
कुछ लोगों के ज्यादा देर तक खड़े रहने पर पैर के तलवों व एड़ियों में दर्द होने लगता है। वैसे, तो कई बार ज्यादा देर तक खड़े रहने से पैरोंं की मांसपेशियों में पड़े दबाव के कारण इस तरह की परेशानी हो सकती है। लेकिन, हर बार इस लक्षण को हल्के में नहीं लेना चाहते हैं, डॉक्टरे के अनुसार यदि आपको ज्यादा देर खड़े होने पर एड़ी और तलावों में दर्द महसूस हो तो यह प्लांटार फासिसाइटिस (Plantar Fasciitis) समस्या का कारण हो सकता है। इस समस्या में पैरों के निचले हिस्से में सूजन हो सकती है। साथ ही, यह पैरों की मांसपेशियों को कमजोर कर सकती है। आगे गंगाशील अस्पताल के ऑथोपेडिक्स डॉक्टर नवीन आनंद से जानते हैं कि इस समस्या में आपको क्या लक्षण महसूस होते हैं और इसका इलाज कैसे किया जाता है।
प्लांटार फासिसाइटिस (पैरों के तलवों और एंडियों में दर्द) में क्या लक्षण महसूस होते हैं - Plantar Fasciitis Symptoms In Hindi
शरीर में पैरों के निचले हिस्से के टिश्यू जो मुख्य रूप से एंडियों और पैरों की उंगलियों को जोड़ते हैं, उनमें सूजन आने की समस्या को प्लांटार फासिसाइटिस कहते हैं। इसके लक्षणों में पैरों के निचले हिस्से जैसे की एड़ी और तलवों में तेज चुभन वाला दर्द होता है।
यह दर्द सुबह के समय नींद से जागने के बाद जब आप चलना शुरू करते हैं, तो पहले कुछ कदमों में महसूस हो सकता है। इसके अलावा यदि आप किसी जगह पर या देर तक खड़े रहते हैं, तो भी आपको पैरों में दर्द महसूस हो सकता है। इसके अलावा, लंबे समय तक बैठने के बाद जब आप उठते हैं तो उस समय भी दर्द हो सकता है।
प्लांटार फासिसाइटिस किस कारण से होता है - Causes Of Plantar Fasciitis In Hindi
प्लांटर फैसिया (plantar fascia) टिश्यू का एक बैंड है, जो आपकी एड़ी की हड्डी को आपके पैर की उंगलियों से जोड़ता है। यह पैरों को सहारा देता है और चलते समय झटके को एब्सॉर्ब करता है। बताया जाता है कि जब इस पर दबाव बढ़ता है, तो ऐसे में टिश्यू पर फट सकते हैं। ऐसे में इस जगह पर जलन और सूजन हो सकती है। हालांकि, इसके कारणों को जानने के लिए अन्य अभी रिसर्च चल रही हैं।
प्लांटार फासिसाइटिस का इलाज कैसे किया जाता है? - Treatment Of Plantar Fasciitis In Hindi
प्लांटार फासिसाइटिस का इलाज दवाओं, थेरेपी और सर्जरी से किया जा सकता है। इसमें मरीज के स्थिति के आधार पर डॉक्टर इलाज के तरीके को चुन सकते हैं।
इसके शुरुआती लक्षणों की पहचान कर डॉक्टर दर्द को कम करने के लिए कुछ दवाएं दे सकते हैं। जिससे केवल दर्द को मैनेज किया जाता है।
थेरेपी
- फिजिकल थेरेपी: थेरेपिस्ट इसमें मरीज को पैरों के टिश्यू और निचले पैर की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए कुछ एक्सरसाइज बताते हैं। इस समस्या में पैरों के निचले हिस्से को सहारा देने के लिए एथलेटिक टेप की भी मदद ली जा सकती है।
- नाइट स्पिलिंट्स: इस दौरान मरीज को पैरों के सपोर्ट व स्ट्रेचिंग के लिए नाइट स्पिलिंट्स पहनकर सोने की सलाह दी जा सकती है।
- ऑर्थोटिक्स: मरीज के पैरों पर पड़ने दबाव को समान रूप से वितरित करने के लिए थेरेपिस्ट कस्टम-फिटेड आर्क सपोर्ट पहनने की सलाह दे सकते हैं। इसे ऑर्थोटिक्स कहा जाता है।
- छड़ी या बैसाखी: डॉक्टर या थेरेपिस्ट इस समय पैरों के दर्द को कम करने के लिए चलते समय छड़ी या बैसाखी लेने की सलाह दे सकते हैं। इससे पैरों के टिश्यू पर दबाव कम होता है।
इसके अलावा, सर्जरी में डॉक्टर पैरों के टिश्यू को रिपेयर करते हैं और उस पर पड़ने वाले दबाव को कम करने का प्रयास करते हैं। इससे दर्द में राहत मिलती है।
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पैरों में होने वाले दर्द को नजरअंदाज न करें। यह कई अन्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं। यदि, आपको मांसपेशियों में दर्द महसूस हो रहा है, तो ऐसे में डॉक्टर से उचित सलाह लें।
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