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PCOS का पता लगाने के लिए कौन से टेस्ट कराने चाहिए? जानें डॉक्टर से

Lab Tests To Diagnose Pcos: पीसीओएस को कंट्रोल में रखने के लिए इसकी समय पर जांच कराना जरूरी है। जानें पीसीओएस की जांच के लिए कौन से टेस्ट कराएं?   
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PCOS का पता लगाने के लिए कौन से टेस्ट कराने चाहिए? जानें डॉक्टर से


Blood Tests To Diagnose Pcos: पीरियड्स से लेकर मेनोपॉज महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं। ऐसे में कुछ महिलाओं को पीरियड्स की समस्या भी हो सकती है। दरअसल, पीसीओएस एक हार्मोनल डिसऑर्डर है, जिसके कारण पीरियड्स साइकिल पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है। इसके कारण पीरियड्स इर्रेगुलर होना, अचानक वजन बढ़ना, शरीर पर बाल आना या त्वचा से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं। लेकिन क्या हो अगर आपको इस समस्या के बारे में पता ही नहीं चल पाए? इसलिए जरूरी है सही मेडिकल चेकअप के जरिए इस समस्या का पता लगाया जा सके। इस बारे में जानने के लिए हमने बात कि न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स के लैब प्रमुख डॉ. विज्ञान मिश्रा से। आइये इस लेख के माध्यम से समझे इस बारे में।

blood test for PCOS

जानिए पीसीओएस में क्या-क्या लक्षण नजर आते हैं- Symptoms of PCOS

पीसीओएस की समस्या में शरीर में अनचाहे बाल उगने लगते हैं। ऐसे में पीरियड्स इर्रेगुलर होना, अचानक से वजन बढ़ना, त्वचा की रंगत में बदलाव या बालों का ज्यादा झड़ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। 

पीसीओएस का पता लगाने के लिए कराएं ये टेस्ट- Blood Tests To Diagnose Pcos

कोलेस्ट्रॉल प्रोफ़ाइल टेस्ट- Cholestrol Profile

पीसीओएस की समस्या हार्ट डिजीज और हाई कोलेस्ट्रॉल से जुड़ी भी होती है। इसलिए डॉक्टर्स कोलेस्ट्रॉल प्रोफ़ाइल टेस्ट कराने की सलाह देते हैं।  यह टेस्ट कराने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल, एचडीएल (हेल्दी) कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल (बैड) कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का पता लगाया जा सकता है। 

हार्मोन पैनल- Hormone Panel

हार्मोन पैनल टेस्ट के जरिए भी पीसीओएस का पता लगाया जा सकता है। इस टेस्ट के जरिए शरीर में  टेस्टोस्टेरोन, ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (एलएच), सेक्स हार्मोन-बाइंडिंग ग्लोब्युलिन (एसएचबीजी) जैसे हार्मोन के लेवल का पता लगाया जाता है। पीसीओएस में हाई टेस्टोस्टेरोन और एलएच-टू-एफएसएच का अनुपात देखा जाता है।

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इंसुलिन रेजिस्टेंस टेस्ट- Insulin Resistance Test

इंसुलिन रेजिस्टेंस टेस्ट के जरिए शरीर में इंसुलिन  और ग्लूकोज लेवल की जांच की जाती है।  इस टेस्ट के जरिए शरीर में अचानक आए बदलावों और हार्मोनल बदलाव का पता लगाया जाता है, जो सीधी तौर पर पीसीओएस से जुड़ा होता है।

लिपिड प्रोफाइल- Lipid Profile

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट के जरिए शरीर में  कोलेस्ट्रॉल लेवल, एचडीएल (हाई लेवल लिपोप्रोटीन), एलडीएल (लो लिपोप्रोटीन), और ट्राइग्लिसराइड्स सहित कोलेस्ट्रॉल लेवल की जांच की जाती है। पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में असामान्य लिपिड प्रोफाइल होता है, जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।

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एंटी-मुलरियन हार्मोन- Anti-Mullerian Hormone

पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में एएमएच लेवल अधिक पाया जाता है, जिसे ब्लड टेस्ट के जरिए ही मापा जा सकता है। हाई एएमएच लेवल के जरिए ओवेरियन फॉलिक्लस लेवल की जांच की जाती है, जो पीसीओएस का बड़ा कारण होता है। 

पीसीओएस के लक्षणों को नजरअंदाज करना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। एक्सपर्ट के बताए इन मेडिकल टेस्ट के जरिए आप पीसीओएस की समस्या का पता लगा सकते हैं। इस लेख में आपको सामान्य जानकारी दी गई है। इस विषय पर ज्यादा जानने के लिए एक्सपर्ट से संपर्क करें। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो, तो इसे शेयर करना न भूलें। 

 

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