शरीर सही तरीके से काम कर सके और दिमाग का फोकस बना रहे इसके लिए सही न्यूट्रिशियन की जरूरत होती है। खासकर बढ़ती उम्र में बच्चे के लिए न्यूट्रिशियन बहुत जरूरी होता है। इस उम्र में किसी भी तरह की न्यूट्रिशनल डेफिशिएंसी स्किन प्रॉब्लम, हड्डियों के विकास में रुकावट, मानसिक परेशानी और गट हेल्थ प्रॉब्लम का कारण बन सकती है। बच्चे को सभी न्यूट्रियंट्स सही और संतुलित मात्रा में मिले इसके जिम्मेदारी पेरेंट्स पर होती है। मेन न्यूट्रिएंट्स को तो पूरा किया जा सकता है, लेकिन माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का क्या? (What are Micronutrients? ) हमारे देश में आज भी ज्यादातर न्यू पेरेंट्स को माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की जानकारी नहीं होती है।
जिसका असर बच्चों पर पड़ता है और वह बीमारी की चपेट में आते हैं। इसलिए आज इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं माइक्रोन्यूट्रिएंट्स क्या है और बच्चों में इसकी कमी के लक्षण क्या हैं। इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए ओनली माय हेल्थ की टीम ने केयर फॉल यू क्लीनिक की पीडिरिट्रिशियन डॉ. वैदेही दांडे (Dr Vaidehi Dande, Paediatrician at Care For You Clinic, Mumbai.) से बातचीत की।
माइक्रो न्यूट्रिएंट्स क्या है?- What are Micronutrients?
डॉ. दांडे के अनुसार, हमारे शरीर को दो तरह के न्यूट्रिएंट्स की जरूरत होती है। मैक्रो और माइक्रो। मैक्रो न्यूट्रिएंट्स यानी वह पोषक तत्व जिनकी हमें ज्यादा मात्रा में जरूरत होती है और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स जिसकी जरूरत हमें कम मात्रा में होती है। इन माइक्रोन्यूट्रिएंट्स में आयरन, आयोडीन, मैग्नीशियम, फ्लोरीन और विटामिन ए, विटामिन डी और बी कॉम्प्लेक्स विटामिन जैसे विटामिन शामिल हैं।
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बच्चों में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी के लक्षण?- Signs Of Micronutrient Deficiency In Children
डॉ. दांडे का कहना है कि बच्चों में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी का कोई एक लक्षण नहीं है। बच्चों में इसके विभिन्न लक्षण दिखाई दे सकते हैंः
- थकान महसूस होना
- भूख कम लगना
- बार-बार इन्फेक्शन होना
- शारीरिक और मानसिक विकास में कमी
- एनीमिया
- मसूड़ों से खून आना
क्यों जरूरी हैं माइक्रोन्यूट्रिएंट्स?- Why Micronutrients is Important
एक्सपर्ट का कहना है कि माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी कई बड़ी बीमारियों के जोखिम को बढ़ाती है। हार्ट प्रॉब्लम, टाइप 2 डायबिटीज, कैंसर और ऑस्टियोपोरोसिस आदि जैसे रोगों को रोकने में भी माइक्रोन्यूट्रिएंट्स अहम भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा यह शारीरिक और मानसिक विकास के लिए आवश्यक एंजाइम, हार्मोन और अन्य पदार्थों के उत्पादन के लिए भी जरूरी होते हैं।
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माइक्रोन्यूट्रिएंट्स के प्रकार- Types of Micronutrients In Hindi
माइक्रोन्यूट्रिएंट्स में विटामिन और मिनरल्स 4 प्रकार के होते हैं।
- पानी में घुलनशील विटामिन- Water Soluble Vitamin
- फैट में घुलनशील विटामिन- Fat Soluble Vitamin
- माइक्रो मिनरल्स- Macro minerals
- ट्रेस मिनरल्स- Trace Minerals
माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी को कैसे पूरा करें
एक्सपर्ट का कहना है कि बच्चों में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी न हो इसके लिए रोजाना के खाने में कम से 25 प्रतिशत तक फल जरूर होने चाहिए। उन्होंने कहा, कुछ खाद्य पदार्थों में विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं। सबसे अच्छा उदाहरण आयोडीन युक्त नमक है जो आयोडीन की कमी को रोकता है। ठीक इसी तरह खट्टे फलों का सेवन करने से विटामिन सी की कमी को पूरा किया जा सकता है।
कब करें डॉक्टर से बातचीत?
एक्सपर्ट की मानें तो अगर पेरेंट्स को बच्चों में ऊपर बताए गए लक्षण या स्किन रैशेज, स्किन पर किसी तरह इंफेक्शन नजर आता है तो उन्हें डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। हर बच्चे की शारीरिक विकास की जरूरत अलग होती है, ऐसे में डॉक्टर की सलाह पर बच्चों का डाइट चार्ट बनाएं और उसे फॉलो करें। Image Credit: Freepik.com