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मानसून में पित्त दोष को शांत करने के लिए फॉलो करें ये डाइट प्लान, जानें क्या खाएं और क्या नहीं?

मानसून में पित्त दोष को कम करने के लिए आपको डाइट में बदलाव करना चाहिए। डॉक्टर से जानते हैं इस मौसम में क्या खाएं?  
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मानसून में पित्त दोष को शांत करने के लिए फॉलो करें ये डाइट प्लान, जानें क्या खाएं और क्या नहीं?

साल भर मौसम में बदलाव होता रहता है। मौसम और आहार का प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। आयुर्वेद में मौसम और ऋतु के अनुसार आहार में बदलाव करने की सलाह दी जाती है। जानकारों के अनुसार मानसून में शरीर में वात और पित्त में बदलाव की वजह से सेहत में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। इस समय पित्त दोष होने से आपकी पाचन क्रिया बाधित होती है। पाचन क्रिया प्रभावित होने से पेट संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में इस दोष को शांत करने के लिए डाइट में आवश्यक बदलाव करने होते है। ओनलीमायहेल्थ डॉक्टरों और आयुर्वेदाचार्यों से संपर्क कर पाठकों के लिए उपयोगी लेख लेकर आते हैं। इसी कड़ी में आज हम "आरोग्य विद आयुर्वेद" की सीरीज में मानसून या बारिश के मौसम में पित्त दोष को कम करने में डाइट कैसी होनी चाहिए, इस बारे में विस्तार से बताएंगे। इस विषय पर विश्वसनीय और सही जानकारी के लिए हमने वेदिक्योर हेल्थकेयर एंड वेलनेस के आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. श्रावणी चावण (Dr. Shravani Chavan) से बात की। उन्होंने हमें मानसून में पित्त रोग को शांत करने वाली डाइट के बारे में विस्तार से बताया।

डॉ श्रावणी चावण बताती हैं, "बारिश के समय में मौसम में बदलाव होने से प्रकृति में बदलाव हो रहा होता है। इसका प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। इस समय व्यक्ति के शरीर में पित्त और वात में अंसुतलन होने लगता है। ऐसे में कुछ लोगों को सीने में जलन, कब्ज, पाचन क्रिया बाधित होने, खट्टी डकार आने, पेट फूलने व सिर दर्द की समस्या हो सकती है। इन समस्याओं से बचने के लिए आपको गरिष्ठ भोजन नहीं खाना चाहिए। मानसून में सुपाच्य भोजन करना चाहिए, जो पेट संबंधी समस्याओं से बचाते हैं।"

मानसून में पित्त को शांत करने के लिए क्या खाएं? -  What To Eat In Monsoon in Pitta Dosha According To Ayurveda In Hindi

  • अनाज - पुराने चावल, लाल चावल, बाजरा, ज्वार
  • सब्जी - लौकी, भिंडी, तोरई, टिंडे, परवल
  • दाल - मूंग दाल, मसूर, तूर दाल, कुलथी दाल
  • मसाले - जीरा, धनिया, हल्दी, पुदीना
  • फल- अनार, खरबूजा, आड़ू, आदि।
  • गाय का घी व मक्खन।
  • पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं।

ayurvedic diet plan for piita dosha in monsoon

मानसून में पित्त दोष होने पर क्या न खाएं? - What To Avoid In Monsoon in Pitta Dosha According To Ayurveda In Hindi

मानसून के दौरान पित्त कुपित करने वाले तेज मिर्च-मसाले, तला हुआ व बासी खाना नहीं खाना चाहिए। आयुर्वेदाचार्य के अनुसार प्याज, लहसुन, सोडा, विनेगर, अरारोट का ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए। इस समय अधिक मात्रा में पानी पीने और दूध पीने से भी बचें। इससे पित्त दोष बढ़ सकता है। इसके अलावा, आलू, छोले, चौलाई और चने का सेवन कम से कम करें, क्योंकि इनको पचने में अधिक समय लगता है।

मानसून में पित्त दोष कम करने के लिए आयुर्वेदिक डाइट प्लान - Ayurvedic Diet Plan For Pitta Dosha in Monsoon In Hindi

सुबह उठने के बाद - नारियल पानी व हर्बल टी (गुनगुने पानी के साथ हल्दी) पी सकते हैं।

सुबह का नाश्ता - एक बाउल कोई भी मौसमी फल और एक छोटी कटोरी गाय के घी से बनी वेजिटेबल दलिया

मिड मॉर्निंग (करीब 12 बजे) - छाछ पी सकते हैं

दोपहर का भोजन -  पुराने चावल और मूंग दाल, साथ में तोरई या लौकी ले सकते हैं।  

स्नैक - ग्रीन टी

रात का भोजन - मूंग दाल खिचड़ी या उबली हुई सब्जियों का सेवन करें।

इसे भी पढ़ें : आयुर्वेद के अनुसार मानसून में क्या खाएं और क्या न खाएं? एक्सपर्ट से जानें पूरा डाइट प्लान

मानसून में स्वस्थ रहने के लिए डाइट में बदलाव के साथ ही लाइफस्टाइल में भी बदलाव करने की सलाह दी जाती है। इस दौरान आप योग में प्राणायाम, अनुलोम-विलोम, ध्यान, मेडिटेशन करें। पर्याप्त नींद लेना भी शरीर के दोषों को कम करता है। बारिशों के समय में दोपहर में सोने से बचें। नीलगिरी व कपूर के तेल से सिर की मसाज करने से फायदा होता है। एसी में कम से कम रहने का प्रयास करें। आयुर्वेद के महत्व को जानने के लिए हमारे 'आरोग्य विद आयुर्वेद' सीरीज के साथ जुड़े रहें। इस तरह के आर्टिकल पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट www.onlymyhealth.com के साथ जुड़े रहें। इस आर्टिकल को अपने दोस्तों और परिचितों के साथ जरूर शेयर करें।

 

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