपी होती है, जिसकी मदद से एचआईवी को एड्स में बदलने की संभावना को कम किया जा सकता है। जिन लोगों को शुरुआती दिनों में ही एचआईवी का पता चल जाता है, वे आर्ट की मदद ले सकते हैं। इस थेरेपी की मदद से एचआईवी के मरीजों की लाइफ की क्वालिटी में सुधार किया जाता है, एचआईवी ट्रांसमिशन को रोकने पर काम किया जाता है और इम्यून सिस्टम को रिस्टोर करने में मदद करता है।
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टेस्ट करवाएं
एचआईवी के मरीजों को चाहिए कि वे समय-समय पर अपनी जांच करवाते रहें। इससे उनके शरीर में हो रहे बदलाव पर नजर रखी जा सकती है और एचआईवी वायरस की कंडीशन का पता लगाया जा सकता है। इस तरह, एचआईवी को एड्स तक पहुंचने से पहले कई जरूरी कदम उठाने में मदद मिल सकती है।
कंडोम करें यूज
एचआईवी से पीड़ित लोगों को यौन संबंध बनाते हुए काफी सजग रहना चाहिए। उन्हें हर बार यौन संबंध बनाने के लिए सुरक्षा का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा, एक से अधिक पार्टनर या संक्रमित पार्टनर के साथ यौन संबंध बनाना जानलेवा साबित हो सकता है। इस तरह की गतिविधियों से दूर रहना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होगा।
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