जब बारिश की नमी खत्म होकर आसमान साफ और चांद चमकने लगता है, तो ऋतु बदलने का संकेत मिलता है, यही समय है शरद ऋतु का। इस ऋतु में मौसम तो मन को सुकून देता है, लेकिन शरीर के भीतर का संतुलन अक्सर गड़बड़ा जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, इस समय पित्त दोष सबसे ज्यादा सक्रिय होता है, जिससे शरीर में गर्मी बढ़ जाती है। यही वजह है कि शरद ऋतु में बहुत से लोगों को एसिडिटी, जलन, मुंह में छाले, गुस्सा, इनडाइजेशन और खराब नींद जैसी समस्याएं होने लगती हैं। आयुर्वेद में इसका समाधान भी बेहद सुंदर और प्राकृतिक बताया गया है चांदनी स्नान यानी Moon Bathing, यह सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन वास्तव में यह एक आयुर्वेदिक थेरेपी है।
इस लेख में मेवाड़ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर एवं प्राकृतिक चिकित्सालय बापू नगर, जयपुर की वरिष्ठ चिकित्सक योग, प्राकृतिक चिकित्सा पोषण और आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. किरण गुप्ता (Dr. Kiran Gupta, Yoga, Naturopathy, Nutrition and Ayurveda Specialist, Professor at Mewar University and Senior Physician at Naturopathy Hospital, Bapunagar, Jaipur) से जानिए, शरद ऋतु में चांदनी स्नान के आयुर्वेदिक फायदे क्या हैं?
शरद ऋतु में चांदनी स्नान के आयुर्वेदिक फायदे - Moon bathing Benefits In Sharad Ritu
डॉ. किरण गुप्ता बताती हैं कि चांदनी स्नान का अर्थ है रात में चांद की ठंडी रोशनी में 10-15 मिनट तक समय बिताना। इसे करने के लिए आप खुले आसमान के नीचे बैठ सकते हैं या पार्क में वॉक कर सकते हैं। डॉ. किरण गुप्ता के अनुसार, ''चांदनी स्नान पित्त दोष को शांत करने का प्राकृतिक उपाय है। यह शरीर की गर्मी को ठंडक देता है और मानसिक शांति प्रदान करता है।''
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चंद्र स्नान के क्या फायदे हैं? - Moon bath benefits
1. पित्त दोष को संतुलित करे
चांद की रोशनी में बैठने से शरीर की आंतरिक गर्मी कम होती है। यह पित्त दोष को शांत कर संतुलन बनाए रखती है। इससे एसिडिटी, जलन, चिड़चिड़ापन और गुस्से में कमी आती है।
2. स्किन पर नेचुरल ग्लो आए
आयुर्वेद में कहा गया है कि चंद्रमा का संबंध सौंदर्य और शीतलता से है। रात की ठंडी चांदनी स्किन के तापमान को सामान्य रखती है, जिससे स्किन में नमी और ग्लो बढ़ता है। यह नेचुरल स्किन थेरेपी की तरह काम करता है।
3. डाइजेशन को बेहतर करे
पित्त दोष के बढ़ने पर डाइजेशन गड़बड़ होता है। चांदनी स्नान शरीर में कूलिंग इफेक्ट लाकर डाइजेशन को सही करता है। इससे ब्लोटिंग, गैस और इनडाइजेशन जैसी समस्याएं कम होती हैं।
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4. नींद की क्वालिटी बेहतर करे
शरीर में गर्मी और तनाव नींद को प्रभावित करते हैं। रात में चांद की ठंडी रोशनी में समय बिताने से मन शांत होता है, जिससे नींद गहरी और सुकूनभरी आती है।
5. स्ट्रेस और गुस्सा कम करे
चांदनी स्नान मानसिक शांति प्रदान करता है। इसकी ठंडी रोशनी दिमाग पर शांत प्रभाव डालती है, जिससे कोर्टिसोल (stress hormone) का लेवल घटता है। यह एक नेचुरल माइंड थेरपी की तरह काम करता है।
चांदनी स्नान कैसे करें? - How to take a moon bath
- शरद ऋतु में रात 8 से 10 बजे के बीच का समय सबसे अच्छा माना गया है।
- खुले आकाश के नीचे, पार्क, बालकनी या छत पर बैठें।
- 10-15 मिनट तक चांदनी में बैठें या धीरे-धीरे वॉक करें।
- इस दौरान फोन या तेज रोशनी वाले गैजेट्स से बचें, ताकि चांदनी का असर पूरा मिले।
निष्कर्ष
शरद ऋतु में चांदनी स्नान एक सरल लेकिन बेहद प्रभावी आयुर्वेदिक उपाय है, जो शरीर, मन और आत्मा, तीनों को संतुलन में लाता है। यह न केवल पित्त दोष को शांत करता है बल्कि स्किन, डाइजेशन और नींद की क्वालिटी को भी सुधारता है। डॉ. किरण गुप्ता कहती हैं, ''रोजाना कुछ मिनट चांदनी में समय बिताना, आधुनिक जीवन के तनाव को दूर कर, शरीर और मन को फिर से प्रकृति की लय में ले आता है।''
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FAQ
क्या चांदनी त्वचा के लिए अच्छी है?
आयुर्वेद के अनुसार चांद की ठंडी किरणें त्वचा की गर्मी कम करती हैं, जिससे स्किन पर नेचुरल ग्लो आता है, पिंपल्स और रैशेज की समस्या घटती है और स्किन हाइड्रेटेड रहती है।क्या सभी लोग चांदनी स्नान कर सकते हैं?
यह सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए फायदेमंद है। खासकर जिन लोगों को एसिडिटी, चिड़चिड़ापन, नींद की कमी या पित्त से जुड़ी समस्याएं होती हैं, उनके लिए यह बहुत उपयोगी है।चांदनी स्नान के साथ क्या सावधानियां रखनी चाहिए?
चांदनी स्नान करते समय इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से दूर रहें, तेज़ रोशनी वाले स्थान पर न बैठें और बहुत देर तक ठंडी हवा में न रहें। चाहें तो स्नान से पहले हल्का पानी या नारियल पानी पी सकते हैं ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे।
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Oct 06, 2025 17:03 IST
Published By : Akanksha Tiwari