रीढ़ की हड्डी में अंदरूनी चोट लगने पर दिख सकते हैं ये 5 लक्षण, बिना देरी किए तुरंत कराएं इलाज

रीढ़ की हड्डी में चोट में लगने पर दिखाई देने वाले लक्षणों को नजरअंदाज करना आपको मुश्किल में डाल सकता है। आगे बताए लक्षणों का करें तुरंत इलाज  
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रीढ़ की हड्डी में अंदरूनी चोट लगने पर दिख सकते हैं ये 5 लक्षण, बिना देरी किए तुरंत कराएं इलाज

रात को गलत तरह से सोने व गलत पोश्चर में बैठने की वजह से पीठ में दर्द हो सकता है। इसके अलावा, कई बार एक्सीडेंट की वजह से भी स्पाइन कॉर्ड में इंजरी हो सकती है। कई बार स्पाइनल कॉर्ड में इंजरी के कारण लोगों को चलने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इस समस्या में सांस लेने में परेशानी, बाउल मूवमेंट, पेशाब को कंट्रोल न कर पाना, शरीर का बैलेंस बनाने में परेशानी व हाथ-पैरों की सक्रियता में कमी हो सकती है। ऐसे में व्यक्ति को रोजाना के कार्य करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इंडियन स्पाइनल इंजरीज़ सेंटर के डॉक्टर विकास टंडन से जानते हैं कि स्पाइल कॉर्ड में इंजरी होने पर क्या लक्षण दिखाई देते हैं और इस समस्या का इलाज कैसे किया जाता है। 

स्पाइनल कॉर्ड इंजरी होने पर क्या लक्षण दिखाई देते हैं? Symptoms Of Spinal Cord Injury in Hindi 

आपको बता दें कि रीढ़ की हड्डी में कई ब्लॉक्स से जुड़कर बनी होती है। इन ब्लॉक्स के बीच से होते हैं कई नसे मस्तिष्क तक जाती हैं। ऐसे में रीढ़ की हड्डी में लगी चोट नसों के सामान्य कार्य को बाधित कर सकते हैं। जिससे ब्रेन को शरीर के अंगों के संचालने सिंग्नल्स नहीं मिल पाते हैं या ये सिंग्नल ब्रेक हो सकते हैं। जिससे शरीर का मूवमेंट प्रभावित होता है। इसके अलावा, व्यक्ति को चलने या शरीर का बैलेंस बनाने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। रीढ़ की हड्डी में चोट लगने पर आगे बताए लक्षण महसूस हो सकते हैं। 

  • अंगों के संचालन में परेशानी होना
  • पीठ को छूने पर दर्द व झनझनाहट महसूस होना
  • बाउल मूवमेंट में पेरशानी
  • मांसपेशियों में ऐंठन होना
  • सांस लेने में परेशानी होना, आदि।  

स्पाइनल कॉर्ड में इंजरी के क्या कारण होते हैं? Causes Of Spinal Cord Injury In Hindi

स्पाइल कॉर्ड में इंजरीके कई कारण हो सकते हैं। लेकिन, इसके सबसे आम कारणों में फ्रैक्चर, एक्सीडेंट या गिरने को शामिल किया जा सकता है। इन कारणों की वजह से रीढ़ की हड्डी में चोट लग सकती है। 

इसके अलावा, लंबे समय तक सूजन का इलाज न कराना, फ्लूयड का बढ़न या अंदुरूनी रक्तस्राव के कारण भी रीढ़ की हड्डी डैमेज हो सकती है। इसके अलावा, डिस्क में इंफेक्शन, गठिया, ऑस्टियोपोरोसिस या कैंसर होने के कारण भी स्पाइनल कॉर्ड में इंजरी हो सकती है। 

spinal cord injury

किन लोगों को रीढ़ की हड्डी में चोट का जोखिम अधिक होता है? 

  • अधिक उम्र के लोगों को रीढ़ की हड्डी में चोट का जोखिम अधिक होता है। 
  • ज्यादा शराब की वजह से भी रीढ़ की हड्डी में चोट लग सकती है। 
  • इसके अलावा, खिलाड़ियों और जिन लोगों को पहले से स्पाइन से जुड़ी से समस्या होती है, उनको स्पाइनल कॉर्ड इंजरी का खतरा अधिक होता है। 

स्पाइनल कॉर्ड इंजरी का इलाज कैसे किया जाता है? Treatment Of Spinal Cord Injury in Hindi 

  • ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करना- रीढ़ की हड्डी की चोट के बाद डॉक्टर सबसे पहले स्पाइनल कॉर्ड में ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करते हैं। यह शरीर के संचालन में बाधा डाल सकता है। 
  • झटका लगने से बचाना - रीढ़ की हड्डी की चोट के बाद स्पाइन को तेज झटके से बचाना चाहिए। यह शरीर के अन्य अंगों को सुरक्षित रखने और आगे के डैमेज से बचाने में मदद करता है।
  • सर्जरी- रीढ़ की हड्डी की चोट से होने वाली परेशानियों से बचने के लिए सर्जरी को चुना जा सकता है। सर्जरी से रीढ़ की हड्डी पर पडऩे वाले अन्य दबावों और चोट के भरने का काम किया जा सकता है। डॉक्टर बताते हैं कि सर्जरी इलाज का सबसे अंतिम विकल्प हो सकता है। हल्की चोट का इलाज दवाओं से करने का प्रयास किया जाता है। 

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रीढ़ की हड्डी में तेज दर्द होने पर इसे नजरअंदाज न करें। इससे आपको अन्य गंभीर परेशानियां हो सकती है। स्पाइनल कॉर्ड इंजरी में आप बिना देर किए डॉक्टर से मिलकर जल्द इलाज शुरु कराएं।

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