मध्य प्रदेश के मैहर में खसरे से 2 बच्चों की मौत हो गई है। जबकि इससे 17 बच्चे संक्रमित बताए जा रहे हैं। न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) एल के तिवारी ने बताया कि बीमारी को फैलने से रोकने के लिए एक मेडिकल टीम को तैनात किया गया है। एहतियात के तौर पर जिले के 8 गांवों के सभी स्कूलों को 3 दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। साथ ही, जिलाधिकारी ने इलाके में 5 किलोमीटर तक के गांव और बस्तियों का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया है।
बच्चों में खसरे का संक्रमण न हो इसके लिए फिलहाल आसपास के इलाकों में समारोह और सार्वजनिक कार्यक्रमों पर भी रोक लगा दी गई है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो जल्द ही विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम मध्य प्रदेश का दौरा कर सकती है। फिलहाल इस संक्रमण ने स्वास्थ्य विभाग के चौंका दिया है। मध्य प्रदेश में इस संक्रमण के फैलने की वजह से आज इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं आखिरकार खसरा क्या है, खसरे के लक्षण क्या हैं और इससे बचाव कैसे किया जा सकता है। इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने हैदराबाद के शिशु रोग विशेषज्ञ संदीप बेलपत्रे से बातचीत की।
क्या है खसरा?
डॉक्टर का कहना है कि खसरा जिसे रूबेला नाम से भी जानते हैं ये एक संक्रामक बीमारी है। यह बीमारी वायरस की वजह से फैलती है। खसरे के वायरस नाक और गले के म्यूकस में रहते हैं। इस बीमारी से संक्रमित कोई मरीज जब खांसता और छींकता है तो वायरस हवा में फैलता और दूसरे व्यक्ति को संक्रमित करता है। खसरा होने के 7 से 10 दिन के बाद त्वचा पर इसके लक्षण देखें जा सकते हैं। डॉक्टर की मानें तो व्यस्कों के मुकाबले खसरा बच्चों में तेजी से फैलता है।
इसे भी पढ़ेंः ज्यादा खाने पर भी बच्चों में हो जाती है इन 4 माइक्रो न्यूट्रियएंट्स की कमी, एक्सपर्ट से जानें इसके बारे में
खसरा के लक्षण क्या हैं?
डॉक्टर संदीप बेलपत्रे की मानें तो खसरे के वायरस से संक्रमित होने के 7 से 10 दिन के बाद बच्चों में इसके लक्षण दिखाई देते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में।
- बुखार
- सूखी खांसी आना
- नाक से पानी आना
- गला खराब होना
- गाल के अंदर सफेद छोटे धब्बे
- शरीर पर छोटे और बड़े लाल निशान
- सूजी हुई आंखें
- गंभीर स्थिति में आंख से पानी आना और दस्त भी हो सकते हैं।
इसे भी पढ़ेंः बढ़ती उम्र में नहीं होंगी बीमारियां, बस फॉलो करें डॉक्टर से बताए ये टिप्स
खसरे से बचाव के तरीके
खसरा संक्रमण में अगर शुरुआत से ही लक्षणों को पहचानकर इलाज शुरू कर दिया जाए, तो इससे बचाव कियाए जा सकता है। खसरे से बचाव के लिए आप इन सावधानियों का ध्यान रखें-
1. घर में किसी सदस्य या बच्चे को खसरा हो गया है तो उसे एक अलग कमरे में आइसोलेट कर देना चाहिए। अगर संक्रमित व्यक्ति ज्यादा लोगों से मिलेगा तो यह संक्रमण उतना ही फैलेगा।
2. खसरे की बीमारी में मरीज को पर्याप्त आराम करने की सलाह दी जाती है। इस बीमारी के इलाज के लिए कोई निश्चित दवा नहीं है। एक्सपर्ट का कहना है कि खसरे में लक्षणों के आधार पर दवा दी जाती है।
3.खसरे से बचने के लिए विटामिन ए का पर्याप्त मात्रा में सेवन करना चाहिए। डॉक्टर संदीप बेलपत्रे का कहना है कि विटामिन ए की कमी की वजह से बच्चों में खसरे का खतरा बढ़ता है।
इसे भी पढ़ेंः निमोनिया के बुखार से परेशान है बच्चा, तो फॉलो करें एक्सपर्ट के बताए गए ये टिप्स
4. खसरे के मरीज को नारियल पानी पिलाना चाहिए। दरअसल, खसरे में शरीर में पानी की कमी हो जाती है। नारियल पानी शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है और इम्यूनिटी को स्ट्रांग बनाता है।
खसरे में कौन सा टीका लगाया जाता है?
एक्सपर्ट का कहना है कि बच्चों को खसरे जैसी संक्रामक बीमारी से बचाने के लिए रूबेला का टीका लगाया जाता है। यह टीका राष्ट्रीय टीकाकरण के अंतर्गत 9-12 माह की आयु पर और 16-24 माह की आयु में दिया जाता है। जो लोग बच्चे को अतिरिक्त रूबेला की डोज देना चाहते हैं वो इस बारे में अपने डॉक्टर से बात कर सकते हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि खसरे या किसी अन्य संक्रमण में बच्चों को वैक्सीन और दवाएं देने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए, क्योंकि 1 से 17 साल के बीच इंसान का शारीरिक और मानसिक विकास हो रहा होता है। इस दौरान दवाओं और वैक्सीन का ओवरडोज होने की वजह से भविष्य में कई परेशानियां हो सकती हैं।