Types of Tests to Detect Fatty Liver Doctor Tells in Hindi: आजकल खराब और अनहेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करने से फैटी लिवर की समस्या तेजी से बढ़ रही है। आमतौर पर यह समस्या ज्यादा तैलीय पदार्थों का सेवन करने या शराब ज्यादा पीने के कारण होती है। फैटी लिवर की स्थिति में लिवर में फैट जम जाता है। शुरूआत में ही इसका पता चल जाने पर पहले स्टेज में इस समस्या को रोका जा सकता है। वहीं, इसे नजरअंदाज करना कई बार लिवर सिरोसिस (फैटी लिवर का आखिरी स्टेज) का कारण बन सकता है। इसलिए अगर आपको लिवर में कोई समस्या महसूस हो रही है तो लिवर से जुड़े कुछ टेस्ट कराना जरूरी होता है। आइये गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी से जानते हैं इन टेस्ट के बारे में।
लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT)
लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT) लिवर से जुड़ी समस्याओं का पता लगाने वाला एक आम टेस्ट है। इस टेस्ट को कराकर लिवर में चल रही गड़बड़ी को आसानी से पहचाना जा सकता है। यह टेस्ट ALT और AST जैसे एंजाइम्स का पता लगाता है। यह टेस्ट लिवर के फंक्शन्स को चेक करने के साथ ही लिवर में होने वाली समस्याएं जैसे फैट जमना, हेपाटाइटिस और लिवर सिरोसिस आदि को पहचानने का काम करता है।
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पेट का अल्ट्रासाइंड (Abdominal Ultrasound)
पेट का अल्ट्रासाउंड केवल पेट से जुड़ी समस्याओं के बारे में ही नहीं बताता है, बल्कि लिवर से जुड़ी समस्याओं का भी पता लगाने में मददगार साबित होता है। पेट का अल्ट्रासाउंड कराने से लिवर में जमा फैट की मात्रा आसानी से पता चलती है, जिससे फैटी लिवर का पता लग सकता है। इस टेस्ट के जरिए लिवर के शेप, साइज और ब्लड फ्लो का भी पता लगाया जा सकता है।
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इलास्टोग्राफी (Elastography)
फैटी लिवर का पता लगाने के लिए आप इलास्टोग्राफी टेस्ट करा सकते हैं। इस टेस्ट के जरिए लिवर स्टिफनेस का पता लगाया जा सकता है, जो लिवर फाइब्रॉइड्स की ओर इशारा करता है। इससे स्कारिंग और नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर का पता लग सकता है।