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मानसून में स्वस्थ रहने के लिए अपनाएं ये आयुर्वेदिक टिप्स, रहेंगे हेल्दी

बरसात के मौसम में स्वस्थ रहने के लिए आप इन आयुर्वेदिक टिप्स को फॉलो कर सकते हैं और खान-पान की आदतों में हेल्दी बदलाव कर सकते हैं।
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मानसून में स्वस्थ रहने के लिए अपनाएं ये आयुर्वेदिक टिप्स, रहेंगे हेल्दी

मौसम में परिवर्तन के साथ शरीर को उसके अनुसार ढालना मुश्किल हो जाता है। किसी भी मौसम में आपको स्वस्थ रहने के लिए उस मौसम के अनुसार तालमेल बैठाना जरूरी होता है। मानसून के मौसम में भी व्यक्ति का बार-बार बीमार पड़ना, बुखार, खांसी और जुकाम जैसे वायरल इंफेक्शन होने का जोखिम बढ़ जाता है। इसलिए, इस मौसम में इम्यून सिस्टम को मजबूत रखना जरूरी होता है। आयुर्वेदिक एक्‍सपर्ट डॉ दीक्सा भावसार सावलिया के अनुसार, "आयुर्वेद में, बरसात के मौसम में वात दोष बढ़ जाता है और वात का बढ़ना ज्यादातर बीमारियों के लिए जिम्मेदार होता है। इसलिए, बारिश के दौरान अपने वात को संतुलित रखने, इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने और पाचन को बेहतर बनाए रखने के लिए खान-पान में कुछ आयुर्वेदिक नियमों का पालन करना जरूरी है।" तो आइए आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. दीक्सा भावसार सावलिया से जानते हैं मानसून में स्वस्थ रहने के नियम क्या हैं और मानसून में क्या खाया जाता है?

बरसात के मौसम में स्वास्थ्य की देखभाल कैसे करें?

1. पूरे दिन शुंठी सिद्ध पानी पिएं

सारा दिन शुंठी सिद्ध पानी पीने से आपकी भूख, इम्यूनिटी और चयापचय को बेहतर रखने में मदद मिलती है। यह पानी बनाना बहुत आसान हैं, शुंठी सिद्ध जल बनाने के लिए 1 लीटर पानी लें, इसमें आधा चम्मच सूखा अदरक पाउडर यानी शुंठी या ताजे अदरक का एक छोटा डंठल डालें। इसके बाद मध्यम आंच पर 10 मिनट तक  इस पानी को उबालें। पानी में अच्छी तरह उबाल आने के बाद इसे छान लें और कमरे के तापमान पर ठंडा होने के लिए रख दें और फिर इस पानी को स्टील की बोतल में भरकर रख दें। आप सारा दिन इस पानी का सेवन करें। 

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2. शहद खाना

रोजाना सुबह उठने के बाद या सोने से पहले 1 चम्मच शहद का सेवन करें। सुबह या रात को शहद खाने से कफ को संतुलित करने में मदद मिलती है, जो आपके वजन को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। शहद का सेवन आपको मानसून में होने वाली बीमारियों जैसे जुकाम और खांसी से बचाता है। 

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3. पुराने अनाज का सेवन

मानसून के दौरान आप पुराने अनाज जैसे पुराने चावल, पुरानी दाल या पुराने बाजरे का सेवन करें, जो ताजी उपज न हो, बल्कि एक या दो साल पहले की उपज हो। आयुर्वेद में मानसून के दौरान पुराने अनाज का सेवन करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह पचाने में आसान होते हैं और वात या पाचन संबंधी समस्याओं को बढ़ाने से रोकते हैं, जबकि नए अनाज का सेवन आप में पाचन संबंधित समस्याओं का कारण बन सकता है। 

मानसून के दौरान इन 3 नियमों का पालन करने से आप खुद को स्वस्थ और बीमारियों से दूर रख पाएंगे। 

Image Credit: Freepik 

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